क्यों एक समय मेरठ के इस मंदिर में आने से डरते थे लोग?

वास्तुकला I - बाहरी इमारतें
22-10-2019 10:24 AM
क्यों एक समय मेरठ के इस मंदिर में आने से डरते थे लोग?

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

देवी पूजा भारत भर में बड़े ज़ोर-शोर से होती है। अभी हाल ही में देवी दुर्गा के सबसे बड़े पर्व नवरात्रि का समापन हुआ है। मेरठ में भी देवी पूजा बड़े पैमाने पर होती है और यही कारण है कि मेरठ की मंशा देवी का मंदिर अत्यंत ही प्रमुखता से जाना जाता है। तो आइये जानने की कोशिश करते हैं इस मंदिर की ऐतिहासिकता के बारे में। यदि ऐतिहासिकता की बात की जाए तो इस मंदिर का कोई एक निश्चित कालक्रम नहीं मिलता है परन्तु यह ज़रूर कहा जाता है कि यह मंदिर 1857 की क्रांति से पहले का है। यदि वास्तुकला के रूप में देखा जाए तो इस मंदिर का निर्माण करीब सन 1990 में हुआ। इस मंदिर का वास्तु उत्तर भारत की मंदिर परंपरा जो की नागर शैली की है, में बनाया गया है। इस मंदिर में दो परस्पर शिखर और एक बड़ा मंडप दिखाई देता है जो की यज्ञ हवन आदि करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

इस मंदिर को लेकर एक और कहानी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है और वह यह है कि आज से कुछ वर्ष पूर्व तक इस मंदिर में कोई भी श्रद्धालू नहीं जाता था तथा लोग यहाँ जाने से डरते थे। इस डर का कारण था एक शमशान। वर्तमान मंदिर जहाँ पर स्थित है वहां पर कभी एक शमशान हुआ करता था। कालान्तर में देवी के प्रताप और लोगों की आस्था ने रंग लाया और यह मंदिर आज पूजा पाठ और आध्यात्म का एक प्रमुख गढ़ बन गया है। यह मंदिर जिस स्थान पर बना है, वह ज़मीन औरंगाबाद डिग्गी गाँव की है और शुरुवाती दौर में इस मंदिर का देखरेख बाबा रामगिरी ने करना शुरू किया था और उनके स्वर्ग सिधारने के बाद यह कार्य उन्हीं की पीढ़ियाँ कर रही हैं। यह मंदिर कुल 4 बीघा की भूमि पर बना है और मंशा देवी के इस मंदिर के प्रांगण में करीब 25 अन्य मंदिर भी स्थित हैं। वर्तमान में इस मंदिर के जीर्णोद्धार आदि का जिम्मा माँ मंशा देवी ट्रस्ट के हाथ में है। प्रत्येक रविवार को इस मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुचकर माँ मंशा से आशीर्वाद और प्रसादी प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालू इस मंदिर में दिल से मत्था टेक कर जो भी मनोकामना करता है उसकी प्रत्येक मनोकामना माँ मंशा देवी पूरी कर देती हैं।

आज मेरठ ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों से भी लोग माँ मंशा देवी की पूजा अर्चना करने यहाँ आते हैं जिनकी संख्या हज़ारों में है। आज यह मंदिर मेरठ में आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/2W1S6J7
2. https://www.youtube.com/watch?v=Rgv6EdgnFBY
3. https://bit.ly/2W4nHcZ
4. https://www.tourmyindia.com/states/uttarpradesh/mansa-devi-temple-meerut.html