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झंझरी मस्जिद जौनपुर कला की उत्तम मस्जिदों में से सर्वोच्च स्थान पर आती है। यह मस्जिद अपनी विशिष्ट कला के लिए जानी जाती है। झंझरी मस्जिद जौनपुर के सिपाह में गोमती नदी के तट पर स्थित है। जौनपुर रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी मात्र 3 किलोमीटर है, 1.30 किलोमीटर जौनपुर किले से, 2 किलोमीटर जामा मस्जिद से, 1.30 किलोमीटर अटाला मस्जिद से और 4 किलोमीटर लाल दरवाजा मस्जिद से।
इस मस्जिद का निर्माण जौनपुर के सुल्तान इब्राहीम शर्की द्वारा करवाया गया था। यह मस्जिद हजरत सैद जहाँ अजमनी के जौनपुर आगमन पर उनके सम्मान के लिए बनवायी गयी थी। यदि इस मस्जिद के समय काल के बारे में बात की जाये तो इसका निर्माण अटाला और खालिस मुखलिस मस्जिदों के निर्माण काल के दौरान करवाया गया था। यह मस्जिद जौनपुर पर लोदियों के अधिपत्य के दौरान लोदियों द्वारा ध्वस्त कर दी गयी थी। रही-सही कसर गोमती में आयी बाढ़ ने पूरी कर दी थी।
वर्तमान काल में इस मस्जिद का मात्र एक हिस्सा बचा हुआ है। जनरल कनिंघम व फ्यूहरर ने इस मस्जिद के बचे हुए भाग के झंझरियों की सुन्दरता से प्रभावित होकर ही इसका नाम झंझरी मस्जिद रखा। यह मस्जिद चुनार से लाये बलुए पत्थर से बनायी गयी है तथा इसके केंद्रीय मेहराब के अर्धभाग पर डगरा शैली में कुरान की आयतों को उकेरा गया है जो कि अपने आप में एक सौंदर्य प्रदान करती हैं। शर्की शासन काल अपनी विशिष्ट प्रकार की निर्माण कला के लिए सर्वश्रेष्ठ है जिसका उदाहरण जौनपुर में बनी इमारतों में मिल जाता है।
1. द शर्की सल्तनत ऑफ़ जौनपुर, मियां मुहम्मद सईद
2. शर्की आर्किटेक्चर ऑफ़ जौनपुर, फ्यूहरर ए.