रोगवाहक घरेलू मक्खी

शरीर के अनुसार वर्गीकरण
08-03-2018 01:22 PM
रोगवाहक घरेलू मक्खी

तीसमार खां की कहानी तो आपने सुनी ही होगी? कहानी तो बड़ी लम्बी है मगर मुख्य बात ये है कि उसे तीस मार खां क्यूँ बुलाया गया? एक साथ उसने तीस मक्खियों को मारा था जो उसे परेशान कर रही थी, किसी ने पूछा कितने मारे तो उसने कहा तीस। लोगों को लगा कि कितना शेरदिल इंसान है तबसे उसे सब तीसमार खां बुलाने लगे, उन्हें पता नहीं था की वह मक्खियों की बात कर रहा था। मनुष्य बस्ती जहाँ-जहाँ होती है वहाँ-वहाँ आपको मक्खियाँ दिखती हैं। अनादी काल से ये मनुष्य की सार्वत्रिक साथी रहीं हैं। पहले तो इन्हें बहुत ही महत्तवहीन और हानिरहित समझा जाता था लेकिन आगे चल वैज्ञानिकों से पता चला की वे तो असल में विकारी रोगकारक जंतुओं की वाहक हैं।

घरेलू मक्खी का वर्णन पहली बार कार्ल लिन्नेअस ने अपनी किताब सिस्टेमा नेचुरे (Systema naturae) में सन 1758 में किया। उसने इन्हें मुस्का डोमेस्टिका (Musca domestica Linn) यह नाम दिया। मान्यता है कि मक्खियाँ सीनोज़ोइक (Cenozoic) महाकल्प से पृथ्वी पर मौजूद हैं तथा मक्खियों की कुल संख्या में से 90% संख्या घरेलू मक्खियों की है। घरेलू मक्खी जंतु जगत के डिप्टेरा (Diptera) गण से हैं।

मक्खियों के दांत अथवा डंख नहीं होते, वे अपने मुंह से पोषण सोख लेती हैं। ज्यादातर वे तरल पदार्थ खा लेती हैं लेकिन ठोस पर्दार्थों पर थूक के अथवा वामन करके उन्हें तरल कर सोख लेती हैं। मक्खी की ऑंखें बड़ी ही महत्वपूर्ण और अनोखी होती हैं, उनमें हजार से भी ज्यादा लेंस रहती हैं जो उसके सामने के दृश्य को अलग-अलग नज़रिए से देख सकती हैं और उसे बड़े विस्तारित क्षेत्र को एक ही झटके में पूरा देख लेने की शक्ति देती हैं। मक्खियों के 6 पैर होते हैं, इन सभी पैरों पर छोटे-छोटे कांटेदार बाल होते हैं। आप प्रस्तुत चित्र देखें जिसमें मक्खी के पैरों का सूक्ष्मदर्शी यन्त्र से चित्रण किया गया है। इनमें वे पूरी दुनिया की गंदगी और रोग साथ लिए घूमती हैं मतलब मक्खियों के पैर ही प्रमुख रोगवाहक हैं।

मक्खियों को साफ़ सुथरी जगहों से परहेज़ है, वे गन्दी जगह ख़ास कर मल-मूत्र, सड़े गले कलेवर और कचरे के ढेर पसंद करती हैं हालांकि वे बिना ढके हुए स्वादिष्ट खाने पर भी तांव मार लेती हैं। अंडे देने के लिए वे गन्दी जगह ही ढूंढती हैं। इसी लिए बेहतर होता है कि हम अपना घर हमेशा स्वच्छ रखें तथा रोज़ के रोज़ कचरे की सफाई हो तथा मल मूत्र विसर्जन के स्थान अथवा कचरा फेंकने की जगहों की हर रोज़ सफाई की जाए और अगर वो नहीं हो सकता तो वहाँ पर कीटनाशी औषधी का इस्तेमाल हो।

1. हाउस फ्लाय: एनसायक्लोपेडिया ब्रिटानिका https://www.britannica.com/animal/housefly
2. द हाउस फ्लाय: मुस्का डोमेस्टिका लिन्न: इट्स स्ट्रक्चर, हैबिट्स, डेवलपमेंट, रिलेशन टू डिजीज एंड कण्ट्रोल: सी. गॉर्डन हेविट
https://books.google.co.in/books?id=2FYiIGjMsuYC&printsec=frontcover&dq=The+House-Fly:+Musca+Domestica+Linn:&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjVrs6Om9zZAhUCNY8KHb9VAaoQ6AEIKDAA#v=onepage&q=The%20House-Fly%3A%20Musca%20Domestica%20Linn%3A&f=falsemp;q=house%20fly&f=false