जौनपुर समझें कि, पृथ्वी का चुंबकीय प्रभाव, यहाँ पर अटूट जीवन कैसे सुनिश्चित करता है ?

शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 मिलियन ईसापूर्व तक
15-05-2025 09:30 AM
जौनपुर समझें कि, पृथ्वी का चुंबकीय प्रभाव, यहाँ पर अटूट जीवन कैसे सुनिश्चित करता है ?

पृथ्वी के प्राकृतिक बलों के बारे में जागरूकता, हमें जीवन के नाजुक संतुलन की सराहना करने में मदद करती है। जौनपुर वासियों, ऐसा ही एक प्राकृतिक बल, जियोमैग्नेटिक फ़िल्ड रिवर्सल (Geomagnetic field reversals) या “भूचुंबकीय उत्क्रमण” है। यह वह अवधि है, जब पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों (उत्तर और दक्षिण) में अदला-बदली होती है। यह घटना बढ़े हुए विकिरण, प्रौद्योगिकी में व्यवधान और जानवरों के लिए गतिशीलता में चुनौतियों का कारण बन सकती है। इसलिए, आज आइए देखें कि, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र जीवन का समर्थन कैसे करता है, और यह हमारे ग्रह की रक्षा में क्या भूमिका निभाता है। फिर, हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि, मंगल ग्रह पर जीवन क्यों नहीं है और मज़बूत चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति ने, इसके वातावरण को कैसे प्रभावित किया है। उसके बाद, हमें पता चलेगा कि, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र ने जीवन को विकसित करने में कैसे मदद की। अंत में हम बात करेंगे कि, भूचुंबकीय उत्क्रमण क्यों व कैसे होता है, तथा जीवन पर इसके क्या प्रभाव हैं। 

यह चित्र पृथ्वी के सामान्य ध्रुवीयता काल में चुंबकीय क्षेत्र का कंप्यूटर सिमुलेशन है। नीली रेखाएं केंद्र की ओर और पीली रेखाएं बाहर की ओर संकेत करती हैं। पृथ्वी की घूर्णन धुरी बीच में ऊर्ध्वाधर है, और घनी रेखाएं कोर में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता दर्शाती हैं। |  चित्र स्रोत : Wikimedia

 पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, जीवन का समर्थन कैसे करता है?

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के बिना, सौर हवाएं (विद्युत रूप से चार्ज हुए कणों की सूर्य से बहने वाली धाराएं), हमारे ग्रह के वायुमंडल और महासागरों को हटा देगी। इस तरह, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र ने, पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाने में मदद की है।

मंगल ग्रह पर जीवन क्यों फ़लता–फूलता नहीं है?

मंगल ग्रह पर, शायद चुंबकीय क्षेत्र के अभाव  के कारण जीवन नहीं हैं। किसी स्थलीय ग्रह के चुंबकत्व से पहले ज्ञात चुंबकीय क्षेत्र, मंगल ग्रह पर था, जो 4 बिलियन वर्षों से अधिक पुराना था। हालांकि फिर, 4 बिलियन साल पहले कुछ समय के बाद, यह खत्म हो गया। यदि आप पृथ्वी और मंगल के विकास की तुलना करते हैं, तो मंगल पर अधिक घना वातावरण, और पानी था। लेकिन ये संभवतः सौर हवा के कटाव से खत्म हुए, क्योंकि इसमें उनकी रक्षा के लिए कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं था। 

पृथ्वी की ऑरोरा (उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र से देखी गई ऑरोरल एक्स-रे विकिरण)।  चित्र स्रोत : Wikimedia 

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र ने, एकल कोशिकीय जीवों से बहु कोशिकीय जीवन को विकसित करने में कैसे मदद की ?

एक रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी के मज़बूत चुंबकीय क्षेत्र ने, 500 मिलियन वर्षों पहले एकल-कोशिका वाले जीवों (Unicellular organisms) से बहु कोशिकीय जीवन (Multicellular organism) को विकसित करने की अनुमति दी। पहली बार, पृथ्वी पर लगभग 4 बिलियन वर्षों पहले जीवन विकसित हुआ था, लेकिन यह आने वाले 3 बिलियन वर्षों तक एकल-कोशिका वाला था। उस समय के दौरान, पृथ्वी पर बहुत कमज़ोर चुंबकीय क्षेत्र था, जो  सौर विकिरण के कारण जीवों के डी एन ए को नष्ट करने से रोक नहीं सकता था। फिर, लगभग 500 मिलियन वर्षों पहले, पृथ्वी पर एक मज़बूत चुंबकीय क्षेत्र बना। इन कारकों ने पृथ्वी पर जटिल जीवन के विकास के लिए, अनुमति दी।

भूचुंबकीय उत्क्रमण की घटना क्यों होती है ?

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, पृथ्वी के तरल केंद्रक या कोर (Core) में होने वाली गतिविधियों के कारण उत्पन्न होता है। यह केंद्रक, मुख्य रूप से लोहे से बना होता है। पृथ्वी की 99% से अधिक चुंबकीय ऊर्जा, पूरी तरह से इस केंद्रक के भीतर ही सीमित है। सतह और वायुमंडल में ऊपर तक, केवल थोड़ा ही चुंबकत्व है। 

भूचुंबकीय ध्रुवों (एनएम और एसएम) और भौगोलिक ध्रुवों (एनजी और एसजी) के बीच अंतर का चित्रण |  चित्र स्रोत : Wikimedia 

इस चुंबकीय क्षेत्र का द्विध्रुवीय भाग (उत्तर व दक्षिण ध्रुव), आमतौर पर पृथ्वी के आवर्तन अक्ष के साथ काफ़ी निकटता से संरेखित होता है। दूसरे शब्दों में, चुंबकीय ध्रुव, आमतौर पर हमारे ग्रह के भौगोलिक ध्रुवों के बहुत करीब हैं। हालांकि कभी-कभी, चुंबकीय क्षेत्र का द्विध्रुवीय हिस्सा पलट जाता है, जिससे उत्तर और दक्षिण चुंबकीय ध्रुवों के स्थान भी पलट जाते हैं।

क्या पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र उत्क्रमण ने, व्यापक विलुप्ति को चालना दी होगी? 

हाल ही में, चीन (China) के कुछ वैज्ञानिकों ने एक प्रश्न का उत्तर ढूंढने की कोशिश की है कि – क्या चुंबकीय क्षेत्र उत्क्रमण के दौरान ऑक्सीजन खत्म हुई, जो व्यापक विलुप्ति का कारण बनी है?

वैज्ञानिकों ने 200 मिलियन वर्षों पहले “ट्राइसिक-जुरासिक (Triassic-Jurassic) व्यापक विलुप्ति” पर ध्यान केंद्रित किया, जब पृथ्वी पर लगभग 84% प्रजातियां विलुप्त हो गई थी। हालांकि, कुछ स्वतंत्र अध्ययनों से यह पहले ही दिखाया गया था कि, इस विलुप्ति के दौरान, चुंबकीय क्षेत्र उत्क्रमण दोगुना था। तब, वायुमंडलीय ऑक्सीजन की मात्रा 9% तक कम हो गई थी। ऑक्सीजन में यह कमी, प्रजातियों की विलुप्ति के संभावित कारणों में से एक है।

यह चित्र एक सर्पिल (spiral) रूप में बिग बैंग से लेकर वर्तमान तक की प्रमुख घटनाओं का संक्षिप्त सार प्रस्तुत करता है। हर एक अरब वर्ष (Ga) सर्पिल के 90 डिग्री घूर्णन द्वारा दर्शाया गया है।  चित्र स्रोत : Wikimedia 

एक कंप्यूटर मॉडल का उपयोग करते हुए, वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि, इस भूचुंबकीय उत्क्रमण के कारण ट्राइसिक-जुरासिक विलुप्ति के दौरान, पृथ्वी के वायुमंडल से कम से कम 218 ट्रिलियन टन ऑक्सीजन खत्म हुआ था। यह इंगित करता है कि, तब 4.5% ऑक्सीजन  की कमी इसी घटना के कारण हुई थी। अतः अध्ययन के लेखकों का कहना है कि, इसने विलुप्ति में एक प्रमुख भूमिका अदा की।

यह अध्ययन, यह भी सुझाव देता है कि, भूचुंबकीय उत्क्रमण के कारण होने वाली ऑक्सीजन  की कमी, “एंड-पर्मियन व्यापक विलुप्ति (End-Permian mass extinction)” का भी कारण हो सकती है, जब कुल 97% प्रजातियां विलुप्त हो गई थी। 

आज के लिए, धन्यवाद जौनपुर, अब मिलते हैं, नए लेख के साथ!

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/yc2tzh6y

https://tinyurl.com/ye26j23x

https://tinyurl.com/4898ssey

https://tinyurl.com/yw2tmzeu

नासा द्वारा निर्मित मुख्य चित्र में पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र उत्तरी ध्रुव (नारंगी रेखाएं) को दक्षिणी ध्रुव (नीली रेखाएं) से जोड़ता है! का स्रोत : flickr

पिछला / Previous


Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.