परमहंस योगानंद (बाबाजी) के शिक्षण से प्रभावित थे, रोजर हॉजसन

ध्वनि I - कंपन से संगीत तक
28-02-2021 03:09 AM
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हॉजसन (Hodgson), 1970 के दशक के सफल रॉक ग्रुप (Rock group) “सुपरट्रैम्प” (Supertramp) की एक विशिष्ट आवाज हैं। उनका जीवन बहुत एकांत और दर्दनाक रहा। उनका गिटार, जिसे उनके पिता ने तलाक के बाद उनके पास छोड़ दिया था, प्यार और ईश्वर को पाने या ढूंढने का माध्यम बना। यह एक ऐसा माध्यम था, जिसकी वजह से वे सुपरट्रैम्प के कई गीतों को प्रसिद्धि दिला पाये। वे परमहंस योगानंद (बाबाजी) के शिक्षण से बहुत अधिक प्रभावित थे। उनकी प्रतिभा का अंदाजा या प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि, उन्होंने एक ही समय में गहरे व्यक्तिगत अनुभवों का अंवेषण किया, अपने संगीत से प्यार करने वाले लाखों प्रशंसक और दर्शक बनाए तथा प्रसिद्ध पॉप (Pop) संगीत निर्मित किये। ब्रेकफास्ट इन अमेरिका (Breakfast in America) के गीत का आर्केस्ट्रा (Orchestral) अद्भुत है। रोजर कहते हैं, कि उनके गीत उनके हृदय या गहरे भावों से उत्पन्न होते हैं, जो कि भाव और गर्मजोशी के साथ गाये गये उनके प्रत्येक गीत में स्पष्ट रूप से महसूस किये जा सकते हैं। रोजर द्वारा लिखित और संगीतबद्ध उत्तम कृति “बाबाजी”, 1977 के एल्बम (Album) “इविन इन द क्वाइटेस्ट मोमेंट्स” (Even in the Quietest Moments) में से एक है। उनके इस सुंदर गीत को सुनकर हर कोई भावुक हो सकता है। उनके प्रदर्शन ने दुनिया भर के श्रोताओं को मोहित कर दिया है।
संदर्भ:
सुपरट्रैम्प और इसके प्रमुख गायक, रोजर हॉजसन - लॉर्ड इज इट माइन (Lord is it mine)
https://scroll.in/article/708554/five-songs-that-take-their-inspiration-from-south-asian-spiritualism
बाबाजी -
https://youtu.be/9kLBkGCvz-A