मानव समुदाय में पशु संरक्षण काफी पहले से ही एक महत्वपूर्ण विषय रहा है, तथा इसके लिए कई प्रयास भी किए गये हैं।बंदी पांडा प्रजनन कार्यक्रम (Captive panda breeding programs) भी इन्हीं प्रयासों में से एक हैं, हालांकि इनका अंत काफी दुखद हुआ। उदाहरण के लिए जियांग जियांग (Xiang Xiang) नाम के एक पांडा,जो कि पहले बंदी पांडा प्रजनन कार्यक्रम का हिस्सा था,को जब जंगल में छोड़ा गया, तब उसके ठीक एक साल बाद वह मारा गया, जिसका मतलब है कि वह स्वतंत्र रूप से विचरण करने में सक्षम नहीं था।यहीं से ही पांडा बूट कैंप (Panda boot camp) का विचार पनपा। ताओ ताओ (Tao Tao), नाम के एक पांडा को वोलोंग नेचर प्रिजर्व (Wolong Nature Preserve) में इस तरह से पाला जा रहा था, जिससे उसको जंगल में स्वतंत्र रूप से रहने में कोई दिक्कत न हो।चढ़ाई जैसे बुनियादी कौशल में उसकी मां के प्रशिक्षण के अलावा, वैज्ञानिकों ने ताओ ताओ को इस तरह से प्रशिक्षित किया कि वह तूफान, भूस्खलन और शिकारियों जैसे खतरों का सामना कर सके। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रशिक्षणकर्ताओं ने पांडा के साथ बातचीत करने के दौरान पांडा की वेशभूषा और सुगंध का इस्तेमाल किया ताकि वह मनुष्यों के आदी न हो जाए। ताओ ताओ को 2012 में रिहा कर दिया गया था और 2017 में स्वास्थ्य जांच के लिए पुनः पकड़ा गया, जहां उनके जंगल में पनपने की सूचना मिली। वोलोंग पांडा उत्तरजीविता स्कूल (Wolong panda survival school) हर साल कई पांडा शावकों को पालता है, और उन्हें सख्त अभ्यास के माध्यम से प्रशिक्षित करता है, ताकि वे जंगल में खुद की देखभाल करने में सक्षम हो सकें।