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जौनपुर प्रयोगों का शहर रहा है। यहाँ पर वास्तु पर कई प्रयोग किये गए हैं और उन्ही प्रयोगों में एक है शाही पुल। शाही पुल का निर्माण मात्र शहर को व्यापारिक मार्ग से जोड़ना भर नहीं था अपितु यहाँ पर व्यापार और आवागमन को सुचारू रूप से चलाने का भी था। शाही पुल पर कई विभिन्न प्रकार की कलाकृतियाँ व अभिलेख लगाये गए हैं, यहाँ पर लगाये अभिलेख इस पुल की महत्ता व निर्माण कार्य को बताते हैं। कलाकृतियों में मुग़ल काल का प्रमुख सितारा इस पुल के मेहराबों पर बनाया गया है, परन्तु देखने व ध्यान देने योग्य कलाकृति इसपर बनाये गए शेर का जोड़ा और 2 मछलियों का जोड़ा है।
इस पुल पर बनायीं गयी मछलियाँ देखने में रोहू प्रजाती की हैं जो कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पाई जाती हैं। ये मछलियाँ जादूई मछलियों के नाम से भी जानी जाती हैं। इनके जादुई होने का कारण इनको बनाते हुए किया गया प्रयोग है। दोनों मछालियों पर रोहू मछली की तरह निशान बनाये गए हैं। ये निशान इस तरह से बनाये गए हैं की यदि दाहिने तरफ से देखो तो बायीं तरफ की मछली एकदम सपाट और बिना निशान के दिखाई देती है जबकि दाहिने तरफ की मछली अपने पूरे रूप में दिखाई देती है। वहीँ जब बायीं तरफ से देखो तो दाहिने तरफ की मछली बिना किसी कलाकृति के दिखाई देती है और बायीं तरफ की मछली अपने पूरे कलाकृति के साथ दिखती है।
अब इसमें जादू क्या है? दरअसल इसमें जादू जैसा कुछ भी नहीं पर विज्ञान रुपी जादू इसमें जरूर है। इसपर कलाकृति को इस तरह से उकेरा गया है कि यदि आप यह मछली पूँछ की तरफ से देखेंगे तो यह कलाकृति के साथ दिखाई देगी परन्तु यदि मुह के तरफ से देखेंगे तो यह सपाट और बिना कलाकृति के दिखाई देगी। इसको बनाते वक़्त इस प्रकार से इसपर कलाकृति बनायी गयी थी कि काटने का नाप और अनुपात एक समान था जिससे यह इसप्रकार से प्रतीत होती हैं। यह कला अपने में अद्भुत है तथा जौनपुर की उत्तम शिल्पकारी को प्रस्तुत करती है। यह कला वर्तमान के 3-डी कला के रूप में ही देखा जा सकता है जो कि अपने में एक अत्यंत उत्तम कलाकारी है।
1.https://www.google.co.in/amp/www.dailymail.co.uk/sciencetech/article-3618310/amp/When-science-meets-art-Mind-bending-sculptures-play-perspective-create-unbelievable-optical-illusions.html