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जौनपुर में अब हर घर में आर ओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) यानी वॉटर प्यूरीफ़ायर (Water Purifier), दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन गया हैं। यह तकनीक हम लोगों को साफ़ और सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध कराने में मदद कर रही हैं। बढ़ते जल प्रदूषण और अशुद्धियों की चिंताओं के चलते, आज कई घर, कार्यालय और रेस्तरां बैक्टीरिया, भारी धातुओं और हानिकारक रसायनों को हटाने के लिए आर ओ प्रणाली (RO Systems) पर निर्भर हो गए हैं। ये प्यूरीफ़ायर न सिर्फ़ पानी की गुणवत्ता और स्वाद बेहतर बनाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फ़ायदेमंद साबित होते हैं। इसलिए, लोग पीने और खाना पकाने के लिए इन्हें प्राथमिकता देने लगे हैं। जैसे-जैसे स्वच्छ पानी की ज़रूरत बढ़ रही है, आर ओ तकनीक जौनपुर में परिवारों को शुद्ध और विश्वसनीय पेयजल उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही है।
इसलिए, आज के लेख में हम रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) के बारे में बड़ी ही आसान भाषा में विस्तार से जानेंगे। इसके तहत हम आर ओ प्रणाली के प्रमुख लाभों, ख़ासतौर पर अशुद्धियों को हटाने में इसकी प्रभावशीलता पर चर्चा करेंगे। साथ ही, हम इसकी सीमाओं और संभावित कमियों को भी जानेंगे। अंत में, पारंपरिक निस्पंदन विधियों की तुलना में आर ओ प्रणाली की भूमिका को समझने की कोशिश करेंगे।
रिवर्स ऑस्मोसिस क्या है?
रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) एक भौतिक निस्पंदन प्रक्रिया है, जो उच्च दबाव वाले पंप की मदद से काम करती है। इसमें अत्यधिक दबाव डालकर पानी के अणुओं को उनके प्राकृतिक प्रवाह के विपरीत धकेला जाता है, ताकि वे एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली (Semi-permeable Membrane) से होकर गुज़र सकें। इस प्रक्रिया में पानी उच्च सांद्रता वाले घोल से कम सांद्रता वाले घोल में परिवर्तित होता है। झिल्ली बड़े कणों और दूषित पदार्थों को छानकर अलग कर देती है, जिससे शुद्ध पानी और अशुद्धियाँ अलग हो जाती हैं। आर ओ सिस्टम का मुख्य उद्देश्य सीधे नल के पानी को छानकर घरेलू उपयोग के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना होता है।
रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) के क्या लाभ होते हैं?
रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम पानी को शुद्ध करने का एक प्रभावी तरीका होता है, जो जैविक और रासायनिक दोनों तरह के संदूषकों को हटाने में सक्षम होता है।
संदूषकों की व्यापक कमी – आर ओ सिस्टम पानी में मौजूद घुले हुए लवण, भारी धातुएँ, नाइट्रेट (nitrate), फ़्लोराइड (floride) और अन्य हानिकारक रसायनों को प्रभावी रूप से हटाता है।
रोगजनकों से सुरक्षा – इसकी अर्ध-पारगम्य झिल्ली बैक्टीरिया (bacteria), वायरस (virus) और प्रोटोज़ोआ (protozoa) को हटाने में बेहद प्रभावी होती है, जिससे दूषित पानी से पैदा होने वाली बीमारियों का ख़तरा कम हो जाता है।
घुले हुए ठोस पदार्थों की कमी – आर ओ सिस्टम पानी में मौजूद अकार्बनिक तत्वों को हटाकर उसकी कठोरता को कम करता है, जिससे स्केलिंग (Scaling) जैसी समस्याएँ नहीं होतीं।
फ़ार्मास्यूटिकल अवशेषों की कमी – यह पानी में मौजूद दवाइयों के अवशेष और हार्मोनल असंतुलन पैदा करने वाले तत्वों को भी प्रभावी रूप से हटाने में सक्षम होता है।
हालांकि इन फ़ायदों के इतर रिवर्स ऑस्मोसिस (Reverse osmosis) सिस्टम की कुछ सीमाएँ भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
आवश्यक खनिजों की कमी – आर ओ सिस्टम न केवल हानिकारक तत्वों को हटाता है, बल्कि कैल्शियम (calcium), मैग्नीशियम (magnesium) और पोटैशियम (potassium) जैसे आवश्यक खनिजों को भी निकाल देता है। ये खनिज हमारे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होते हैं। हालाँकि, डेनमार्क जैसे कई देशों में लोग संतुलित आहार से ये खनिज प्राप्त कर लेते हैं, जिससे पानी से खनिजों की पूर्ति आवश्यक नहीं रह जाती।
स्वाद में बदलाव – खनिज हटने से पानी का स्वाद बदल सकता है, जिससे यह कुछ लोगों को कम स्वादिष्ट लग सकता है, ख़ासकर उन लोगों को जो प्राकृतिक रूप से खनिजयुक्त पानी पीने के आदी हैं।
अब आइए आपकी सबसे बड़ी उलझन दूर करते हैं और जानते हैं कि रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) और पारंपरिक फ़िल्टर में से कौन बेहतर है?
फ़िल्टरेशन क्षमता: आर ओ फ़िल्टर गहराई से सफ़ाई करते हैं और लगभग सभी अशुद्धियों को हटा देते हैं। ये घुले हुए लवण, भारी धातुएँ और कई हानिकारक रसायनों को भी साफ़ कर देते हैं, जिन्हें आमतौर पर पारंपरिक फ़िल्टर नहीं हटा पाते। दूसरी ओर, पारंपरिक फ़िल्टर कुछ ख़ास संदूषकों को हटाने में कारगर होते हैं, लेकिन वे आर ओ सिस्टम जितनी व्यापक सफ़ाई नहीं दे सकते।
इंस्टालेशन और रखरखाव: पारंपरिक फ़िल्टर लगाना और उनका रखरखाव करना आसान होता है। इन्हें सिर्फ़ समय-समय पर बदलना पड़ता है, जबकि आर ओ सिस्टम के लिए पेशेवर प्लंबर की ज़रूरत होती है। इसके अलावा, इसमें झिल्ली बदलने और नियमित सफ़ाई जैसे अतिरिक्त रखरखाव की भी आवश्यकता होती है।
पानी की बर्बादी और दक्षता: आर ओ सिस्टम की सबसे बड़ी कमी यह है कि ये पानी बहुत बर्बाद करते हैं। कुछ सिस्टम शुद्ध पानी के हर 1 गैलन के बदले 3-5 गैलन तक पानी बहा देते हैं। इसके विपरीत, पारंपरिक फ़िल्टर, ख़ासकर वे जिनमें बैकवॉशिंग चक्र नहीं होता, पानी की इस तरह बर्बादी नहीं करते।
लागत: आर ओ सिस्टम की शुरुआती क़ीमत और रखरखाव का ख़र्च पारंपरिक फ़िल्टर से ज़्यादा होता है। हालाँकि, यह बेहतर फ़िल्टरेशन देता है, जिससे कई लोगों को यह एक सही निवेश लगता है।
कुल मिलाकर अगर आपको बेहद शुद्ध पानी चाहिए और आप उच्च लागत व रखरखाव संभाल सकते हैं, तो आर ओ फ़िल्टर बेहतर है। लेकिन अगर आप कम लागत में बुनियादी सफ़ाई चाहते हैं और पानी बचाना प्राथमिकता है, तो पारंपरिक फ़िल्टर ज़्यादा उचित रहेगा।
संदर्भ
मुख्य चित्र स्रोत : Wikimedia
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