 
                                            समय - सीमा 268
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                                            भारत की आजादी के ठीक कुछ समय पहले ही पाकिस्तान नाम का एक देश भारत के ही सिंध भाग को काट कर बनाया गया। यह देश मुहम्मद अली जिन्ना की अति महत्वाकांक्षा का परिणाम था। पाकिस्तान बनने के दौरान जिन हिन्दू, मुसलमान या अन्य किसी और भी धर्म के लोगों को पाकिस्तान में नहीं रहना था वे भारत आ गये और जिनको पाकिस्तान में रहना था वे वहीँ रुक गए और भारत से भी एक बड़ी आबादी में लोग वहां स्थानांतरित हुए। समय के साथ परिवर्तन हुआ और एक अति बड़ी आबादी भारत में अप्रवासी बनने वैध और अवैध तरीकों से आने लगी। भारत में पाकिस्तान से आये हुए अप्रवासियों में मुख्य रूप से हिन्दू और सिख ही शामिल हैं। इनमे वे औरतें भी शामिल हैं जिनकी भारतीयों से शादियाँ हुई।
2017 में अप्रवासी नियमों में छूट और सरलीकरण के बाद महाराष्ट्र में पाकिस्तानी नागरिकों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन में 6 गुना वृद्धि देखी गयी। भारत की जेलों में भी करीब 761 पाकिस्तानी नागरिक हैं जिनमें से अधिकतर जासूसी और आतंकवाद के अपराध से सम्बन्ध रखते हैं। भारत के पास किसी भी प्रकार का सांख्यकी आंकड़ा नहीं है पाकिस्तानी अप्रवासियों को लेकर। भारत में पाकिस्तान से एक बड़ी आबादी भारत में शिक्षा और चिकित्सा के लिए भी आती है इनमे धार्मिक रूप से आये हुए लोग भी शामिल हैं। 2011 की जनगणना की बात करें तो भारत में करीब 5.5 मिलियन लोगों ने अपनी बाहर से आये जाने की जानकारी दी। यह संख्या भारत की कुल आबादी की 0.44 फीसद थी। इसमें से यदि हम देखें तो 42 फीसद बांग्लादेशी और 12.7 फीसद पाकिस्तानी आये थे। अब उपरोक्त लिखित आंकड़े की माने तो कुल अप्रवासियों में करीब 55 फीसद की जनसँख्या पाकिस्तान और बंगलादेश से है।
 
 
भारत में बांग्लादेश से मुख्य रूप से बांग्लादेश के विभाजन के समय एक बड़ी आबादी भारत में आकर रहने लगी थी। ये जनसँख्या भारत में वैध (वीजा के साथ) अवैध आदि दोनों प्रकार से रहती हैं। इन सभी लोगों में ज्यादातर वो लोग होते हैं जिनके साथ बर्बरता, धार्मिक रूप से परेशान आदि किया गया होता है। इसके अलावा इसमें ऐसे भी लोग होते हैं जो कमाई करने के लिए भी भारत में आने के इच्छुक होते हैं। इस प्रकार के अप्रावासियों को जो कि सरकार की नजर में आये बिना और किसी अन्य कागजात के बिना भारत में आते हैं को अवैध अप्रवासी कहा जाता है।
भारत में आने वाले अप्रवासियों में ज्यादातर संख्या में हिन्दू, सिख आदि हैं जिन्होंने एक बहुत ही काला समय पाकिस्तान में देखा है लेकिन कानूनन ना आने के कारण वे अवैध रूप से भारत में शरण लेते हैं। भारत पकिस्तान के हिन्दुओं आदि को टर्म वीजा भी देता है जिससे वहां के परेशान लोग भारत में आ सके। इस प्रकार के अप्रवासी मानसिक रूप से अत्यंत ही प्रताड़ित होते हैं।
सन्दर्भ:-
         
1.	https://en.wikipedia.org/wiki/Pakistanis_in_India
2.	https://en.wikipedia.org/wiki/Illegal_immigration_to_India
3.	https://bit.ly/2sMP00S
4.	https://www.nytimes.com/2019/10/05/world/asia/pakistan-hindu-india-modi.html
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        