क्या आप जानते हैं कि बर्फ से ढके पर्वतों में गोली चलाना या ज़ोर से चिल्लाने के लिए मना किया जाता है, क्यों कि इससे हिमस्खलन का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है। दरअसल हिमस्खलन के दौरान, बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य सामग्री का एक विशाल द्रव्यमान तेजी से एक पहाड़ से नीचे गिरता है। सबसे सामान्य हिमस्खलन के दौरान भी भारी मात्रा में बर्फ सबसे तेज़ स्कीयर (Skier) से भी अधिक तेज़ी से नीचे की ओर खिसक सकती है। एक हिमस्खलन तब शुरू होता है जब बर्फ का एक अस्थिर पिंड ढलान से टूट कर अलग हो जाता है। बर्फ नीचे की ओर बढ़ने पर गति पकड़ने लगती है, जिससे बर्फ की एक नदी और बर्फीले कणों का एक बादल बन जाता है जो हवा में ऊपर उठता है। एक बड़े, पूर्ण विकसित हिमस्खलन का वजन एक लाख टन तक भी हो सकता है। यह 320 किलोमीटर प्रति घंटे से भी तेज गति से नीचे की ओर यात्रा कर सकता है। एवरेस्ट बेस कैंप (Everest Base Camp) में हिमस्खलन देखने वाले एक व्यक्ति ने हिमस्खलन के बड़े खतरे और सुंदरता का वर्णन कुछ इस प्रकार किया है: “मैंयह कह सकता हूँ कि इससे भयानक और प्रेरक घटना मैंने पहले कभी नहीं देखी थीं।”