जर्मनी के बॉहॉस से किस प्रकार भिन्न था रूस का वखुटेमास कला विद्यालय और इसकी शैली

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
06-03-2024 09:27 AM
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जर्मनी के बॉहॉस से किस प्रकार भिन्न था रूस का वखुटेमास कला विद्यालय और इसकी शैली

हमारे मोबाइल फोन से लेकर हमारे घर में किताबों की अल्मारी तक, और हमारे स्थानीय कार्यालय पार्क (business parks / business center buildings) की ग्लास बॉक्स वास्तुकला (glass box architecture), अर्थात अधिकतर ऑफिस बिल्डिंग में बहुतयात में कांच का उपयोग, इन सभी की वास्तुकला में एक वस्तु समान है - वो है एक शताब्दी पुरानी बॉहॉस (Bauhaus) डिज़ाइन विचारधारा। बॉहॉस डिज़ाइन विचारधारा की शुरुआत 1900 के दशक की शुरुआत में जर्मनी में हुई थी। बॉहॉस एक कला विद्यालय है जिसने आधुनिक युग में वास्तुकला और डिजाइन के क्षेत्र में क्रांति ला दी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रूस (Russia) में भी ‘वखुटेमास’ (Vkhutemas) नाम का एक कला विद्यालय था जिसकी स्थापना बॉहॉस के एक साल बाद 1920 में हुई थी। बॉहॉस की तुलना में वखुटेमास एक बड़ा स्कूल था, हालांकि सोवियत संघ के बाहर इसका प्रचार कम हुआ था। परिणामस्वरूप, पश्चिम में कम ही लोग इससे परिचित हैं। तो आइए, आज वखुटेमास और इसकी शैली के बारे में जानते हैं। साथ ही यह भी समझते हैं कि यह बॉहॉस से किस प्रकार भिन्न था। आधिकारिक तौर पर, वखुटेमास (Vkhutemas) की स्थापना बॉहॉस से एक वर्ष बाद सन 1920 में हुई। शैक्षिक संस्थानों में सुधार के लिए हुई अक्टूबर क्रांति के बाद, 1918 के न्यायिक आदेश से देश भर में ‘फ्री स्टेट आर्ट स्टूडियो’ या ‘स्वोमास’ (Free State Art Studios, or Svomas) की स्थापना की गई। मॉस्को स्वोमास, को बाद में वखुटेमास में परिवर्तित कर दिया गया ।
इसमें दो प्रसिद्ध संस्थानों ‘स्ट्रोगनोव एकेडमी ऑफ इंडस्ट्रियल एंड एप्लाइड आर्ट’ (Stroganov Academy of Industrial (and applied art) और ‘मॉस्को स्कूल ऑफ पेंटिंग, स्कल्पचर एंड आर्किटेक्चर’ (Moscow School of Painting, Sculpture and Architecture) को शामिल किया गया। यद्यपि स्वोमास विचारधारा ने ललित और व्यावहारिक कला व्यवसायों के बीच विभाजन बनाए रखा, जिसे बॉहॉस विचारधारा ने खत्म कर दिया था। फिर भी इसने कई क्रांतिकारी सुधार किए। फ्री स्टेट आर्ट स्टूडियोज़ में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाओं पर रोक लगा दी गई, खुला पाठ्यक्रम लागू किया गया और साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि छात्र सभी संकाय नामांकनों पर प्रस्ताव दें और मतदान करें। 'फ्री स्टेट आर्ट स्टूडियो' के नाम में मौजूद "फ्री" शब्द को बहुत हद तक सच रखा गया। स्कूलों में छात्रों के लिए दाखिला निःशुल्क था और वजीफे के माध्यम से छात्रों के वंचित समूहों के लिए इन्हें सुलभ बनाया गया था। स्वोमास ने यथार्थवाद-प्रकृतिवाद से लेकर भविष्यवाद और सर्वोच्चतावाद तक, बहुत अलग कला प्रवृत्तियों के समान प्रतिनिधित्व को प्रोत्साहित किया। वखुटेमास दल ने मात्रा, रंग, स्थान और ग्राफिक्स की खोज में कला और शिल्प के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया और नए औद्योगिक समाज की आधारशिला के रूप में डिजाइन की नई परिभाषा बनाई।
वखुटेमास अपने उद्देश्य में जर्मन बॉहॉस के बिल्कुल समान था। ये दोनों स्कूल कलाकार-डिज़ाइनरों को आधुनिक तरीके से प्रशिक्षित करने वाले पहले स्कूल थे। दोनों स्कूल शिल्प परंपरा को आधुनिक तकनीक के साथ विलय करने के लिए राज्य प्रायोजित पहल थे, जिसमें सौंदर्य सिद्धांतों में एक बुनियादी पाठ्यक्रम, रंग सिद्धांत, औद्योगिक डिजाइन और वास्तुकला में पाठ्यक्रम शामिल थे। वखुतेमास अवंत गार्डे कला (Avant garde) और वास्तुकला में तीन प्रमुख आंदोलनों का केंद्र था: रचनावाद, तर्कवाद और सर्वोच्चतावाद। कार्यशालाओं में, संकाय और छात्रों ने कला के इतिहास में महान क्रांतियों में से एक, अंतरिक्ष पर जोर देने के साथ सटीक ज्यामिति के उपयोग के साथ कला और वास्तविकता के प्रति दृष्टिकोण को बदल दिया। वखुटेमास प्रशिक्षक डेविड स्टर्नबर्ग (David Shterenberg) के अनुसार, "बॉहॉस का लक्ष्य एक व्यक्ति का विकास करना था, जबकि मॉस्को कार्यशालाओं का ध्यान जनता का विकास करना था।"
फिर भी दोनों समूहों ने वास्तुकला और सामाजिक योजना के बीच संबंध के लिए चिंता साझा की, और दोनों ने सुव्यवस्थित ज्यामितीय रूपों के आधार पर स्पष्ट रूप से परिभाषित संरचना पर जोर दिया और चित्रकला तथा मूर्तिकला में आधुनिकतावाद से प्रेरणा ली। 1920 के दशक की शुरुआत में, वखुटेमास में रचनावादी विचारों का विकास कई विवादास्पद चरणों से गुजरा। कैंडिंस्की (Kandinsky) से प्रभावित शुद्ध-कला डिजाइनों का "उत्पादनवादियों" द्वारा विरोध किया गया, जिनके द्वारा उपयोगी, और गैर-कलात्मक वस्तुओं के बड़े पैमाने पर उत्पादन पर जोर दिया गया था। 1925 तक रचनावादियों के पास तर्कवादियों की तुलना में वास्तविक निर्माण में दिखाने के लिए अपने सैद्धांतिक विचारधारा के अलावा कुछ नहीं था। सामाजिक और आर्थिक पुनर्निर्माण की अत्यावश्यकताओं के परिणामस्वरूप उपलब्ध संसाधन काफी सीमित हो गए थे जिसके कारण विशेष रूप से आधुनिक प्रौद्योगिकी के अपेक्षाकृत गहन उपयोग की आवश्यकता वाली संरचनाओं पर जोर दिया जाने लगा। 1926 में, स्कूल को पुनर्गठित किया गया और इसका नाम "स्टूडियो" से बदलकर "इंस्टीट्यूट" कर दिया गया। अंततः इस स्कूल को उसके दस साल के अस्तित्व के दौरान राजनीतिक और आंतरिक दबावों के बाद 1930 में भंग कर दिया गया। और इसके संकाय, छात्र और विरासत को छह अन्य स्कूलों में विभाजित कर दिया गया।

संदर्भ
https://shorturl.at/bgDNP
https://shorturl.at/oqOU8
https://shorturl.at/fsvPQ

चित्र संदर्भ
1. बॉहॉस और वखुटेमास कला चित्रों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia,publicdomainpictures)
2. मेलनिकोव प्रदर्शनी (वखुटेमास गैलरी) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. डेसौ में बॉहॉस इमारत को वाल्टर ग्रोपियस द्वारा डिजाइन किया गया था। को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. बॉहॉस चित्रकला को संदर्भित करता एक चित्रण (picryl)
5. बॉहॉस कृति को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)

 


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