समय - सीमा 277
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आज होली है और हम सब के मन उत्साह से भरे हुए है। यह इतना मस्ती भरा त्यौहार है कि बच्चे तो उत्साहित रहते ही है परन्तु बड़ों में भी इस त्यौहार को ले कर कम उत्साह नहीं होता। तो आइए हम भी इस त्यौहार के रंग में रंग जाए और योगेन्द्र दत्त शर्मा जी की एक प्यारी कविता के साथ इस त्यौहार का स्वागत करें
सतरंगी बौछारें लेकर
इंद्रधनुष की धारें लेकर,
मस्ती की हमजोली आई
रंग जमाती होली आई
पिचकारी हो या गुब्बारा
सबसे छूट रहा फव्वारा,
आसमान में चित्र खींचती
कैसी आज रंगोली आई
टेसू और गुलाल लगाए
मस्त-मलंगों के दल आए,
नई तरंगों पर लहराती
उनके साथ ठिठोली आई
महका-महका-सा फागुन है
चहकी-चहकी-सी हर धुन है,
कहीं काफियाँ, कहीं ठुमरियाँ
कहीं प्रीत की डोली आई
चंग, मृदंग बजे बस्ती में
झूम उठे बच्चे मस्ती में,
ताल-ताल पर ठुमका देती
धूल उड़ाती टोली आई
रंग जमाती होली आई
संदर्भ:
1.https://vimeo.com/81306682
2.ऊपर दिया वीडियो वेरिएबल (Variable) कंपनी द्वारा निर्मित है