जौनपुर में जातियां

अवधारणा II - नागरिक की पहचान
29-04-2018 10:57 AM
जौनपुर में जातियां

जाति या धर्म पर यदि चर्चा हो तो संत रैदास की निम्नलिखित पंक्तियाँ हमारे कानों में गूँज जाती हैं -

जात पात के फेर में उलझ रहे सब लोग। मनुष्यता को खा रहा, देखो जात का रोग।।
जात-जात में जात है, ज्यों केले में पात। मानस तब तक जुड़ न सकें, जब तक जात न जात।

जौनपुर जिले में कई तहसील आते हैं उन्ही तहसीलों में से एक तहसील है जौनपुर तहसील। इस तहसील में जौनपुर शहर का क्षेत्र आता है। जौनपुर तहसील की पूरी आबादी 1,075,544 है जिसमे 540,068 पुरुष हैं और 535,476 महिलाएं। 2011 की जनगणना के अनुसार इस तहसील में कुल 154,845 परिवार निवास करते हैं। लैंगिक रूप से यहाँ का अनुपात 991 है। इस तहसील की 19.2% आबादी शहर और 80.5% की आबादी गावं में निवास करती है।

जौनपुर तहसील में 86.46% की आबादी हिन्दू, 12.57% मुस्लिम, 0.11% इसाई, 0.6% सिख, 0.14% बौद्ध, 0.1% जैन हैं। यदि हिन्दुओं की बात की जाये तो पूरी आबादी का मात्र 20% आबादी दलित है और बचे अन्य 80% सवर्ण हैं। दलित समाज का एक अभिन्न अंग है और समानता के साथ ही रहना ही एक सभ्य समाज की निशानी है। हाल ही में अम्बेडकर जो की दलित उत्थान के सबसे महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं के जन्म के ठीक पहले ही जौनपुर में अम्बेडकर की प्रतिमा का विखंडन किया गया। यदि वैश्विक अर्थ पर देखा जाए तो अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक आबादियों के बीच मन मुटाव बना रहता है। इसी मनमुटाव को कम करने और उसे ख़त्म करने का कार्य महात्मा गाँधी और अम्बेडकर ने किया था। महात्मा गाँधी को एक वैश्विक नेता के रूप में देखा जाता है।

भारत ही नहीं अपितु अफ्रीका में नश्ल्भेद व रंगभेद का शिकार होने के कारण ही महात्मा गांधी को भारत में बसे अल्पसंख्यकों और दलितों की व्यथा का ज्ञात हुआ। यही कारण है की महात्मा गाँधी ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के साथ ही साथ दलितों और अल्पसंख्यकों की सामाजिक स्थिति को भी सुधारने का कार्य किया था। महात्मा गाँधी ने हरिजन नाम का प्रयोग और पत्रिका में उत्थान व एकता की बात कहकर यह सिद्ध कर दिया था की सर्वधर्म ही नहीं बल्कि सर्वजाति समभाव देश हित और एकता का मूल मंत्र है।

वर्तमान काल की बदलती परिस्थितियों में देश भर में हम एक दुसरे को जाति धर्म आदि से उठकर एकता का भाव प्रचलित करने की आवश्यकता है। फेसबुक चैट आदि डिजिटल सामाजिक मीडिया के जरिये एक बार यह जानने की आवश्यकता है की हमारे कितने दलित मित्र हैं? यह जानना इस लिए आवश्यक है क्यूंकि जबतक आप दोस्ती-भाईचारा नहीं बढ़ाएंगे तबतक इस बिंदु से ऊपर उठाना कतिपय कठिन कार्य है।

1.https://www.censusindia.co.in/subdistrict/jaunpur-tehsil-uttar-pradesh-984
2.https://www.hindustantimes.com/india-news/another-ambedkar-statue-vandalised-in-uttar-pradesh/story-I5b1IdsGoGP77bWMrOF4GN.html
3.https://books.google.co.in/books?id=c63QDo5uisQC&pg=PT34&dq=mahatma+gandhi+ka+daliton+par+lekh&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwim7rmu78HaAhXIvI8KHSvED3IQ6AEIQjAE#v=onepage&q=mahatma%20gandhi%20ka%20daliton%20par%20lekh&f=false