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हमारे प्रिय मेरठ वासियों, क्या आपने 'बादामी गुफ़ा मंदिरों' (Badami Cave Temples) के बारे में कभी सुना है ? यकीनन, आपमें से कई लोग, इन मंदिरों के बारे में नहीं जानते होंगे। भारत के कर्नाटक में स्थित बादामी गुफ़ा परिसर (Badami Cave Complex), भारतीय शैलकर्तित वास्तुकला (Indian Rock-Cut Architecture) का एक अद्भुत उदाहरण है, जिसे चालुक्य वंश द्वारा 6वीं और 8वीं शताब्दी ईस्वी के बीच बनाया गया था। ये मंदिर, उत्तर और दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली का एक अनूठा मिश्रण हैं। यहां की दीवारों, स्तंभों और छतों पर हिंदू देवताओं की जटिल नक्काशी की गई है। यहां चार गुफ़ा मंदिर परिसर हैं, जो बलुआ पत्थर की चट्टानों को तराश कर बनाए गए हैं। बादामी गुफ़ाएँ, मुख्य रूप से अपनी स्थापत्य शैली के लिए जानी जाती हैं। वे उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली का एक अनूठा मिश्रण हैं। ये मंदिर, द्रविड़ शैली में बनाए गए हैं, जिसमें उत्तर भारतीय नागर शैली भी शामिल है। इनके परिसर की सुंदरता को उजागर करने के लिए इनमें प्राकृतिक प्रकाश (natural lighting) का उपयोग किया गया है। इनके अनूठे डिज़ाइन के कारण, प्राकृतिक प्रकाश अंदरूनी हिस्सों में प्रवेश करता है, जो मूर्तियों और नक्काशी को रोशन करता है। बादामी गुफ़ाओं का परिसर, फ़ोटोग्राफ़रों के लिए एक खुशी की बात है, क्यों कि यहां उन्हें अनेकों दिलचस्प और मोहक दृश्य प्राप्त हो जाते हैं। इन गुफ़ाओं में घूमना बहुत आसान है। चारों गुफ़ाएँ, एक आम रास्ते से जुड़ी हुई हैं और कोई भी आसानी से एक गुफ़ा से दूसरी गुफ़ा में जा सकता है। तो आइए, आज हम, इस गुफ़ा परिसर के कुछ चलचित्रों को देखें और इसके इतिहास, यहाँ बने मंदिरों और इसकी वास्तुकला की शैली के बारे में विस्तार से जानें। हम इस परिसर में घूमने के लिए कुछ आकर्षक स्थानों जैसे कि भूतनाथ मंदिर (Bhoonthnath Temple), अगस्त्य झील (Agastya Lake) आदि का एक निर्देशित दौरा भी करेंगे।
संदर्भ