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धरती, जिस पर हम रहते हैं, जब अंतरिक्ष से देखी जाती है तो वह एक अनोखी, चमकती हुई नीली-हरी गेंद की तरह नज़र आती है। अंतरिक्ष यात्रियों ने हमें यह अद्भुत अवसर दिया है कि हम अपनी ही दुनिया को बाहर से देख सकें। कभी यह विशाल और जीवंत दिखती है, तो कभी अरबों मील दूर से एक धुंधली सी चमकती बिंदु की तरह दिखती है। सबसे पहले अगर हम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) की ऊँचाई यानी लगभग 300 किलोमीटर से देखें, तो पृथ्वी बेहद नज़दीक और विस्तृत दिखती है। दिन में समुद्र, पर्वत और झीलें साफ़ दिखाई देती हैं, वहीं रात में चमकती हुई शहरों की रोशनी किसी जाल की तरह बिछी लगती है।
चाँद की दूरी से, लगभग 3.8 लाख किलोमीटर, धरती एक चमकदार गोले जैसी प्रतीत होती है। चाँद की सतह से झांकती हुई धरती सचमुच घर लौटने की पुकार सी लगती है। और भी दूर जाएँ तो धरती और उसका चाँद साथ-साथ नज़र आते हैं। लाखों मील की दूरी से वे दोनों सिर्फ दो चमकीले बिंदुओं जैसे रह जाते हैं।
सबसे भावुक कर देने वाला दृश्य तब मिलता है जब अरबों किलोमीटर दूर से धरती को देखा जाता है। उस दूरी से हमारी पृथ्वी मात्र एक धुंधले से पट्टे में टिमटिमाता हुआ छोटा नीला-सफेद बिंदु है। उसी छोटे से बिंदु पर पूरी मानव सभ्यता, हमारा इतिहास और हमारा भविष्य समाया हुआ है।
संदर्भ-
https://short-link.me/17PQt
https://short-link.me/1ciZ4
https://short-link.me/17PUo
https://short-link.me/17PUF
https://short-link.me/1cj05