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भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न पेड़-पौधों की कई किस्में और प्रजातियां पायी जाती हैं। ये विविधता सिट्रस (Citrus) के पेडों में भी देखने को मिलती है, जिनमें से एक किस्म कागज़ी नींबू की भी है। इसका वैज्ञानिक नाम सिट्रस औरैंटीफोलिया (Citrus Aurantifolia) है जो सिट्रस मिक्रांथा (Citrus Micrantha) और सिट्रस मेडिका (Citrus Medica) का संकरित रूप है। कागज़ी नींबू उत्तर प्रदेश और जौनपुर क्षेत्र में आसानी से पाया जा सकता है। कागज़ी नींबू का फल गोलाकार होता है, जिसका व्यास 2.5-2 सेंटीमीटर के बीच हो सकता है। फल मुख्य रूप से हरे रंग का होता है, जो पकने पर पीला दिखाई देता है। बीजयुक्त इस फल में उच्च अम्लता, मज़बूत सुगंध और पतले छिलके होते हैं, जो कि अन्य सिट्रस फलों की तुलना में अधिक अमूल्य गुणों से भरपूर है।
अंग्रेजी में कागजी नींबू को ‘लाइम (Lime)’ कहा जाता है, इस शब्द की उत्पत्ति स्पेनिश (Spanish), फिर फ्रांसीसी (France) के माध्यम से अरबी शब्द लिमा (Lima) (जो कि फारसी शब्द लिमू (Limu) की एक व्युत्पत्ति है) से हुई थी। इस शब्द का सबसे पहला ज्ञात उपयोग 1905 में किया गया था, जहां इसे ‘बाजार में सबसे अच्छे’ फल के रूप में वर्णित किया गया था। यह सुगंधित, रसदार और नींबू से अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में होने के कारण इसे विभिन्न नामों जैसे वेस्ट इंडियन लाइम (West Indian Lime), बारटेंडर्स लाइम (Bartender's Lime), ओमानी लाइम (Omani Lime) या मैक्सिकन लाइम (Mexican Lime) आदि से भी जाना जाता है। यह कांटेदार और झाड़ीदार पेड़ लगभग 5 मीटर लम्बा होता है, जिसकी बौनी किस्में ठंडे मौसम में उगायी जा सकती हैं। इसके फूल प्रायः सफेद या बैंगनी रंग के होते हैं। कागज़ी नींबू का रस यदि त्वचा के सम्पर्क में आ जाये तो यह त्वचा के साथ रासायनिक क्रिया करता है और त्वचा को पराबैंगनी किरणों के प्रति अतिसंवेदनशील बना देता है। छोटी व नुकीली टहनियों वाले इस सदाबहार वृक्ष की खेती व्यापक रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है, विशेषकर वेस्ट इंडीज़ (West Indies), मैक्सिको (Mexico), फ्लोरिडा (Florida), मिस्र (Egypt) और दक्षिण पूर्व एशिया में। यह दक्षिण-पूर्व एशिया के भोजन में उपयोग की जाने वाली रोज़मर्रा की सामग्री है, जहां इसके पेड़ आमतौर पर घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए उगाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति उत्तरी भारत और निकटवर्ती म्यांमार या उत्तरी मलेशिया में हुई थी।
अपने विविध उपयोगों के लिए यह पेड़ विशिष्ट रूप से जाना जाता है, जिनमें से कुछ उपयोग निम्नलिखित हैं:
• इस फल का उपयोग खाने में स्वाद व सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है।
• फल के द्वारा अचार, मुरब्बा, जेली (Jelly) और सॉस (Sauce) का निर्माण भी किया जाता है।
• इसकी पत्तियों का उपयोग सूप (Soup) बनाने के लिए किया जाता है।
• स्वाद के अतिरिक्त इसके कई औषधीय गुण भी हैं जैसे पत्ते, फल, छिलके आदि से औषधीय तेल का निर्माण किया जाता है। पत्तियों का उपयोग सिरदर्द और सर्दी के उपचार के लिये किया जाता है।
• कागज़ी नींबू के रस को विभिन्न औषधियों में मिलाया जाता है तथा दस्त, जुखाम और बुखार के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है।
• इसे कच्चे लहसुन और पानी के साथ मिलाकर इसका उपयोग सर्पदंश के लिए किया जाता है।
• रस का उपयोग घावों को साफ करने के लिए भी किया जाता है।
• यह एक कृमिनाशक और गर्भनिरोधक भी है।
• इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं, जैसे क्रीम (Cream), साबुन, इत्र आदि में भी किया जाता है।
• यह व्यापक रूप से अपने जीवाणुरोधी, कैंसर (Cancer) प्रतिरोधी, एंटीडायबेटिक (Anti-diabetic), एंटिफंगल (Anti-fungal), एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory), एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) आदि गुणों के कारण उपयोग किया जाता है।
सिट्रस से सम्बंधित कई पेड़ लगभग एक जैसे होते हैं। जैसे कागज़ी नींबू तथा नींबू में कई समानताएं होती हैं किंतु आकारिकी और कुछ विशिष्ट गुणों के कारण इनमें अंतर किया जा सकता है। जैसे - कागज़ी नींबू उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बेहतर ढंग से वृद्धि करता है, जबकि नींबू के लिए सामान्य जलवायु पर्याप्त होती है। नींबू चमकदार पीला होता है जबकि कागज़ी नींबू हरे रंग का होता है। हालांकि ये पकने पर कुछ पीले रंग के हो जाते हैं। नींबू आम तौर पर कागज़ी नींबू की तुलना में मीठा होता है, जबकि कागज़ी नींबू स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है। कागज़ी नींबू अपेक्षाकृत छोटे और अधिक गोलाकार होते हैं जिनका व्यास 1-2 इंच तक हो सकता है। इसकी तुलना में, नींबू का व्यास 2-4 इंच होता है तथा इसका आकार अंडाकार होता है। अपने तीव्र खट्टे स्वाद के कारण कागजी नींबू का उपयोग कई खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में किया जाता है। इन्हें जहां खाद्य और पेय पदार्थों में या तो निचोड़कर या फिर स्लाइस (Slices) के रूप में उपयोग में लाया जाता है, वहीं छिलके के अद्वितीय कड़वे स्वाद को भी विभिन्न व्यंजन बनाने हेतु पसंद किया जाता है। उदाहरण के लिए, लोगों द्वारा इनके रस और छिलके का उपयोग सॉस, मैरिनेड (Marinades) और सलाद की सजावट के लिए उपयोग किया जा सकता है।
संदर्भ :
https://en.wikipedia.org/wiki/Key_lime
http://tropical.theferns.info/viewtropical.php?id=Citrus+aurantiifolia
https://bit.ly/2okOjKj
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5214556/
https://www.cabi.org/isc/datasheet/13438
https://www.medicalnewstoday.com/articles/325228.php
https://www.healthline.com/nutrition/lime-vs-lemon
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में कागजी नींबू को दिखाया गया है। (Freepik)
दूसरे चित्र में कागजी नींबू के एक ढ़ेर को दिखाया है। (Flickr)
तीसरे चित्र में पेड़ पर लगे हुए कागजी नींबू को दिखाया गया है। (Flickr)
अंतिम चित्र में स्लाइस (Slices) के रूप में कागजी नींबू को मिनरल वाटर में दिखाया गया है। (Unsplash)