रामपुर नज़र डालें, भारत में शहद उत्पादन के साथ इसके आयात और निर्यात की वर्तमान स्थिति पर

तितलियाँ और कीट
30-04-2025 09:32 AM
Post Viewership from Post Date to 31- May-2025 (31st) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2252 57 0 2309
* Please see metrics definition on bottom of this page.
रामपुर नज़र डालें, भारत में शहद उत्पादन के साथ इसके आयात और निर्यात की वर्तमान स्थिति पर

रामपुर के कई लोगों के लिए शहद उनकी खुराक का एक अहम हिस्सा है। क्या आपको पता है कि भारत में शहद का बाज़ार 2023 में 25.2 अरब रुपए तक पहुँच गया था और 2024 से 2032 तक हर साल इसमें 7.3% की बढ़ोतरी होने का अनुमान है? यानी भारत का शहद बाज़ार 48.6 अरब रुपए तक पहुँच सकता है।

इसके अलावा, भारत ने 2021-22 में 74,413.05 मेट्रिक टन शहद निर्यात किया था, जिससे लगभग 163.77 मिलियन डॉलर की कमाई हुई थी। 2022-23 में यह बढ़कर 190.06 मिलियन डॉलर हो गया। इसके बावजूद, भारत 2023 में 1.93 मिलियन डॉलर का शहद आयात भी करता है, और यह दुनिया का 59वां सबसे बड़ा शहद आयातक है। भारत मुख्य रूप से स्पेन, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश से शहद आयात करता है।

अगर बात करें रोज़गार की, तो 2022 तक भारत में,  12,699 मधुमक्खी पालक राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के तहत पंजीकृत थे, जो 19.34 लाख मधुमक्खी कॉलोनियों का ध्यान रखते हैं।

अब हम जानते हैं कि भारत में शहद उत्पादन की स्थिति क्या है। इसके बारे में जानने के बाद, हम भारत के प्रमुख शहद उत्पादक राज्यों के बारे में चर्चा करेंगे। फिर, हम भारत के शहद निर्यात से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े जानेंगे। इसके बाद, हम देखेंगे कि भारत कितने और किस देशों से शहद मंगवाता है। साथ ही, हम मधुमक्खी पालन क्षेत्र में आने वाली प्रमुख चुनौतियों के बारे में भी बात करेंगे। और अंत में, हम शहद उत्पादन को बढ़ाने के लिए हाल ही में उठाए गए कदमों पर भी चर्चा करेंगे।

चित्र स्रोत : wikimedia

भारत में शहद उत्पादन की वर्तमान स्थिति

भारत में हर साल लगभग 1,33,200 मेट्रिक टन (MTs) शहद उत्पादन होता है। अनुमान है कि इस देश में 5 लाख से अधिक किसान और मधुमक्खी पालक शहद उत्पादन में लगे हुए हैं। भारत में शहद के कई प्रकार होते हैं, जैसे यूकेलिप्टस  (Eucalyptus), लीची, सूरजमुखी और बहुफूल हिमालयी शहद। उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा शहद उत्पादक राज्य है, जो देश के शहद उत्पादन में 30% से अधिक योगदान करता है। इसके अलावा, गुजरात, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश भी प्रमुख शहद उत्पादक राज्य हैं।

भारत के शहद निर्यात से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े

भारत से “प्राकृतिक शहद” के निर्यात का मूल्य 2023 में 170 मिलियन डॉलर था। 2022 की तुलना में, 2023 में प्राकृतिक शहद की बिक्री में 25% की गिरावट आई है। निर्यात में 58 मिलियन डॉलर की कमी आई है। भारत से निर्यातित प्राकृतिक शहद का हिस्सा भारत के कुल निर्यात का 0.039% था।

भंडारण में 350 ड्रम शहद | चित्र स्रोत : wikimedia

भारत से “प्राकृतिक शहद” के शीर्ष निर्यात गंतव्य (2023)

  • यू एस ए (USA) - 83% हिस्सेदारी (143 मिलियन अमेरिकी डॉलर)
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE)- 5.74% हिस्सेदारी (9.81 मिलियन अमेरिकी डॉलर)
  • सऊदी अरब (Saudi Arabia)- 1.89% हिस्सेदारी (3.23 मिलियन अमेरिकी डॉलर)
  • लीबिया (Libya)- 1.2% हिस्सेदारी (2.05 मिलियन अमेरिकी डॉलर)
  • कतर (Qatar) - 1.61 मिलियन अमेरिकी डॉलर
  • मोरक्को (Morocco) - 1.37 मिलियन अमेरिकी डॉलर
  • बांगलादेश (Bangladesh) - 1.22 मिलियन अमेरिकी डॉलर
  • नेपाल (Nepal)- 806 हजार अमेरिकी डॉलर
  • कनाडा (Canada) - 799 हजार अमेरिकी डॉलर
  • कुवैत (Kuwait) - 774 हजार अमेरिकी डॉलर

भारत कितना शहद आयात करता है?

भारत ने 2019 में 1,988.94 हजार अमेरिकी डॉलर मूल्य का प्राकृतिक शहद आयात किया, जो 351,944 किलोग्राम था।

वर्ष देश व्यापार मूल्य (1000 USD) मात्रा तादाद की इकाई 
2019 दुनिया 1,988.94 351,944 किलोग्राम 
2019 स्पेन 1,069.80 136,250 किलोग्राम 
2019 संयुक्त राज्य अमेरिका 253.35 131,674 किलोग्राम 
2019 न्यूज़ीलैंड 160.44 4,542 किलोग्राम 
2019 ऑस्ट्रेलिया 150.41 18,290 किलोग्राम 
2019 जर्मनी 90.36 10,794 किलोग्राम 
2019 यूनाइटेड किंगडम 66.68 7,887 किलोग्राम 
2019 फ़्रांस 52.64 5,330 किलोग्राम 
2019 कनाडा 47.72 15,000 किलोग्राम 
2019 संयुक्त अरब अमीरात 25.71 11,475 किलोग्राम 
2019 ग्रीस 22.14 2,067 किलोग्राम 
2019 कुवेत  13.01 3,161 किलोग्राम 
2019 मेक्सिको 12.59 2,065 किलोग्राम 
2019 स्लोवेनिया 11.99 1,900 किलोग्राम 
2019 बांग्लादेश 6.49 400 किलोग्राम 
2019 किर्गिज़ गणराज्य 3.71 783 किलोग्राम 
2019 जापान 1.26 100 किलोग्राम 
2019 यमन 0.51 204 किलोग्राम 
2019 पोलैंड 0.07 11 किलोग्राम 
2019 जॉर्जिया 0.05 11 किलोग्राम 

भारत के शहद पालन क्षेत्र को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

  • जलवायु परिवर्तन के कारण शहद की मक्खियों का नष्ट होना।
  • इसके साथ ही, सर्दी के मौसम ने देश के कई हिस्सों में रस (Nectar) के उत्पादन को प्रभावित किया है।
  • हिमालय क्षेत्र में शहद की मक्खियाँ खाने वाले पक्षी (Bee-eaters), सर्दी में बड़े बदलाव के कारण महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में आ गए।
  • केवल गन्ना उगाने वाले किसान शहद की मक्खी के प्रकारों के लिए सीमित स्थान छोड़ते हैं, जो  मधुमखी पालन क्षेत्र के लिए बुरा संकेत है।
शहद उत्पादन संयंत्र | चित्र स्रोत : wikimedia

भारत में शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहलकदमियाँ:

  • भारत में “हनी मिशन (Honey Mission)” के समर्पित कार्यान्वयन के साथ, शहद उत्पादन में   ज़बरदस्त वृद्धि हुई है। इसे 12 वर्षों में 200 प्रतिशत का इज़ाफ़ा देखा गया है।
  • भारतीय सरकार देश के 16 राज्यों में एकीकृत शहद पालन विकास केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। ये केंद्र आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटका, बिहार, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में होंगे।
  • शहद पालन और शहद उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, खादी और ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) ने “एपीएरी ऑन  वील्स (Apiary on Wheels)” लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य किसानों के श्रम और रखरखाव लागत को कम करना है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ मधु क्रांति (Sweet Revolution)” के दृष्टिकोण की दिशा में उठाया गया है। इस पहल का उद्देश्य 2020 तक भारत की शहद उद्योग की बाज़ार मूल्य को 2,800 करोड़ रुपए तक बढ़ाना है।

संदर्भ 

https://tinyurl.com/yc34bc7b 

https://tinyurl.com/ycxydp46 

https://tinyurl.com/mr42jexa 

https://tinyurl.com/yc4up2ya 

मुख्य चित्र स्रोत : Flickr, wikimedia