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लखनऊ, जिसे तहज़ीब और संस्कृति की नगरी कहा जाता है, न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ विज्ञान और प्रकृति प्रेम को समर्पित कुछ अनोखे स्थल भी हैं। ऐसा ही एक स्थान है गंगा एक्वेरियम (ganga aquarium), जो गोमतीनगर में स्थित है और शहर के आधुनिक आकर्षणों में प्रमुख स्थान रखता है। यह एक्वेरियम न केवल बच्चों के लिए रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है, बल्कि वयस्कों को भी जलजीवों की विविधता और सुंदरता से परिचित कराता है। लखनऊ के हरे-भरे वातावरण और शहरी जीवन के बीच बसी यह जल-जगत की दुनिया, पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सुंदर माध्यम बन चुकी है। लखनऊ शहर में एक और नाम तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, गंगा एक्वेरियम। यह अनोखा एक्वेरियम 19 नवंबर 2010 को आम जनता के लिए खोला गया था। इसका उद्घाटन भारत सरकार के डेयर (DARE) सचिव और आईसीएआर (ICAR) के महानिदेशक डॉ. एस. अय्यप्पन ने किया था। यह जगह सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि बड़ों के लिए भी एक अद्भुत अनुभव है। यहां कुल 42 बड़े-बड़े एक्वेरियम हैं, जिनकी क्षमता 800 से 1600 लीटर तक है। ये एक्वेरियम वातानुकूलित दीर्घाओं में हैं और इस तरह सजाए गए हैं कि देखने पर ऐसा महसूस होता है जैसे आप किसी नदी या झील की गहराइयों में झाँक रहे हों। सुंदर बैकड्रॉप (backdrop) और सजावटी वस्तुएं हर टैंक (tank) को और भी आकर्षक बनाती हैं।
पहले वीडियो में हम लखनऊ के गंगा एक्वेरियम को क़रीब से देखेंगे।
गंगा एक्वेरियम में भारत और दुनिया भर से लाई गई 100 से ज़्यादा किस्मों की मछलियाँ मौजूद हैं। इन मछलियों की दुनिया वाकई रोमांचकारी है, कहीं लाल पूंछ वाली बड़ी-बड़ी कैटफिश (catfish) हैं, तो कहीं रंग-बिरंगी टेट्राज़ और प्यारी-प्यारी गोल्डफिश (goldfish) की कई प्रजातियाँ: बबल-आई (Bubble-Eye), रेड कैप (Red Cap), ब्लैकमूर (Blackmoor), और शुबंकिन (Shubunkin) जैसी।
भारत की अपनी मछलियाँ भी कम आकर्षक नहीं हैं। जैसे केरल की क्वीन कही जाने वाली डेनीसनी बार्ब (Danysani Barb), फ्लेमिंगो बार्ब (Flamingo Barb) और रंग-बिरंगी फ्रेशवॉटर ईल्स (Freshwater eels)। खाने वाली मछलियों में भी कई प्रमुख प्रजातियाँ मौजूद हैं, जैसे कतला, रोहू, मृगल, और स्नेकहेड्स (Snakeheads)। यहां समुद्री जीवों की झलक भी देखने को मिलती है, क्लाउनफिश (Clownfish), स्टारफिश (Starfish), स्कॉर्पियन फिश (Scorpion Fish)और रंगीन कोरल्स (Corals) के साथ, चार खास समुद्री एक्वेरियम दर्शकों को समुद्र की दुनिया में ले जाते हैं। और अगर आप फेंगशुई (Feng Shui) और शुभ संकेतों में रुचि रखते हैं, तो आपके लिए यहां हैं फ्लावरहॉर्न (Flowerhorn) और एरोवाना (Arowana) जैसी मछलियाँ, जिन्हें सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। प्रत्येक एक्वेरियम के आगे एक डिस्प्ले पैनल (display panel) भी लगाया गया है जो उस मछली के बारे में जरूरी जानकारी देता है, ताकि यह यात्रा केवल देखने की न रहकर सीखने का भी एक बेहतरीन अनुभव बन जाए।
नीचे दिए गए वीडियो में हम लखनऊ के गंगा एक्वेरियम और फिश म्यूज़ियम को करीब से देखेंगे।
संदर्भ-
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