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मौसम हो चला है कम्बल-रजाई और मफलर-जैकेट का और इस मौसम में ही आता है एक मनमोहक त्यौहार, ‘क्रिसमस’। क्रिसमस का त्यौहार भले ही जौनपुर में बढ़ चढ़कर न मनाया जाता हो, परन्तु इससे जुड़े कुछ अंग ऐसे हैं जो किसी को भी लुभा दें। जैसे क्रिसमस का पेड़, संता क्लॉस, मिठाइयाँ आदि। और इन्हीं सब में से एक है क्रिसमस से जुड़े गीत, या ‘क्रिसमस कैरल’ (Christmas Carols)।
कैरल शब्द का मूल निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है। एक मत के अनुसार यह फ्रेंच के ‘कैरोल’ (Carole) से निकला है और दूसरे के अनुसार यह लैटिन के ‘कारूला’ (Carula) से सम्बन्ध रखता है। इसका अर्थ है एक गोल चक्कर बनाकर नाचना। हालाँकि क्रिसमस कैरल के साथ नाचने की प्रथा अरसों पहले बंद हो चुकी है। यहाँ तक कि इन गीतों को 19वीं शताब्दी के अंतिम भाग से पहले गाया भी नहीं जाता था।
19वीं शताब्दी में संग्रहालयों से कई पुराने क्रिसमस गीत प्राप्त हुए। ब्रिटेनिका इनसाइक्लोपीडिया (Brittanica Encyclopedia) के अनुसार करीब 500 क्रिसमस कैरल खोजे गए हैं। इनमें से कुछ धार्मिक गीत हैं, तो कुछ संगीत पर ध्यान देते हुए हैं, कुछ अंग्रेज़ी में, कुछ लैटिन में, तो कुछ अंग्रेज़ी और लैटिन के मिश्रण मेकारोनिक (Macaronic) में।
ये तो बात हुई इन गीतों के इतिहास की, परन्तु क्या आपने कभी हिंदी में क्रिसमस के गीत गुनगुनाये हैं? यदि नहीं, तो सुनने के लिए क्लिक कीजिये ऊपर दिए गए विडियो पर और सुनिए हिंदी में गाये गए क्रिसमस के आनंदमय गीत।
सन्दर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Christmas_carol
2.https://www.youtube.com/watch?v=giHkvC5FRoQ