गुलाब लगभग हर बगीचे की शान बढ़ाता है जो कि लंबे समय से अस्तित्व में है।गुलाब का सबसे
प्राचीन रिकॉर्ड कोलोराडो रॉकीज़ (Colorado Rockies) में पाए गए गुलाब के पत्तों से मिलता है, जो
कि 35 से 32 मिलियन वर्ष पुरापाषाण युग के हैं।रोमवासियों के लिए गुलाब की सुगंध अत्यंत
मूल्यवान हुआ करती थी वे कमरों को सुगंधित करने तथा स्नान के बाद देह को सुगंधित करने के
लिए इसका प्रयोग करते थे।गुलाब का तेल जिसे सामान्यत: गुलाब के इत्र के रूप में जाना जाता है
संभवत: सबसे पहले फारस में बनाया गया था। जिसका यूरोप में आयात किया गया, जिसके बाद यहां
पौधों का विकास हुआ।1800 के उत्तरार्ध के विक्टोरियन युग (Victorian era) से पहले, फूलों में सुगंध
का उपयोग औषधीय रूप से या गंध को छिपाने जैसे कार्यों के लिए किया जाता था।
आपने देखा होगा सामान्यत: किसी को भी गुलाब मिलता है तो वे सबसे पहले इसे सूंघते हैं।गुलाब
में अलग सुगंध इसीलिए आती है क्योंकि वे रसायनों का एक अलग मिश्रण छोड़ते हैं। मोनोटेरपेन्स
(monoterpenes) कहे जाने वाले ये रसायन कई गंध वाले पौधों में पाए जा सकते हैं। मोनोटेरपीन
विभिन्न आकार और गंध के होते हैं, लेकिन सभी में कार्बन तत्व के 10 परमाणु होते हैं। लेकिन
गुलाब के विषय में यह तथ्य आज भी अज्ञात है कि गुलाब कैसे अपनी खुशबू बनाते हैं और कैसे
खो देते हैं।अन्य पौधे विशेष रसायनों का उपयोग करके सुगंधित रसायन बनाते हैं। जो कि एंजाइम
(Enzyme) कहलाते हैं, ये अणु उनमें भाग लिए बिना रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज कर देते हैं।
फूलों में, ये एंजाइम सुगंधित मोनोटेरपीन से दो कणों को लेकर सुगंध बनाते हैं।लेकिन जब ह्यूजेनी
(Hugeni) की टीम ने सुगंधित और गंध रहित गुलाबों की तुलना की, तो उन्होंने एक अलग एंजाइम
की खोज की। जिसे आरएचएनडीएक्स1 (RhNUDX1) कहा जाता है, यह मीठी-महक वाले गुलाबों में
सक्रिय था, लेकिन नव पुष्पित फूलों में यह निष्क्रिय था।आरएचएनडीएक्स1 बैक्टीरिया में उस
एंजाइम के समान है जो डीएनए (DNA) से जहरीले यौगिकों को हटाता है। लेकिन गुलाबों में, यह
एंजाइम बिना गंध वाले मोनोटेरपीन के एक हिस्से को काट देता है। गुलाब की पंखुड़ियों में अन्य
एंजाइम फिर दूसरे हिस्से को काटकर काम खत्म करते हैं।
रोज़ ओटो एसेंशियल ऑयल (Rose Otto Essential Oil) बहुत महंगा होता है,
यदि इसके 28 ग्राम (औंस) तेल बनाने के लिए 100 किलो पंखुड़ियों की आवश्यकता होती है तो
सिर्फ एक बूंद तेल बनाने के लिए 60 गुलाब की पंखुड़ियों की आवश्यकता होगी।
गुलाब के तेल के उत्पादन के लिए गुलाब की दो प्रमुख प्रजातियों की खेती की जाती है:
रोजा डैमसेना (Rosa damascena):दमास्क गुलाब (damask rose), जो व्यापक रूप से बुल्गारिया
(Bulgaria), सीरिया(Syria), तुर्की (Turkey), रूस (Russia), पाकिस्तान (Pakistan), भारत (India),
उज्बेकिस्तान (Uzbekistan), ईरान (Iran) और चीन (China) में उगाया जाता है।
रोजा सेंटीफोलिया (Rosa centifolia):कैबेज़ गुलाब (cabbage rose), जो आमतौर पर मोरक्को
(Morocco), फ्रांस (France) और मिस्र (Egypt) में उगाया जाता है।
गुलाब के तेल में मौजूद सबसे आम रासायनिक यौगिक हैं: सिट्रोनेलोल(citronellol),
गेरानियोल(geraniol), नेरोल(nerol), लिनालूल(linalool), फिनाइल एथिल अल्कोहल(phenyl ethyl alcohol),
फ़ार्नेसोल(farnesol), स्टीयरोप्टीन(stearoptene), α-पिनीन(α-pinene), β-पिनीन(β-pinene), α-टेरपीन(α-
terpinene), लिमोनेन(limonene), पी-सीमेन(p-cymene), कैम्फीन(camphene), β-कैरियोफिलीन (β-
caryophyllene), नेरल(neral), सिट्रोनेलिल एसीटेट(citronellyl acetate), गेरानिल एसीटेट(geranyl acetate),
नेरिल एसीटेट(neryl acetate), यूजेनॉल(eugenol), मिथाइल यूजेनॉल(methyl eugenol), रोज़
ऑक्साइड(rose oxide), α-डैमस्केनोन(α-damascenone), β-डैमस्केनोन(β-damascenone),
बेंजाल्डिहाइड(benzaldehyde), बेंजाइल अल्कोहल(benzyl alcohol), रोडिनिल एसीटेट (rhodinyl acetate)
और फिनाइल एथिल फॉर्मेट(phenyl ethyl formate)।गुलाब के तेल की गुणवत्ता के लिए बीटा-
डैमस्केनोन की उपस्थिति और मात्रा को आदर्श माना जाता है। भले ही ये यौगिक 1% से कम मात्रा
में गुलाब के तेल में मौजूद क्यों न हों, लेकिन गंध का पता लगाने की सीमा के कारण वे गंध की
मात्रा का 90% से थोड़ा अधिक हिस्सा बनाते हैं।
श्रम-गहन उत्पादन प्रक्रिया और खिले हुए गुलाब में तेल की कम सामग्री उपलब्ध होने के कारण,
गुलाब के तेल की कीमत बहुत अधिक होती है। फूलों की कटाई हाथ से सुबह सूर्योदय से पहले की
जाती है और सामग्री को उसी दिन आसुत करना होता है।
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