रुद्राक्ष के अद्भुत औषधीय गुणों के बारे में कितना जानते हैं, आप?

म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण
11-10-2025 04:00 PM
रुद्राक्ष के अद्भुत औषधीय गुणों के बारे में कितना जानते हैं, आप?

भगवान विष्णु की नगरी हरिद्वार में प्रवेश करते ही आपको चारों ओर रुद्राक्ष की माला पहने हुए अनेक शिवभक्त दिखाई देंगे! कोई भी साधु-संन्यासी आपको बिना माला के नहीं दिखेगा! हालाँकि हम हमेशा रुद्राक्ष की माला को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं! लेकिन क्या आप जानते हैं कि रुद्राक्ष के बीजों में कई औषधीय गुण भी होते हैं जो आपके जीवन को बदल सकते हैं! आज के इस लेख में हम रुद्राक्ष के ऐसे ही औषधीय गुणों को समझने की कोशिश करेंगे!
एलाओकार्पस गैनिट्रस' (Elaeocarpus ganitrus), जिसे हम सब आमतौर पर 'रुद्राक्ष' के नाम से जानते हैं, भारत में पाए जाने वाले एलाओकार्पेसी (Elaeocarpaceae) परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। यह वृक्ष मुख्य रूप से हिमालय के क्षेत्रों में उगता है।
रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे आयुर्वेदिक औषधियों में श्रेष्ठ या 'औषधियों का राजा' भी कहा गया है, क्योंकि इसमें अनेक आध्यात्मिक और औषधीय गुण विद्यमान हैं। ये गुण हमें रोगों से बचाने और उनका इलाज करने, दोनों में ही सहायक होते हैं।
अगर हम एलाओकार्पस वंश की बात करें, तो पूरी दुनिया में इसकी लगभग 360 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। ये प्रजातियाँ ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, मलेशिया और प्रशांत महासागर के द्वीपों तक फैली हुई हैं। एशिया के विभिन्न भागों में इस वंश की करीब 120 प्रजातियाँ मिलती हैं, और यह जानना रोचक है कि इनमें से 25 प्रजातियाँ अकेले हमारे भारत देश में ही मौजूद हैं।

रुद्राक्ष (Rudraksha), एलियोकार्पस (Elaeocarpus) नामक वंशावली के एक विशेष पेड़ का सूखा हुआ बीज या मनका होता है। इन पवित्र मनकों का उपयोग हिंदू धर्मावलंबी, विशेषकर भगवान शिव के उपासक (शैव), और बौद्ध अनुयायी, प्रार्थना की माला के रूप में करते हैं। जब रुद्राक्ष का फल पूरी तरह पक जाता है, तब उस पर एक नीले रंग की बाहरी परत चढ़ जाती है। इसी नीले रंग के कारण इन मोतियों को कभी-कभी "ब्लूबेरी बीड्स" यानी नीलफल मोती भी कहा जाता है।

रुद्राक्ष के मनकों का हिंदू देवता भगवान शिव से गहरा नाता बताया जाता है। इन्हें अक्सर सुरक्षा कवच के रूप में और 'ॐ नमः शिवाय' (Om Namah Shivaya) जैसे पवित्र मंत्रों का जाप करने के लिए धारण किया जाता है। ये मुख्य रूप से भारत, इंडोनेशिया और नेपाल में पाए जाते हैं, जहाँ इनसे सुंदर आभूषण और जप करने की मालाएँ (माला) बनाई जाती हैं। रुद्राक्ष के दानों का महत्व और मूल्य अर्ध-बहुमूल्य रत्नों जैसा ही माना जाता है।

हर रुद्राक्ष की सतह पर कुछ 'मुखी' (अर्थात 'मुख' या हिस्से) हो सकती हैं, जिनकी संख्या इक्कीस तक जा सकती है। ये असल में प्राकृतिक रूप से बनी हुई सीधी धारियाँ होती हैं जो मनके को अलग-अलग खंडों में विभाजित करती हैं। ऐसी मान्यता है कि हर मुख किसी विशेष देवता का प्रतिनिधित्व करता है।

रुद्राक्ष के पेड़ में एक अनोखा और रहस्यमयी गुण छिपा होता है। वनस्पति जगत की किसी भी अन्य प्रजाति के विपरीत, एक ही रुद्राक्ष के पेड़ पर अलग-अलग मुखी वाले दाने लगते हैं! इनमें से हर प्रकार की मुखी का अपना विशिष्ट आध्यात्मिक महत्व होता है। एक ही पेड़ से उत्पन्न होने वाली ऐसी अविश्वसनीय विविधता किसी अन्य पौधे की प्रजाति में कभी नहीं देखी गई। रुद्राक्ष के पेड़ की यह क्षमता, कि वह इतने विविध प्रकार के आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण मनके प्रदान कर सकता है, वास्तव में प्रकृति के किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह प्राकृतिक और आध्यात्मिक जगत में इसके अद्वितीय स्थान का प्रमाण है, जो इसकी विशेष बनावट में झलकता है।

शोध से पता चलता है कि रुद्राक्ष का दाना मुख्य रूप से कार्बन (50.031%), हाइड्रोजन (17.897%), ऑक्सीजन (30.53%) और नाइट्रोजन (0.95%) से बना होता है, साथ ही इसमें कुछ अन्य सूक्ष्म तत्व भी होते हैं। इसमें एल्कलॉइड्स और फ्लेवोनोइड्स जैसे कई फायदेमंद फाइटोकेमिकल्स (पौधों में पाए जाने वाले रसायन) पाए जाते हैं।
 
आइए अब रुद्राक्ष की अद्भुद उपचार क्षमताओं के बारे में जानते हैं:
रुद्राक्ष की मालाएँ अपने गहरे उपचार और चिकित्सीय गुणों के लिए भी जानी जाती हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इन्हें पहनने से हृदय गति को नियंत्रित करने, तनाव का स्तर घटाने और उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायता मिल सकती है। साथ ही ये मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी प्रसिद्ध हैं; इसीलिए, इन्हें ध्यान और सचेतन अभ्यास के लिए अमूल्य साधन माना जाता है।
आयुर्वेद में रुद्राक्ष का उपयोग औषधि के रूप में होता आया है। कई ग्रंथों में इसका उल्लेख बचाव और उपचार दोनों के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियों में किया गया है। जिन क्षेत्रों में रुद्राक्ष के पेड़ उगते हैं, वहाँ के निवासी विभिन्न रोगों के लिए पेड़ की छाल, पत्तियों और दानों के बाहरी आवरण का उपयोग करते हैं। विशेष रूप से यह मन से जुड़े विकारों, सिरदर्द, बुखार, त्वचा रोगों और घावों को ठीक करने में काम आता है। इसे ‘इंडियन मेटेरिया मेडिका’ में भी एक औषधीय उत्पाद के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

यह सर्वविदित है कि वात, पित्त और कफ को संतुलित रखकर स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखा जा सकता है। इससे एलोपैथिक दवाओं और उनके दुष्प्रभावों से भी बचाव होता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष अपने सूक्ष्म विद्युत-चुंबकीय गुणों से मन को प्रभावित करता है। इसलिए, इसके प्रयोग से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

रुद्राक्ष पर कुछ प्रकाशित और अप्रकाशित शोध कार्य भी हुए हैं, जो एक दवा के रूप में इसकी प्रभावशीलता दिखाते हैं। उदाहरण के तौर पर, मुंबई विश्वविद्यालय में हुए परीक्षणों ने बुद्धि, स्मृति और हृदय-संवहनी विकारों पर इसके सकारात्मक प्रभाव को स्थापित किया है। कई हर्बल दवाएं बनाने में इस दाने के उपयोग की पर्याप्त संभावनाएं हैं। जिन क्षेत्रों में रुद्राक्ष के पेड़ पाए जाते हैं, वहाँ के स्थानीय निवासियों का अनुभव बताता है कि यह मानसिक विकारों और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

रुद्राक्ष की प्रकृति अम्लीय और गर्म होती है और यह वात तथा कफ को नियंत्रित करता है। यह सिरदर्द को दूर करता है और मानसिक रोगों को ठीक करता है। हमारे प्राचीन महाकाव्यों में भी इस दाने को कई रोगों के लिए उपयोगी बताया गया है।

रुद्राक्ष चिकनपॉक्स के लक्षणों की गंभीरता कम करने में मदद करता है। यह बीमारी से होने वाली बेचैनी, थकान और सिरदर्द को घटाता है। साथ ही, यह चिकनपॉक्स के दानों में होने वाली जलन और दर्द को भी कम करता है। यह ठीक होने की प्रक्रिया को तेज़ करता है और अन्य समस्याओं (जटिलताओं) को रोकता है।

स्मृति बढ़ाने में रुद्राक्ष कैसे सहायक होता है?

शोध के अनुसार, याददाश्त को विभिन्न तरीकों से बेहतर बनाया जा सकता है। इनमें अभ्यास, दोहराव, स्मरण तकनीकें और नोट्स या रिमाइंडर जैसी बाहरी सहायता का उपयोग शामिल है। शिक्षा, काम और व्यक्तिगत संबंधों सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में अच्छी याददाश्त बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। हाल के वर्षों में, याददाश्त बढ़ाने के वैकल्पिक तरीकों को खोजने में रुचि बढ़ रही है। माना जाता है कि रुद्राक्ष के दानों में ऐसे गुण होते हैं जो स्मरण शक्ति, बुद्धिमत्ता और संज्ञानात्मक कार्यों (सोचने-समझने की प्रक्रिया) को बढ़ा सकते हैं। 

हाल के वर्षों में, स्मृति वृद्धि पर रुद्राक्ष के प्रभावों को समझने में रुचि बढ़ी है। यह जानने के लिए संज्ञानात्मक मनोविज्ञान और तंत्रिका विज्ञान (न्यूरोसाइंस) को मिलाकर अंतःविषय शोध किया जा रहा है। रुद्राक्ष के संभावित स्मृति बढ़ाने वाले प्रभावों की जांच के लिए विभिन्न अध्ययन किए गए हैं। इन अध्ययनों में स्मृति परीक्षण और संज्ञानात्मक आकलन जैसे व्यवहारिक मापों का उपयोग किया गया है। साथ ही, फंक्शनल MRI (fMRI) और ईईजी (EEG) जैसी न्यूरोइमेजिंग तकनीकों से यह भी जांचा गया है कि रुद्राक्ष से स्मृति वृद्धि के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है।

एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने स्मृति से जुड़ा कार्य करते समय रुद्राक्ष की माला पहनी थी, उनका प्रदर्शन माला न पहनने वालों की तुलना में काफी बेहतर था। उनकी अल्पकालिक और दीर्घकालिक, दोनों प्रकार की स्मृति में सुधार देखा गया। इसके अलावा, न्यूरोइमेजिंग परिणामों ने मस्तिष्क के उन क्षेत्रों (जैसे कि हिप्पोकैम्पस और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स) में सक्रियता बढ़ी हुई दिखाई जो स्मृति से जुड़े हैं।

फोरेंसिक न्यूरोसाइकोलॉजी में रुद्राक्ष के उपयोग से याददाश्त और संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार की अपार संभावनाएं हैं। यह अंतर्विषयक दृष्टिकोण न केवल रुद्राक्ष के संभावित चिकित्सीय प्रभावों की हमारी समझ को बढ़ाता है, बल्कि इस क्षेत्र में आगे के शोध और खोज के लिए एक ठोस आधार भी प्रदान करता है।
भविष्य में रुद्राक्ष और स्मृति-सुधार के क्षेत्र में होने वाले शोध को उन विशिष्ट तरीकों की और गहराई से जाँच करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिनके द्वारा यह प्राचीन अभ्यास याददाश्त को प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त, अध्ययनों में विभिन्न जनसंख्या समूहों, जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों से पीड़ित व्यक्ति या उम्र बढ़ने के साथ होने वाली संज्ञानात्मक गिरावट वाले लोगों में, रुद्राक्ष के संभावित लाभों का पता लगाना चाहिए। संक्षेप में कहें तो, रुद्राक्ष के मनकों और याददाश्त बढ़ाने पर हुए शोध बताते हैं कि एकाग्रता, फोकस और स्मरण शक्ति में सुधार के दावों में वैज्ञानिक वैधता हो सकती है। 

यदि आप हरिद्वार में रुद्राक्ष के मनकों के कई विक्रेताओं को ढूंढ रहे हैं तो यहाँ आपके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें श्री हरि एम्पोरियम, रुद्राक्ष संस्कार डॉट कॉम, असलोमल विजय कुमार, महादेव एंटरप्राइजेज, और मोहन जी रुद्राक्ष एम्पोरियम जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। ये सभी विभिन्न प्रकार के उत्पाद पेश करते हैं,  जिनमें 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक के रुद्राक्ष, सिद्ध माला (चांदी में भी उपलब्ध), डिजाइनर माला, ब्रेसलेट और कंठा आदि शामिल हैं। उत्पादों की कीमतें उनके प्रकार, मुखी की संख्या, आकार और गुणवत्ता के आधार पर भिन्न होती हैं, जो ₹45 से लेकर ₹8500 या उससे अधिक तक हो सकती हैं। कुछ विक्रेता विशिष्ट उत्पादों के लिए नवीनतम मूल्य या कोटेशन प्रदान करते हैं।
इनसे जुड़ी एक विस्तृत सूची निम्नवत दी गई है:

विक्रेता का नाम (Supplier Name)उत्पाद (Product)उत्पाद का प्रकार / विवरण (Product Type / Description)मूल्य (Price)
M/s श्री हरि एम्पोरियम1 मुखी रुद्राक्ष1 मुखी रुद्राक्ष मनका (18 मिमी), धार्मिक उपयोग₹804
M/s श्री हरि एम्पोरियम16 मनकों की रुद्राक्ष सिद्ध माला1 से 14 मुखी मनके (4 से 22 मिमी), सिद्ध माला₹8499
M/s श्री हरि एम्पोरियमभूरा रुद्राक्ष सिद्ध माला चांदी में1 से 14 मुखी मनके (4 से 22 मिमी), चांदी में सिद्ध माला₹8500
रुद्राक्ष संस्कार डॉट कॉम1 मुखी रुद्राक्ष मनके (दक्षिण भारतीय)1 मुखी रुद्राक्ष (दक्षिण भारतीय)₹1100 प्रति पीस
रुद्राक्ष संस्कार डॉट कॉमरुद्राक्ष के मनकेरुद्राक्ष के मनके (भारत में निर्मित) 
M/s असलोमल विजय कुमारभूरे 21 मुखी प्राकृतिक नेपाली रुद्राक्ष मनके21 मुखी प्राकृतिक नेपाली रुद्राक्ष₹45
M/s असलोमल विजय कुमाररुद्राक्ष डिजाइनर नित्यानंद माला (5 मुखी)5 मुखी 100% असली रुद्राक्ष मनकों की डिजाइनर माला₹791
M/s असलोमल विजय कुमारभूरा 5 मुखी रुद्राक्ष पारद मनके ब्रेसलेट5 मुखी प्राकृतिक रुद्राक्ष और पारद मनके का ब्रेसलेट (25 मिमी)₹202
असलोमलविजय कुमार (Aslomalvijay Kumar)भूरा लकड़ी रुद्राक्ष कंठा 5 मुखी 15 मिमी मनके5 मुखी लकड़ी के रुद्राक्ष का कंठा (15 मिमी मनके), धार्मिक उपयोग 
असलोमल विजय कुमार (Aslomal vijay kumar)रुद्राक्ष के मनकेरुद्राक्ष के मनके (भारत में निर्मित) 
महादेव एंटरप्राइजेजरुद्राक्ष के मनकेरुद्राक्ष के मनके (भारत में निर्मित) 
रुद्राक्ष होल सेलररुद्राक्ष के मनकेरुद्राक्ष के मनके (भारत में निर्मित) 
शिवानंद एम्पोरियमरुद्राक्ष मनके की मालाएँरुद्राक्ष मनके की मालाएँ (भारत में निर्मित) 
मोहन जी रुद्राक्ष एम्पोरियमरुद्राक्ष के मनके (1-21)1 से 21 मुखी रुद्राक्ष के मनके (भारत में निर्मित) 



संदर्भ

https://tinyurl.com/27dzn7ed

https://tinyurl.com/26rg5c2r

https://tinyurl.com/2asqsvgk

https://tinyurl.com/y9lmzme5



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