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                                            क्या आप जानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 1.2 मिलियन लोग बौद्ध धर्म का अनुसरण करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर (Tassajara Zen Mountain Center) को सबसे पुराना जापानी बौद्ध सोतो ज़ेन मठ माना जाता है। अमेरिका में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने में इस मठ ने ऐतिहासिक रूप से अहम भूमिका निभाई है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न राष्ट्रीय मूल और जातीयताओं से आये बौद्ध अनुयायी निवास करते हैं। 2012 में, यह अनुमान लगाया गया था कि अमेरिका में लगभग 1.2 मिलियन बौद्ध अनुयायी थे, जिनमें से 40% दक्षिणी कैलिफोर्निया (Southern California) में रहते थे। हवाई (Hawaii) में बौद्धों का प्रतिशत (8%) सबसे अधिक है, जिसका मुख्य कारण यहां का एशियाई-अमेरिकी समुदाय है। कैलिफ़ोर्निया, अलास्का (Alaska), एरिज़ोना (Arizona) और अन्य राज्यों में बौद्ध आबादी 1% से 2% तक है।
अमेरिकी बौद्ध धर्म के तीन मुख्य प्रकार हैं:  
१. पहला है "अप्रवासी" या "जातीय बौद्ध धर्म", जो उन अप्रवासियों द्वारा अमेरिका में लाई गई परंपराओं को संदर्भित करता है जो पहले से ही बौद्ध धर्म का अभ्यास कर रहे थे। ये परंपराएँ मुख्यतः उन अप्रवासी समुदायों के भीतर ही रहीं। 
२. दूसरा प्रकार या समूह "आयात बौद्ध धर्म" माना जाता है, जो अमेरिकी धर्मान्तरित लोगों द्वारा बौद्ध शिक्षाओं और शिक्षकों की तलाश में अमेरिका आया था। इस समूह को कभी-कभी "कुलीन बौद्ध धर्म" के रूप में जाना जाता है।
३. तीसरा प्रकार "निर्यात" या "इंजील बौद्ध धर्म" है, जिसमें अन्य देशों के बौद्ध समूह, सक्रिय रूप से अमेरिका में सदस्यों को अपने साथ जोड़ते हैं। इससे पता चलता है कि बौद्ध धर्म केवल अमेरिका तक ही सीमित नहीं है।
इस वर्गीकरण के बारे में विद्वानों के बीच बहस होती रही है, क्योंकि यह श्वेत अमेरिकी बौद्धों की सांस्कृतिक विशिष्टता को नजरअंदाज करता है और "जातीय" बौद्धों को एशियाई प्रवासियों के साथ जोड़ता है। अमेरिका में दो अप्रवासी बौद्ध संगठन (बौद्ध चर्च और हवाई के होनपा होंगवानजी मिशन (Buddhist Church And Honpa Hongwanji Mission Of Hawaii) हैं। अमेरिका के बौद्ध चर्च जापान के निशि होंगवानजी (Nishi Hongwanji) से संबद्ध रखते हैं। 
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, उत्तरी अमेरिका के बौद्ध मिशन के नेताओं सहित कई जापानी अमेरिकियों को नजरबंद कर दिया गया था। पुखराज (Topaz) युद्ध पुनर्वास केंद्र में उनके नजरबंदी के दौरान "अमेरिका के बौद्ध चर्च" नाम को अपनाया गया था। 
1930 के दशक में, अमेरिका में सोतो ज़ेन परंपरा की स्थापना के उद्देश्य से, जापानी सोतो ज़ेन बौद्ध धर्म (Soto Zen Buddhism) के एक संप्रदाय, सोतोशू (Sotosh) द्वारा सोयु मात्सुओका-रोशी (Sōyu Matsuoka-Roshi) को  संयुक्त राज्य अमेरिका भेजा गया था। 
उन्होंने 1949 में शिकागो बौद्ध मंदिर की स्थापना की और बाद में लॉन्ग बीच (Long Beach) ज़ेन बौद्ध मंदिर और ज़ेन केंद्र के अधीक्षक और मठाधीश बने।  संयुक्त राज्य अमेरिका में सोतो ज़ेन की शुरूआत करने में शुनरियु सुजुकी (Shunryū Suzuki) का भी अहम् योगदान रहा है। वह एक सोतो ज़ेन पुजारी और एक सोतो पुजारी के बेटे थे। 1950 के दशक के उत्तरार्ध में, सुज़ुकी को सोतो मंदिर, सोको-जी (Soko-Ji) में एक जापानी मंडली की देखभाल के लिए तीन साल के काम के लिए सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) भेजा गया था। वहां रहते हुए, उन्होंने ज़ेन, या बैठकर ध्यान सिखाया। 1962 में, इन छात्रों ने सैन फ्रांसिस्को ज़ेन सेंटर का गठन किया, जिसने बाद में जाकर पूरे देश में कई प्रभावशाली ज़ेन केंद्र स्थापित किए। इनमें से एक केंद्र तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर भी है, जिसे पश्चिमी दुनिया का पहला बौद्ध मठ माना जाता है।  तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर संयुक्त राज्य अमेरिका में सोतो ज़ेन परंपरा का सबसे पुराना जापानी बौद्ध मठ माना जाता है। यह कैलिफोर्निया में कार्मेल-बाय-द-सी (Carmel-By-The-Sea) के पास स्थित है। यह केंद्र एक जंगल क्षेत्र में स्थित है और यहां पर केवल एक संकीर्ण और उबड़ खाबड़ सड़क के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
 सर्दियों में बर्फबारी और बारिश के कारण यहां पहुंचना मुश्किल हो सकता है। यहाँ पर बौद्ध धर्म का पालन करने वाले लोग रहते हैं। "तस्साजारा" नाम एक जापानी शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है "वह स्थान जहां मांस को सूखने के लिए लटकाया जाता है।" सैन फ्रांसिस्को ज़ेन सेंटर ने 1967 में तस्साजारा हॉट स्प्रिंग्स सहित पूरी पहाड़ी संपत्ति खरीद ली। आगे चलकर उन्होंने इसमें सुधार किया और इसका नाम बदलकर तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर रख दिया।  
तस्साजारा प्राकृतिक रूप से एक बेहद खूबसूरत जगह है, जहां प्राकृतिक रूप से गर्म पानी के झरने पाए जाते हैं। ज़ेन सेंटर, ग्रेटर लॉस एंजिल्स (Greater Los Angeles) क्षेत्र की हलचल से काफी ऊपर और दूर है। यह एक ऐसी जगह है जहां लोग ध्यान के एक रूप, रिंज़ाई ज़ेन का अभ्यास और अध्ययन करने आते हैं। माउंट बाल्डी में, छात्र ज़ेन और बौद्ध धर्म के सार जानने के लिए हर साल एक साथ आते हैं। इस दौरान इस केंद्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम  जैसे परिचयात्मक कक्षाएं, सप्ताह भर चलने वाले समारोह “(सेशिंस (Sessions)”, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। 
2023 में, तस्साजारा में निम्नलिखित गतिविधियों को आयोजित किया जायेगा: 
१. ग्रीष्मकालीन कार्य अभ्यास: यह अभ्यास उन छात्रों के लिए है जिन्होंने पहले एसएफजेडसी (सैन फ्रांसिस्को ज़ेन सेंटर) में अध्ययन किया है। 
२. जागृति का अभ्यास: तस्साजारा ग्रीष्मकालीन अभ्यास गहन: इस कार्यक्रम का नेतृत्व 8 जुलाई से 29 जुलाई तक गिल फ्रोंस्डल और रयुशिन पॉल हॉलर (Gil Fronsdahl And Roshin Paul Haller) द्वारा किया जाएगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 मई, 2023 है।
 
 
संदर्भ 
https://tinyurl.com/ycx6tu3m 
https://tinyurl.com/2b7etw27 
https://tinyurl.com/ye5ykjdt 
https://www.mbzc.org/ 
 
चित्र संदर्भ 
1. तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
2. वुडस्टॉक, न्यूयॉर्क में कर्म त्रियान धर्मचक्र मठ को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
3. शुनरियु सुजुकी को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
4. तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर में कार्यालय को दर्शाता चित्रण (wikimedia) 
5. तस्साजारा ज़ेन माउंटेन सेंटर में बुद्ध प्रतिमा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)