भारत की लिथियम-आयन की बढ़ती मांग और घटती आपूर्ती

खनिज
15-11-2022 11:13 AM
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भारत की लिथियम-आयन की बढ़ती मांग और घटती आपूर्ती

भारत की लिथियम-आयन (ली-आयन) बैटरी(Lithium-Ion (Li-Ion) Battery) की मांग वर्तमान में 3 GWh है और 2026 तक 20 GWh और 2030 तक 70 GWh तक बढ़ने की उम्मीद है।वर्तमान में, भारत मुख्य रूप से चीन (China) और हांगकांग (Hong Kong) से आयात के माध्यम से लिथियम-आयन बैटरी की अपनी 70% मांग को पूरा कर रहा है। 2030 तक, ली-आयन बैटरी की स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए, भारत को कच्चे माल की शोधन क्षमताओं में अतिरिक्त निवेश के साथ, सेल निर्माण क्षमता में अनुमानित $10 बिलियन के निवेश की आवश्यकता होगी।इसके परिणामस्वरूप बैटरी निर्माण और संबंधित सहायक व्यवसायों और सेवाओं में दस लाख या अधिक नौकरियों का सृजन होगा। भारत को बैटरियों का निर्यात केंद्र बनाने के लिए, सरकार और उद्योगों को बैटरियों की एक स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में एक साथ आने की आवश्यकता है।कच्चे माल की रिफाइनिंग (refining) और सेल निर्माण क्षमताओं में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स ब्रेक (tax break) और विशेष आर्थिक क्षेत्रों / लिथियम पार्कों की स्थापना, साथ ही सेल निर्माण के लिए पीएलआई (PLI) योजनाओं और सब्सिडी प्रदान करना, पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत सरकार हरित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपनी स्वतंत्रता के स्तर को बढ़ाने के लिए निजी खनिकों को लिथियम(जो इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण में उपयोग की जाने वाली बैटरी का एक महत्वपूर्ण घटक है)निकालने की अनुमति देने हेतु मौजूदा कानून को संशोधित करने की मांग कर रही है।भारतीय ईवी उद्योग वर्तमान में आयात पर अधिक निर्भरता, अपेक्षाकृत सीमित विनिर्माण, सीमित कच्चे माल की उपलब्धता और सीमित शोधन क्षमता की चुनौतियों का सामना कर रहा है।लिथियम (Lithium), बेरिलियम (Beryllium) और ज़िरकोनियम (Zirconium) सहित आठ खनिजों को एक प्रतिबंधित सूची से हटा दिया जाएगा जो वर्तमान में निजी कंपनियों द्वारा उत्पादन को प्रतिबंधित करती है।
आर्थर डी लिटिल, इंडिया मैनेजिंगपार्टनर बार्निक (Arthur D. Little, India Managing Partner Barnick) चित्रन मैत्रा कहते हैं “भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी(electric mobility) विकास में तेजी लाने के लिए, सरकार और उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र को सहयोग करना चाहिए, स्थापित बैटरी निर्माताओं, ओईएम(OEM) और स्टार्टअप(startup) के साथ एक आत्मनिर्भर, स्थानीय ईवी मूल्य श्रृंखला का पोषण करने के लिए, निरंतर अनुसंधान एवं विकास, साझेदारी और वैश्विक गठबंधनों में निवेश करना चाहिए। इसके साथ एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनानी चाहिए"।
प्राथमिक बैटरी दो प्रकार की हैं। लेड एसिड बैटरी का उपयोग आंतरिक दहन इंजन वाली कारों को शुरू करने और वाहन के भीतर रोशनी, रेडियो और अन्य उपकरणों के लिए ऊर्जा को स्टोर करने हेतु किया जाता है। लिथियम-आयन बैटरी पावर आइटम(power item) जैसे सेल फोन (cell phone) और इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड(electric or hybrid) वाहन में प्रयोग की जाती है। ऊर्जा घनत्व मुख्य रूप से इन दोनों को अलग करता है। लेड एसिडबैटरी की तुलना में, लिथियम-आयन बैटरी में उच्च ऊर्जा घनत्व और लंबी उम्र होती है। लिथियम-आयन बैटरियों का व्यापक उपयोग और ग्रिड और परिवहन सहित कई अनुप्रयोगों में लेड-एसिड बैटरियों का प्रतिस्थापन, इसी कारण के किया गया है।एक दशक बाद, बिजली से चलने वाले वाहनों और ऊर्जा भंडारण के लिए लिथियम-आयनबैटरी की मांग 2010 में 0.5 गीगावाट-घंटे से बढ़कर लगभग 526-गीगावाट घंटे हो गई थी। ब्लूमबर्ग (Bloomberg) के अनुसार, 2030 तक मांग 17 गुना बढ़ने की उम्मीद है, जिससे बैटरी स्टोरेज की कीमत कम हो जाएगी।
बैटरी प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण बैटरी भविष्य के टिकाऊ परिवहन का एक महत्वपूर्ण घटक बन रही हैं। इन मोबाइल बैटरियों में संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग किसी के घर को बिजली देने और ग्रिड स्थिरीकरण प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। इन प्लेटफ़ॉर्म तकनीकों में से एक जिसका उपयोग ग्रह को बेहतर बनाने और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए किया जा सकता है, वह है बैटरी का उपयोग। भारत 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का प्रयास कर रहा है और वैश्विक संक्रमण से स्वच्छ ऊर्जा के अवसर प्राप्त करना चाहता है, इसका उद्देश्य शून्य-उत्सर्जन प्रौद्योगिकी की एक विस्तृत श्रृंखला के घरेलू निर्माण को जोड़ना है। 2030 तक, राष्ट्र ने 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता का निर्माण करने का संकल्प लिया है, और यह अनुमान है कि अक्षय ऊर्जा के निरंतर उपयोग को सक्षम करने के लिए बड़ी मात्रा में बैटरी भंडारण की आवश्यकता होगी।

संदर्भ:
https://bit.ly/3WJ8ZqY
https://bit.ly/3WEEse1
https://bloom.bg/3t9Pydg

चित्र संदर्भ
1. टाटा की इलेक्ट्रिक कार और ली आयन बैटरी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. लिथियम-आयन पावडर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बेगमपेट, हैदराबाद में इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. उन्नत ली-आयन बैटरी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)