ये दिलचस्प चलचित्र आपको रामपुर में नवाबी दौर की सैर पर ले जाएंगे

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
25-05-2025 09:16 AM
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रामपुर और यहाँ नवाबों ने देश की संस्कृति और विचारधारा पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। ब्रिटिश शासन के दौरान, यह शहर पहले एक रियासत हुआ करता था। यहाँ पर राजपूतों, मराठों, रोहिल्लाओं और नवाबों का शासन रहा। स्वतंत्र भारत से पहले, रामपुर अपने आप में एक राज्य था। सन् 1947 में इसे भारतीय गणराज्य में शामिल किया गया। इसके बाद, 1950 में इसे संयुक्त प्रांतों के साथ जोड़ा गया। वास्तुकला की बात करें तो, रामपुर के शासकों ने इस क्षेत्र की वास्तुकला पर अपना विशेष प्रभाव डाला। यहाँ की इमारतों और स्मारकों में हमें आज भी मुगल शैली की वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। यहाँ पर कुछ इमारतें बहुत पुरानी हैं, जिन पर समय के साथ कई बार निर्माण कार्य हुआ है। रामपुर का किला बेहतरीन रूप से डिज़ाइन किए गए स्मारकों में से एक है। इसी किले में रज़ा लाइब्रेरी, जिसे हामिद मंज़िल भी कहते हैं, भी स्थित है। यह कभी शासकों का महल हुआ करता था। यहाँ पर प्राच्य पांडुलिपियों का एक बड़ा संग्रह है। किले के भीतर इमामबाड़ा भी मौजूद है।

जामा मस्जिद रामपुर में पाई जाने वाली उत्कृष्ट वास्तुकला का एक नमूना है। यह कुछ हद तक दिल्ली की जामा मस्जिद से मिलती-जुलती है। इसका अंदरूनी भाग बहुत ही सुंदर है। इसे नवाब फैजुल्लाह खान ने बनवाया था। इस मस्जिद में एक अनोखा मुगल प्रभाव दिखाई देता है। मस्जिद में कई प्रवेश और निकास द्वार हैं। इसमें तीन बड़े गुंबद और चार ऊँची मीनारें हैं। इन मीनारों पर सोने के शिखर हैं, जो शाही अंदाज का प्रदर्शन करते हैं। इसका एक मुख्य और ऊँचा प्रवेश द्वार है। इस पर ब्रिटेन से आयात किया गया एक बड़ी घड़ी वाला क्लॉक टॉवर (Clock Tower) लगा है। जामा मस्जिद में नवाब द्वारा बनवाए गए कई प्रवेश और निकास द्वार हैं। 

आज, हम अलग-अलग चलचित्रों के माध्यम से रामपुर की ऐतिहासिक वास्तुकला को देखेंगे। हमारी शुरुआत प्रसिद्ध रज़ा लाइब्रेरी से होगी। फिर हम शहर के अन्य ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन करेंगे। इसके बाद, हम 1927 का एक पुराना वीडियो देखेंगे। यह रामपुर के नए महल को दिखाता है। उसी साल का रामपुर किले का एक और वीडियो भी हम देखेंगे। अंत में, 1927 का एक वीडियो रामपुर की सड़कों को प्रदर्शित करेगा।

इस पहले विडियो में हम रामपुर के रज़ा पुस्तकालय की वास्तुकला और इतिहास को करीब से देखेंगे |

आगे बढ़ते हुए इस अगले दुर्लभ विडियो में हम देखेंगे कि आज से कई दशकों पहले हमारे रामपुर की जामा मस्जिद और अन्य प्रसिद्ध इमारतें कैसी दिखाई देती थी:

आइए अब देखते हैं कि साल 1927-28 में हमारे रामपुर का नया महल कैसा दिखाई देता था: 

यह अलग चलचित्र हमें 1927 में रामपुर के किले के रोमांचक सफ़र पर लिए चलता है:

आज का हमारा आखिरी विडियो आपको 1927 में रामपुर की गलियों के भ्रमण पर लिए चलेगा, और उस दौर के लोगों की जीवनशैली से दो-चार कराएगा: 


 

संदर्भ :

https://tinyurl.com/4kcjfyf9 

https://tinyurl.com/mr2trf6s 

https://tinyurl.com/unb87bjb 

https://tinyurl.com/3m69zcxe 

https://tinyurl.com/ypcse9xb 

https://tinyurl.com/ymn4nlxk