ख़ुसरो की पहेलियाँ: बूझो तो जानें

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
19-08-2018 01:39 PM
ख़ुसरो की पहेलियाँ: बूझो तो जानें

किसी व्यक्ति की बुद्धि या समझ की परीक्षा लेने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली कहते हैं। जिसमें किसी वस्तु का लक्षण या गुण घुमा फिराकर भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया हो और उसे बूझने अथवा उस विशेष वस्तु का नाम बताने का प्रस्ताव किया गया हो, इसे 'बुझौवल' भी कहा जाता है। पहेली व्यक्ति के चतुरता को चुनौती देने वाले प्रश्न होते है। जिस तरह से गणित के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, उसी तरह से पहेलियों को भी नज़रअन्दाज नहीं किया जा सकता।

हजरत अमीर खुसरो देहलवी 1253 ई को पटयाली में पैदा हुए। अमीर खुसरो ने हिन्दी साहित्य को अनगिनत पहेलियाँ दी है। खुसरो साहब का व्यक्तित्व काफी लुभावना था और साथ ही वे विभिन्न शैलियों में तीव्र थे.वह एक विद्वान् एवं कवी थे। उनकी रूचि इतिहास ,ज्योतिषी ,संगीत में भी थी। उनको विज्ञान से लेकर धर्म तक का ज्ञान था जिसकी वजह से वह 13वी शताब्दी के बहुत बड़े विद्वान् भी रहे।

तो आइये आज इस रविवार पर खुसरो की कुछ पहेलियाँ बूझी जाएँ। पहेलियों के उत्तर लेख के अंत में दिए गए हैं लेकिन उन्हें देखने से पहले प्रयास करें इन्हें स्वयं हल करने का-

1. घूस घुमेला लहँगा पहिने, एक पाँव से रहे खडी।
आठ हाथ हैं उस नारी के, सूरत उसकी लगे परी।
सब कोई उसकी चाह करे, मुसलमान, हिंदू छतरी।
खुसरो ने यही कही पहेली, दिल में अपने सोच जरी।



2. गोल मटोल और छोटा-मोटा,
हर दम वह तो जमीं पर लोटा।
खुसरो कहे नहीं है झूठा,
जो न बूझे अकिल का खोटा।।











1. छत्री
2. लोटा

संदर्भ:
1. पुस्तक: अमीर खुसरो की पहेलियाँ, आइडल असीर देहलवी
2. पुस्तक: World of Khusrau, Aga Khan