इंटरनेट उपयोग के इस चरम दौर में, हम लखनऊ वासी कैसे और क्यों रहें सतर्क ?

संचार एवं संचार यन्त्र
07-05-2025 09:22 AM
इंटरनेट उपयोग के इस चरम दौर में, हम लखनऊ वासी कैसे और क्यों रहें सतर्क ?

बच्चों के बीच इंटरनेट का बढ़ता उपयोग, आज हमारे शहर में भी एक चिंता का विषय बन गया है। जबकि, इंटरनेट हमें शिक्षा और मनोरंजन तक आसान पहुंच प्रदान करता है, इसका अत्यधिक उपयोग बच्चों के लिए हानिकारक साबित हो सकता हैं। कई बच्चे स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं, जिससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य, नींद और अध्ययन की क्षमता, नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। सोशल मीडिया (Social Media) और ऑनलाइन गेम (Online games) की लत लगने पर, उनके सामाजिक संपर्क सीमित हो सकते हैं और वे अनुचित कंटेंट के संपर्क में आ सकते हैं। साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) और गोपनीयता जोखिम जैसे साइबर खतरे भी बढ़ रहे हैं। अतः माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों की भलाई और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, सुरक्षित और संतुलित इंटरनेट उपयोग पर उनका मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है। आज, हम बच्चों के बीच इंटरनेट के बढ़ते उपयोग और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे। फिर हम डिजिटल मीडिया के उपयोग को सीमित करने के महत्व का पता लगाएंगे। अंत में, हम बच्चों में इंटरनेट की लत को रोकने के लिए प्रभावी सुझावों को देखेंगे।

चित्र स्रोत : pexels 

बच्चों द्वारा इंटरनेट के उपयोग का उदय-

इंटरनेट हमारे जीवन के हर पहलू को जोड़ता है। यह सुविधा और अनंत संयोजकता का एक पर्याय है, लेकिन, इसके साथ कई जोखिम भी जुड़े हुए है। इंटरनेट की दुनिया में, हम एक आभासी वातावरण में रहते हैं। हम दरअसल, यह पता लगाने में भी असक्षम हैं कि, वह सूचना कहां से आ रही है, यह न केवल हमारे जीवन के लिए, बल्कि हमारे बच्चों के लिए भी इसका खतरा बन सकता  है।  21 वीं सदी में डिजिटल दुनिया बच्चों की दैनिक गतिविधियों में एक अहम हिस्सा बन गई है। एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, 8 से 28 वर्ष की आयु के किशोर, डिजिटल स्क्रीन के सामने सप्ताह में औसतन 44.5 घंटे खर्च करते हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 23% बच्चे, वे वीडियो गेम की लत के शिकार हैं। चूंकि, वर्तमान युवा पीढ़ी इंटरनेट पर अधिक से अधिक निर्भर बन रही है, इसलिए उन्हें इंटरनेट के विभिन्न दुर्भावनापूर्ण पक्ष से खतरा है।

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•ऑनलाइन गेम:

इंटरनेट और गेमिंग तकनीक की तेज़ी से बढ़ती उन्नति के साथ, इंटरनेट पर हज़ारों ऑनलाइन गेम्स उपलब्ध हैं। सही मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के बिना, ये खेल बच्चों में इनकी लत जैसी जोखिमों को उजागर कर सकते हैं। कई ऑनलाइन गेम्स, अब इन-गेम खरीदारी के विकल्प के साथ आते हैं, जिनमें असली धन का उपयोग किया जाता है।  इसके चलते कई बार बच्चे अनजाने में बड़ी राशि खर्च कर देते हैं।। दुनिया भर से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां छोटे बच्चे अपने माता-पिता को सूचित किए बिना भी, ऑनलाइन गेम्स पर पैसे खर्च कर बैठते हैं।

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•सोशल मीडिया:

कुछ आंकड़ों के अनुसार, 13-17 वर्ष की उम्र के 90% किशोर सोशल मीडिया पर हैं, और उनमें से 51% किशोर, सोशल मीडिया पर दैनिक रूप से सक्रिय हैं। हाल के दिनों में हमने ऐसे सभी प्लेटफ़ॉर्म पर, हावी होने वाला हिंसक, यौन और घृणित कंटेंट देखा है। ऐसे कंटेंट का युवाओं और खासकर बच्चों के मनोविज्ञान पर एक हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

डिजिटल मीडिया के उपयोग को सीमित क्यों करें?

डिजिटल मीडिया के अति प्रयोग से, आपके बच्चों पर निम्नलिखित नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं - 

•अपर्याप्त नींद: 

डिजिटल मीडिया का उपयोग, हमारी नींद में हस्तक्षेप कर सकता है। ऐसे बच्चे और किशोर, जिनकी मीडिया तक अधिक पहुंच हैं, या जिनके पास उनके बेडरूम में टीवी, कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस हैं, अक्सर रात में देर से सोते हैं। इस कारण, उनकी नींद कम होती है।

•मोटापा: 

अत्यधिक स्क्रीन उपयोग से मोटापे का खतरा बढ़ सकता है। प्रतिदिन 1.5 घंटे से अधिक समय तक टीवी देखना, 4 से 9 साल की उम्र के बच्चों में मोटापे के लिए एक प्रमुख कारक है।

•सीखने की क्षमता और सामाजिक कौशल में देरी: 

जब शिशु या प्राथमिक विद्यार्थी बहुत अधिक टीवी देखते हैं, तो वे ध्यान, सोच, भाषा और सामाजिक कौशल में देरी से विकास दिखा सकते हैं।

•विद्यालय प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव: 

बच्चे और किशोर अक्सर ही, गृहकार्य करते समय भी मनोरंजन मीडिया का उपयोग करते हैं। इस तरह के बहु-कार्य का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और वे विद्यालय में बुरा प्रदर्शन कर सकते हैं।

•व्यवहार की समस्याएं:

टीवी और स्क्रीन पर दिखाई देने वाला हिंसक कंटेंट, बच्चों के व्यवहार की समस्याओं में योगदान दे सकता है। वे इससे डर सकते हैं और जो वे देखते हैं, उससे भ्रमित हो सकते हैं। या फिर, वे स्क्रीन पर दिखाए गए पात्रों की नकल करने की भी कोशिश करते हैं।

•समस्याग्रस्त इंटरनेट उपयोग

जो बच्चे ऑनलाइन मीडिया पर बहुत अधिक समय बिताते हैं, वे एक प्रकार के विशेष व्यवहार के लिए जोखिम में हो सकते हैं। इसे ‘समस्याग्रस्त इंटरनेट उपयोग(Problematic internet use)’ कहा जाता है।

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बच्चों में इंटरनेट की लत की रोकथाम के लिए, उपयोगी सुझाव क्या हैं?

•स्क्रीन समय सीमा निर्धारित करें: 

बच्चों के लिए, ऑनलाइन समय बिताने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें। साथ ही, इंटरनेट की लत की रोकथाम के लिए शैक्षणिक कार्यों, घरेलू कर्तव्यों और अन्य दायित्वों के साथ, स्क्रीन समय के हस्तक्षेप को रोकें।

•बच्चों को उचित व्यवहार सिखाए: 

ज़िम्मेदार प्रौद्योगिकी उपयोग के लिए, एक आदर्श व्यक्ति बनें। बच्चे अक्सर वयस्कों के व्यवहार का अनुकरण करते हैं, इसलिए, खुद भी संतुलित स्क्रीन समय की आदतों को प्रदर्शित करें।

•संतुलन एवं मनोरंजन: 

शैक्षिक और मनोरंजन स्क्रीन समय के बीच, संतुलन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। अपने बच्चों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कंटेंट और ऐप्स की गुणवत्ता की निगरानी करें।

•ऑनलाइन जोखिमों के बारे में शिक्षित करें: 

अपने बच्चों को व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के महत्व और इंटरनेट से जुड़े संभावित जोखिमों के बारे में जागृत करें। 

•महत्वपूर्ण सोच को प्रोत्साहित करें: 

अपने बच्चों को ऐसी जानकारी का मूल्यांकन करना सिखाएं, जो वे ऑनलाइन देखते हैं। उनके साथ, सूचना की सत्यता और दुष्प्रचार की संभावना पर चर्चा करें।

•सूचित रहें: 

सबसे हालिया ऑनलाइन रुझानों और आमतौर पर बच्चों के बीच उपयोग किए जाने वाले अनुप्रयोगों से अप-टू-डेट रहें। यह उनके इंटरनेट प्रयोग पर प्रकाश डालता है, और आपको संदर्भ प्रदान करता है।

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/2cebjrak

https://tinyurl.com/2my636wx

https://tinyurl.com/ywtrth3v

मुख्य चित्र स्रोत : flickr 

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