आइए चलें सारनाथ और बोधगया की ओर, जहां बुद्ध ने पाया ज्ञान और दिया प्रथम उपदेश

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
11-05-2025 09:18 AM

जौनपुर वासियों, सारनाथ और बोधगया भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े दो सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थ स्थल माने जाते हैं। वाराणसी के निकट स्थित सारनाथ, वही पावन धरती है जहाँ पर भगवान् बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात अपना पहला उपदेश दिया था। वहीं दूसरी ओर, बिहार में स्थित बोधगया वो स्थान है जहाँ की पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को परम ज्ञान की अनुभूति हुई थी। यहीं पर उन्होंने ध्यान साधना की और बुद्धत्व को प्राप्त किया था। सारनाथ और बोधगया, दोनों स्थानों पर दुनियाभर से श्रद्धालु और तीर्थयात्री खिंचे चले आते हैं। 

सारनाथ, वह पवित्र भूमि है जहाँ बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था! यह स्थान आज भी शांति और पवित्रता की एक विशेष आभा बिखेरता है। यहाँ स्थित 43.6 मीटर ऊँचा विशाल धामेक स्तूप, प्राचीन बौद्ध वास्तुशिल्प का एक अद्भुत नमूना प्रस्तुत करता है। सम्राट अशोक द्वारा स्थापित अशोक स्तंभ, जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा अब संग्रहालय में संरक्षित है, और साथ ही बोधगया से लाया गया पवित्र बोधि वृक्ष का अंश, सारनाथ को बौद्ध इतिहास की विस्तृत गाथा से मज़बूती से जोड़ते हैं। 
इस प्रथम विडियो में हम सारनाथ के परिसर के अध्यात्मिक भ्रमण पर चलेंगे|

इस अगले विडियो के ज़रिए हम सारनाथ के इतिहास को समझने का प्रयास करेंगे:


बोधगया को बौद्ध तीर्थयात्रियों की हृदय स्थली माना जाता है! यहीं पर पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। यहाँ स्थित भव्य महाबोधि मंदिर, अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के साथ, बौद्ध धर्म के इसी अभ्युदय का जीवंत साक्षी है। बोधगया का आकर्षण केवल इसके ऐतिहासिक महत्व में ही नहीं, बल्कि यहाँ की जीवंत और विविध संस्कृति में भी गहराई से बसा हुआ है। 

आइए इस अगले विडियो के माध्यम से बोधगया के महाबोधि मंदिर के इतिहास को गहराई से समझते हुए दिव्य दर्शन करते हैं:

यह अगला विडियो हमें बोधिवृक्ष की महिमा से परिचित कराएगा:

 

संदर्भ :

https://tinyurl.com/3fad3x2z 

https://tinyurl.com/yy2vuy8n 

https://tinyurl.com/82jzc48b 

https://tinyurl.com/yycd4nda 

https://tinyurl.com/25xcclpk 

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