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                                            डायमंड रिंग (Diamond Ring) प्रभाव सूर्य ग्रहण के दौरान समग्रता की शुरुआत और अंत में होता है। सूर्य और पृथ्वी के मध्य चन्द्रमा के आ जाने के कारण सूर्य के प्रकाश की अंतिम किरणें चंद्रमा और उसकी चट्टानों से छनकर आती हैं, और चंद्रमा के चारों ओर सिवाय छनकर आये हुए प्रकाश के कुछ नहीं दिखाई देता है तथा इस कारण हमें चमकते हीरे के साथ एक अंगूठी (डायमंड रिंग) जैसा प्रभाव दिखाई देता है। यह बहुत प्यारा दृश्य होता है, जो आम तौर कुछ ही क्षणों के लिए रहता है। अत्यधिक क्षण स्थायी डायमंड रिंग प्रभाव वास्तव में दिखाता है कि ब्रह्मांड उतना स्थिर नहीं है जितना दिखता है।
बेली के मोतियों का प्रभाव (The Baily's Beads Effect) या डायमंड रिंग प्रभाव कुंडलाकार सूर्य ग्रहण की एक विशेषता है। जैसा ही चंद्रमा सूर्य को ग्रहण के दौरान देखता है तब चंद्र अंग की बीहड़ स्थलाकृतियां सूर्य के प्रकाश को कुछ स्थानों से चमकने की अनुमति देती है और कुछ में नहीं। इसका नाम बेली के मोतियों का प्रभाव, फ्रांसिस बेली (Francis Bailey) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सन 1836 में इस घटना की व्याख्या की थी और इस घटना के कारण को समझाया था। हीरे की अंगूठी का प्रभाव तब देखा जाता है जब चन्द्रमा से छानकर आने वाली सूर्य किरणों का प्रकाश केवल एक मनके जैसी आकृति में चंद्र सिल्हूट के चारों ओर से आने वाला प्रकाश के साथ अंगूठी में स्थापित एक चमकदार "हीरे" के रूप में दिखाई देता है।
आइए इस चलचित्र के माध्यम से इस अद्भुत और दुर्लभ घटना पर एक नजर डालते हैं।
सन्दर्भ:
1.	https://www.youtube.com/watch?v=sM8Q2HDq5TU
2.	https://en.wikipedia.org/wiki/Baily's_beads
3.	https://www.weatherscapes.com/album.php?cat=astronomy&subcat=diamond_ringdty