मस्तक नहीं झुकेगा

ध्वनि II - भाषाएँ
13-01-2019 10:00 AM

एक राजनीतिक भाषण बहुत कुछ बदल सकता है। ऐसे देश में जहां अधिकांश लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) की पहुंच से दूर रहते हैं, वहाँ भाषण सीधे उन्हें संलग्न करने का सबसे अच्छा तरीका है। जब इन्टरनेट (Internet) का इस्तेमाल आम जनता के लिए असंभव था और आम घरों में टेलीविज़न (Television) की मात्रा कम थी, उस समय नेताओं के पास आम जनता के पास पहुँचने के दो ही तरीके थे, एक रेडियो और दूसरा अख़बार। नेताओं को अपने मन की बात जनता तक पहुँचाने के लिए बहुत मनोहर आवाज़ में अपना भाषण देना होता था, जिससे वे आम लोगों तक अपना संदेश पहुंचा सकें। उस समय लोग रेडियो में भाषण सुना करता थे।

ऐसे ही हमारे नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपयी के भाषणों को कौन ही भूल सकता है। वे एक दमदार नेता और प्रभावशाली वक्ता थे। आइए देखते हैं उनका यह भाषण जो कि मुख्य रूप से उन्हीं के द्वारा लिखी गयी एक कविता है जिसका शीर्षक है 'मस्तक नहीं झुकेगा'।

सन्दर्भ:

1.https://www.youtube.com/watch?v=kXpy8SoN1M4