लखनऊ के ज़ायके का रहस्य: स्वाद और सुगंध का अनोखा मेल जो दिल जीत लेता है

स्वाद - भोजन का इतिहास
12-12-2025 09:20 AM
लखनऊ के ज़ायके का रहस्य: स्वाद और सुगंध का अनोखा मेल जो दिल जीत लेता है

लखनऊवासियों, जैसा कि हम सब जानते हैं - हमारा शहर नज़ाकत, तहज़ीब और बेहतरीन खान-पान की विरासत से पहचाना जाता है। यहाँ की हर डिश, हर खुशबू और हर मसाले में एक अलग ही शाहीपन महसूस होता है। कबाब की नरमी हो या बिरयानी की खुशबू - भोजन सिर्फ पेट भरने की चीज़ नहीं, बल्कि एक एहसास है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि किसी भी व्यंजन को स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने में सबसे बड़ी भूमिका किसकी होती है? स्वाद और सुगंध की। वही सुगंध जो खाते ही मन में बस जाती है और वही स्वाद जो यादों में देर तक ठहर जाता है। आज का हमारा विषय इन्हीं दोनों की भूमिका और उनके महत्व को समझने से जुड़ा है, खासकर जब बात खाद्य उद्योग की हो।
आज के इस लेख में हम पहले समझेंगे कि स्वाद और सुगंध में मूल अंतर क्या है और हमारी जीभ तथा नाक कैसे इन अनुभवों को महसूस करती हैं। इसके बाद, हम जानेंगे कि खाद्य उद्योग में सुगंध का उपयोग कैसे किया जाता है, जिससे वह व्यंजन को अधिक आकर्षक और मनभावन बनाती है। फिर हम सुगंध के विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे बेकरी (bakery), डेयरी (dairy), कन्फेक्शनरी (confectionery), मसालों और ठंडे खाद्य पदार्थों में इसके उपयोग पर ध्यान देंगे। अंत में, हम समझेंगे कि सुगंध योजक (Flavour & Fragrance Additives) क्या होते हैं और इन्हें खाद्य एवं सौंदर्य प्रसाधन उद्योगों में किस प्रकार और क्यों उपयोग किया जाता है।

स्वाद और सुगंध: एक अद्भुत संवेदी अनुभव
किसी भी भोजन के स्वादिष्ट होने की वास्तविक जड़ केवल उसके मसालों की तीव्रता या सामग्री की गुणवत्ता में नहीं होती, बल्कि इस बात में होती है कि उसमें स्वाद और सुगंध कितनी संतुलित और मनभावन रूप से उपस्थित हैं। जब हम भोजन करते हैं, तो हमारी जीभ पर मौजूद स्वाद कलिकाएँ मीठा, नमकीन, कड़वा, खट्टा और तीखापन जैसे स्वादों को पहचानती हैं। वहीं, जैसे ही भोजन की भाप या खुशबू हमारी नाक तक पहुँचती है, तो नाक की सूक्ष्म संवेदनशील नसें उस सुगंध को पकड़कर दिमाग तक उसके वास्तविक आकर्षण का संदेश पहुँचाती हैं। दरअसल, भोजन की सुगंध हमारे मस्तिष्क में उससे जुड़ी स्मृतियाँ और भावनाएँ भी सक्रिय करती है। यही कारण है कि हमें कुछ व्यंजन बचपन, घर, त्यौहार या किसी खास जगह की याद दिलाते हैं। और जब हमें सर्दी या नाक बंद होने जैसी अवस्था होती है, तो हमें भोजन फीका लगने लगता है। इसका कारण यह है कि भोजन के स्वाद का एक बड़ा हिस्सा - लगभग 70% - वास्तव में उसकी सुगंध के माध्यम से महसूस होता है। यानी, स्वाद और सुगंध अलग होते हुए भी खाने के अनुभव में एक-दूसरे के पूरक हैं। जब खुशबू मन को भाती है और स्वाद इंद्रियों को संतुष्टि देता है, तभी कोई व्यंजन वास्तव में यादगार बनता है।

खाद्य उद्योग में सुगंध की आवश्यकता
खाद्य उद्योग में सुगंध का महत्व केवल स्वाद बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भोजन की पहचान, गुणवत्ता, स्वीकृति और आकर्षण को स्थापित करने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है। कई बार खाद्य सामग्री की प्राकृतिक खुशबू, पकाने, सुखाने, भूनने, संरक्षित करने या फ्रीज़ करने की प्रक्रिया में कम हो जाती है। ऐसे में सुगंध योजक उस भोजन के मूल स्वाद अनुभव को वापस जीवंत करते हैं, ताकि उपभोक्ता को वह भोजन हर बार वैसा ही लगे जैसा उसे पहली बार चखने पर लगा था। आज स्नैक्स (snacks), बेकरी उत्पाद, सॉफ्ट ड्रिंक (soft drink), रेडी-टू-कुक (ready-to-cook) भोजन, इंस्टैंट पेय (instant drink), चॉकलेट, हेल्थ ड्रिंक (health drink), डेयरी शेक (dairy shake) जैसे असंख्य उत्पादों में सुगंध का सावधानीपूर्वक और वैज्ञानिक रूप से चयन किया जाता है।
इसमें यह ध्यान रखा जाता है कि सुगंध:

  • उत्पाद की प्रकृति के अनुरूप हो
  • समय के साथ और संग्रहण में स्थिर बनी रहे
  • उपभोक्ता की स्वाद-इच्छा को जागृत करे
  • और सबसे महत्वपूर्ण, पहचान बनाने में मदद करे

स्वाद और सुगंध का विस्तृत अंतर
भले ही स्वाद और सुगंध एक साथ अनुभव होते हैं, लेकिन दोनों की प्रकृति पूरी तरह अलग है। स्वाद जीभ से अनुभव होता है और यह हमें बताता है कि खाना कैसा है - मीठा, नमकीन, खट्टा इत्यादि। सुगंध नाक से अनुभव होती है और यह हमें बताती है कि खाना कितना ताज़ा, लुभावना और भोग्य है।

विशेषतास्वाद (Taste)सुगंध (Aroma/Fragrance)
अनुभव की जगहजीभनाक
अनुभूति का प्रकारमीठा, खट्टा, कड़वा, नमकीन, तीखाफूलों, मसालों, धुएँ, फल आदि जैसी खुशबू
महसूस करने का समयखाने के दौरान और बादखाने से पहले ही महसूस हो जाती है
प्रभावभोजन का मूल स्वाद निर्धारित करता हैखाने की भूख और आकर्षण बढ़ाता है

जब दोनों एक साथ मिलते हैं, तभी किसी व्यंजन का पूरा स्वाद अनुभव बनता है।

खाद्य उद्योग में सुगंध के प्रमुख अनुप्रयोग

a) हिमशीतित भोजन (Frozen Food)
जमे हुए भोजन, जैसे फ्रोजन सब्ज़ियाँ, मछली या मांस, लंबे समय तक संग्रहित रहते हैं। फ्रीज़िंग के दौरान इनका स्वाद और सुगंध फीका पड़ सकता है। इसलिए ऐसे फ्लेवर्स का प्रयोग किया जाता है जो पकाने के बाद भी मूल सुगंध और स्वाद को जीवित रखें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि उपभोक्ता को घर में वही स्वाद मिले जो ताज़ा भोजन में मिलता है।

b) बेकरी उत्पाद
ब्रेड, बिस्किट, केक और पेस्ट्री बनाने में वनीला, बटर, बादाम, चॉकलेट, कॉफी जैसे फ्लेवर्स उपयोग किए जाते हैं। ये फ्लेवर्स ओवन की गर्मी में भी अपना प्रभाव बनाए रखते हैं, जिससे बेकरी उत्पादों की खुशबू दूर से ही लोगों को आकर्षित कर लेती है।

c) कन्फेक्शनरी (Toffee, Candy, Chocolate)
कैंडी और चॉकलेट में फ्लेवर्स तेज तापमान पर भी स्थिर रहने चाहिए। इसलिए फल, पुदीना, नींबू, स्ट्रॉबेरी (strawberry) और शहद जैसे फ्लेवर्स विशेष तरीकों से तैयार किए जाते हैं, ताकि वे आसानी से खराब न हों और लम्बे समय तक टिके रहें।

d) डेयरी पेय और मिठाइयाँ
दूध आधारित पेयों जैसे लस्सी, मिल्कशेक और फ्लेवर्ड मिल्क में इलायची, गुलाब, केसर, वनीला आदि सुगंध दी जाती है। इससे स्वाद न केवल बढ़ता है, बल्कि पेय में एक प्राकृतिक सौम्यता और मिठास भी आ जाती है।

e) मसाला उद्योग
मसालों की पहचान केवल उनकी तीखापन में नहीं बल्कि उनकी मोहक सुगंध में होती है। गरम मसाला, किचन किंग, बिरयानी मसाला जैसे मिश्रित मसाले अपनी सुगंध की वजह से ही व्यंजनों का स्वाद गहरा और आकर्षक बनाते हैं।

File:Piece of chocolate cake on a white plate decorated with chocolate sauce.jpg

सुगंध योजक और उनके विस्तृत उपयोग
सुगंध योजकों का महत्व केवल भोजन तक ही सीमित नहीं है। सुगंध हमारे दैनिक जीवन के अनुभवों को भी प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए:

  • साबुन और शैंपू में सुगंध नहाने के अनुभव को सुखद बनाती है
  • बॉडी लोशन (Body Lotion) और क्रीम में सुगंध आत्मविश्वास की भावना बढ़ाती है
  • इत्र और डियो खुशबू को हमारी पहचान का हिस्सा बना देते हैं
  • अगरबत्ती और मोमबत्तियाँ हमारी रहने की जगह को शांत और मनभावन बनाती हैं
  • डिटर्जेंट (detergent) और रूम फ्रेशनर (room freshener) घर के माहौल को ताज़ा रखने में मदद करते हैं

इस तरह, सुगंध हमारे भावनात्मक, सामाजिक और संवेदी अनुभवों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

संदर्भ- 
https://tinyurl.com/mpjb55hf 
https://tinyurl.com/knmty2jw 
https://tinyurl.com/2tteae3y 
https://tinyurl.com/yyx7sdcv 



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