यौन शिक्षा है बहुत महत्वपूर्ण

व्यवहार के अनुसार वर्गीकरण
28-07-2018 03:45 PM

भारतीय समाज को एक काफी रूढ़िवादी समाज माना जाता है। जहाँ कई मामलों में यह सही सिद्ध नहीं होता, वहीं कुछ मामलों में हम वास्तव में आज भी रूढ़िवादी हैं। उदाहरण के तौर पर यौन शिक्षा को ही ले लीजिये। आज भारत में शायद ही कोई माता-पिता अपने बच्चों से इसके बारे में बात करना ज़रूरी समझते हैं। पाठ्यक्रम में होते हुए भी कई विद्यालयों में इस पाठ के ऊपर से छलांग मार दी जाती है। और ऐसा क्यों? सिर्फ और सिर्फ शर्म के चलते। इस विषय से नज़रें चुराने के बावजूद समाज यह भी चाहता है कि इसके बारे में नयी पीढ़ियों को अपने आप सब पता चल जाए और वे इसके प्रति सबसे आदर्श बर्ताव रखें। तो आइये आज देखते हैं इसी विषय से मिलती जुलती एक कहानी ऊपर दी गयी शोर्ट फिल्म ‘दी गुड गर्ल’ (The Good Girl) के माध्यम से।

प्रस्तुत फिल्म आपसे करीब 11 मिनट का समय मांगती है। फिल्म के शुरूआती दृश्य में एक 21 वर्षीय लड़की अपने बाथरूम में गर्भावस्था परीक्षण के परिणाम की प्रतीक्षा कर रही है। तभी उसकी माँ वहाँ आ धमकती हैं और उसे बताती हैं कि उसके पिता अपनी लाडली बेटी के लिए दावत रख रहे हैं। परन्तु फिर माँ को पता चलता है कि आखिर उसकी बेटी क्या कर रही है। इसके बाद जो होता है, उससे उन माँ-बेटी का रिश्ता हमेशा के लिए बदल जाता है। फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है कि किस प्रकार माता-पिता को अपने बच्चों को समाज से लड़ने एवं कुशल तरीके से अपना जीवन जीने की सीख देनी चाहिए।

भारत में हर वर्ष लाखों अविवाहित जोड़े इस दौर से गुज़रते हैं। इनमें से कई समाज के डर से या तो विवाह में बंध जाते हैं या फिर कई गर्भपात का सहारा लेते हैं जिसके चलते कई बार उनके स्वास्थ्य को भी खतरा झेलना पड़ता है। कई मामलों में यह गर्भपात गैरकानूनी भी होता है। और इस सब की वजह है शिक्षा की कमी। शिक्षा ही वह चिराग है जो इस अन्धकार को दूर कर सकती है। तो क्लिक कीजिये ऊपर दिए गए लिंक पर और देखिये कैसे यह माँ अपनी बेटी को शिक्षित करती है।

संदर्भ:
1. https://www.youtube.com/watch?v=pIT0seTek8s
2. https://everylifecounts.ndtv.com/teenage-pregnancy-red-alert-india-16713