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किसी भी देश को आर्थिक जगत के आकाश में पहुंचाने के लिए, वहां पर स्थित कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज विश्व में लाखों कंपनियां हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसी हैं, जो विश्व विख्यात हैं। यही स्थिति किसी देश विशेष की कंपनियों की भी होती है। किसी देश में कंपनियों की श्रृंखला में कौन सी उच्च स्तर पर होंगी और कौन सी निम्न इसका निर्धारण बाज़ार पूंजीकरण या मार्केट कैपिटलाइज़ेशन (Market Capitalization) द्वारा होता है।
बाज़ार पूंजीकरण = कंपनी के शेयरों का बाजार मूल्य × कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या।
(आउटस्टैंडिंग शेयर- कंपनी के वे सभी शेयर जो वर्तमान में निवेशकों, कंपनी अधिकारियों और अंदरूनी सूत्रों के अधिकार में हैं।)
चलिए जानें भारत की सड़कों में चलने वाले बड़े-बड़े ट्रकों, बसों और अन्य वाहन का उत्पादन करने वाली, यहां की उच्चतम 100 कंपनियों में से एक आयशर मोटर के उद्भव, विकास और वर्तमान स्थिति के बारे में। 1948 में गुड अर्थ (Goodearth) नामक कंपनी भारत में विदेशों से ट्रैक्टर आयात करती थी। 1958 में इसने जर्मनी की आयशर कंपनी के साथ मिलकर भारत में ट्रैक्टर बनाने का निर्णय लिया। इन संयुक्त कंपनियों ने आयशर ट्रैक्टर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ई.टी.सी.आई.) नाम से फरीदाबाद में अपना पहला कारखाना खोला। इनका पहला ट्रक 1959 में भारत में बेचा गया तथा 1965 में सार्वजनिक भागीदारी के बाद इसका नाम बदलकर आयशर ट्रैक्टर इंडिया लिमिटेड रखा गया। 1975 तक इसका निर्माण 100% स्वदेशी हो गया।
आयशर कंपनी के प्रसिद्धि प्राप्त करने के बाद, इसके नाम का लाभ उठाने की सोच के साथ आयशर का नाम बदलकर 'आयशर गुडअर्थ लिमिटेड' (1980) रख दिया गया। इसने जापान की एक कंपनी के साथ मिलकर हल्के वाणिज्यिक वाहन बनाना प्रारंभ किया। 1990 में आयशर कंपनी ने एनफील्ड इंडिया के 26% शेयर खरीद कर वाहन व्यवसाय में प्रवेश किया तथा 1993 में इस ग्रुप ने एनफील्ड इंडिया लिमिटेड में 60% हिस्से की भागीदारी ले ली। आज आयशर 'रॉयल एनफील्ड' कंपनी की (मध्यम वज़न वाली मोटरसाइकिल निर्माता) की प्रमुख कंपनी है।
रॉयल एनफील्ड विश्व भर में 40 से अधिक देशों (उत्तरी अमेरिका, यूरोप, थाइलैंड, ब्राज़ील आदि) में वाहन उपलब्ध कराता है। 2008 से आयशर कंपनी स्वीडन के वॉल्वो ग्रुप के साथ संयुक्त रूप से मिलकर आधुनिक वाहनों का निर्माण कर रही है। आज यह कंपनी प्रतिस्पर्धा में विश्व की वाहन निर्माता कंपनियों से तीव्रता से आगे बढ़ रही है। वर्तमान समय में इस कंपनी की मार्केट कैप (बाज़ार पूंजीकरण) 80 हज़ार करोड़ से भी अधिक है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे रही है।
संदर्भ:
1.http://www.icmrindia.org/casestudies/catalogue/Marketing/Royal_Enfield_Revival-Case%20Study.htm
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Eicher_Motors
3.http://www.eicher.in/milestones
4.http://www.outlookindia.com/outlookmoney/investment-ideas/promising-eicher-motors-2190