नील नदी में रहने वाले मगरमच्छों से निकटता से जुड़े हैं सोबेक देवता

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
08-05-2022 07:41 AM
सोबेक (Sobek),प्राचीन मिस्र (Egypt) का देवता था जो नील (Nile) नदी में रहने वाले मगरमच्छों से निकटता से जुड़ा था। भगवान की मूर्तियां और पेंटिंग उन्हें या तो मगरमच्छ के सिर वाले व्यक्ति के रूप में या केवल मगरमच्छ के रूप में प्रदर्शित करती हैं।चूंकि नील नदी की बाढ़ मिस्र वासियों के जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती थी, इसलिए सोबेक को शांत करना भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया था। जबकि अन्य शहरों के लोग मूर्तियों के रूप में सोबेक को बलिदान चढ़ाते थे, वहीं अरसीनो (Arsinoe) ( जिसे यूनानियों द्वारा क्रोकोडोपोलिस (Crocodopolis) कहा जाता है) में उपासकों ने भगवान को जीवित रूप में पाया। क्रोकोडोपोलिस में सोबेक के मंदिर में एक पवित्र मगरमच्छ रहता था,जिसे पेटसुचोस (Petsuchos)कहा जाता था। मंदिर के पुजारियों ने पालतू और पवित्र जानवर को हाथ से खाना खिलाया। ग्रीक भूगोलवेत्ता स्ट्रैबो (Strabo) बताते हैं, कि पेटसुचोस को कैसे प्रसाद खिलाया जाता था। पुजारी उसके पास जाते थे, कुछ उसका मुंह खोलते थे तथा कुछ उसके मुंह में प्रसाद डालते थे।फिर उसे मांस, मधु और दूध खिलाया जाता था। जब एक पेटसुचोस की मृत्यु हो जाती है, संभवतः एक अत्यधिक समृद्ध आहार के कारण, तब उसे ममीकृत किया जाता था तथा उसके लिए एक महंगा दफन तैयार किया जाता था। इन सबके बाद एक नए पेटसुचोस को चुना जाता है।

संदर्भ:
https://www.youtube.com/watch?v=LU_IeQT099I
https://www.youtube.com/watch?v=Fp5kjdGWrvk