विलियम होजेज़ के चित्र में 1792 का दूर्लभ जौनपुर

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
16-11-2018 05:23 PM
विलियम होजेज़ के चित्र में 1792 का दूर्लभ जौनपुर

भारत की ही नहीं वरन् विश्‍व की ऐतिहासिक पुस्‍तकों और चित्रों में हमें प्राचीन और मध्‍य भारत का वर्णन देखने को मिलता है। जिसमें अधिकांश तत्‍कालीन भारत की भौगोलिक और आर्थिक समृद्ध‍ि को दर्शाया गया है। विदेशों तक भारत की नैसर्गिकता का वर्णन करने का श्रेय भारत आये विदेशी यात्रियों और इतिहासकारों को जाता है। इनमें से एक ऐसे ही यात्री थे ब्रिटिश चित्रकार विलियम होजेज़, जो 18वीं सदी में भारत आये तथा इन्‍होंने चित्रों और अपनी डायरी/पुस्‍तक में यहां की खूबसूरत यात्रा को संजोया।

विलियम होजेज़ (1744-1797) प्राकृतिक दृश्‍यों की चित्रकारी करने वाले भारत में आये पहले पेशेवर चित्रकार थे। इनके द्वारा की गयी चित्रकारी जीवंत प्रतीत होती थी। इन्‍होंने रिचर्ड विल्सन के दिशा निर्देश में प्राकृतिक और पारंपरिक चित्रकारी सिखी। 1772-75 में कप्तान कुक की प्रशान्‍त महासागर की दूसरी यात्रा को, इन्‍होंने अधिकारिक चित्रकार के रूप में चित्रांकित किया। साथ ही इन्‍होंने कूक के साथ अन्‍य प्राकृतिक दृश्‍यों के भी चित्र तैयार किये। 1780-84 के दौरान हैदर अली के विरूद्ध चल रहे दूसरे मैसूर यूद्ध के समय ये अस्‍वस्‍थ थे, जिस कारण वे मद्रास में ही रूक गये।

1781 में तत्‍कालीन गर्वनर जनरल वॉरेन हेंस्टिंग्‍स की उदारता के कारण होजेज़ व्‍यापक क्षेत्र में यात्रा करने में सफल रहे। 1781 के दौरान इन्‍होंने मुस्लिम महलों, मकबरों, मस्जिद आदि का भ्रमण किया। तथा अपनी अग्रिम वर्षों की यात्रा के दौरान बिहार, आगरा, लखनऊ तथा अन्‍य मुगल स्‍मारकों की यात्रा करते हुए वापस कलकत्‍ता लौट गये। इन्होंने अपनी इस यात्रा का संपूर्ण वृतांत ‘ट्रेवल इन इण्डिया ड्यूरिंग दी इयर्स 1780, 1781, 1782 एंड 1783 (Travels in India during the years 1780, 1781, 1782 and 1783) नामक पुस्तक में समेटा।

इनकी इस अविस्‍मरणीय यात्रा के दौरान लिखी गयी इस पुस्‍तक में इनके द्वारा 1792 के जौनपुर का दुर्लभ वर्णन देखने को मिलता है। गोमती नदी के माध्‍यम से लखनऊ से कलकत्‍ता वापस जाते हुए, उन्‍होंने 1102 में फिरोज़ शाह द्वारा जौनपुर में बनवाये गये किले का वर्णन किया। साथ ही इन्‍होंने 1567 में अकबर के वज़ीर खान खानाह द्वारा बनाये गये पत्‍थर के पुल को देखा, जिसका ब्रिटिश सेनाओं द्वारा 1774 में उपयोग किया गया था। 1783 में इन्‍होंने जौनपुर की जामा मस्जिद (या बड़ी मस्जिद) का चित्र बनाया, जिसे इनकी पुस्‍तक ‘सिलेक्ट व्‍यूज़ इन इण्डिया’ (Select Views in India) में संरक्षित किया गया। इसी चित्र को ऊपर दर्शाया गया है।

संदर्भ:
1.https://archive.org/details/travelsinindiad01hodggoog/page/n189
2.http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/other/019xzz000000307u00013000.html
3.https://en.wikipedia.org/wiki/William_Hodges