माघ माह का त्यौहार- वसंत पंचमी

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
22-01-2018 04:38 PM
माघ माह का त्यौहार- वसंत पंचमी

हिन्दू कैलेंडर का मूल वेदों में मौजूद है जिसे पांचवी शताब्दी ई.पू. में मानकीकृत किया गया था। बाद में इसे कई भारतीय गणितज्ञों द्वारा परिष्कृत किया गया। भारतीय कैलेंडर पर आधारित कैलेंडर कई देश जैसे कंबोडिया, लाओस, म्यानमार, श्री लंका और थाईलैंड में भी प्रयोग किये जाते हैं।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 12 माहों को निम्न नाम दिए गए हैं- जनवरी- माघ, फरवरी- फागुन, मार्च- चैत्र, अप्रैल- वैशाख, मई- ज्येष्ठ, जून- आषाढ, जुलाई- श्रावण, अगस्त- भाद्रपद, सितम्बर- आश्विन, अक्टूबर- कार्तिक, नवम्बर- अग्रहायण, दिसंबर- पौष। जनवरी यानी माघ के माह में कई भारतीय त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे लोहड़ी, मकर संक्रांति, वसंत पंचमी आदि।
वसंत पंचमी का त्यौहार माँ सरस्वती (ज्ञान, शिक्षा और कला की देवी) के सम्मान में मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था। माँ सरस्वती को ज्ञान की देवी माने जाने के कारण पारंपरिक रूप से इस दिन बच्चों को उनका पहला अक्षर लिखना सिखाना शुभ माना जाता था। भगवान गणेश, विष्णु, शिव और सूर्य देव को भी इस दिन पूजा जाता है। बंगाल में इस दिन प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं जिसमें लोगों के झुण्ड सवेरे में भजन गाते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते हैं। पंजाब में नदी किनारे वसंत मेले आयोजित किये जाते हैं। बंगाल में सरस्वती पूजन का विशेष महत्त्व है जहाँ पूजन के बाद जुलूस निकाला जाता है तथा माँ सरस्वती की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
यह त्यौहार माघ महीने में आता है जब सरसों के खेत खिले हुए सरसों के फूलों के कारण एक जीवंत पीले रंग के दिखाई पड़ते हैं। इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और यहाँ तक कि पीले व्यंजन भी तैयार किये जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि पीला रंग वसंत ऋतु का रंग है जब ना ठिठुरने वाली सर्दी होती है, ना ही जला देने वाली गर्मी और ना भारी बरसात।