किसी भी साम्राज्य की आधारशिला व उसकी सुरक्षा को बरकरार रखने मे आयुधों कि एक महत्वपूर्ण भूमिका रहती है| मेरठ जो की शुरुआती इतिहास के समय से ही व्यापार एवं वाणिज्य का मुख्य केन्द्र रहा है उस पर कई राजाओं की नज़र थी| तैमूर के हमले मे भी मेरठ का उल्लेख मिलता है, सम्बन्धित लेखों के अनुसार तैमूर ने मेरठ और भटनायर मे बारूदी सुरंगो का प्रयोग सन् 1398 किया था। यहाँ पर मिले लिखित पत्रों व चित्रों से यहाँ के प्रमुख आयुधों का ज्ञान होता है जिसमे शक्तिशाली तोप, तलवार, खंजर, बंदूक आदि प्रमुख हैं| वर्तमान में मेरठ संग्रहालय मे मेरठ के इतिहास से जुड़े कई आयुध सुरक्षित हैं|