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भले ही पौधों में मानव और जंतुओं के समान मस्तिष्क नहीं होता, लेकिन वे उन सभी कार्यों को करने में सक्षम हैं, जिन्हें प्रायः मस्तिष्क द्वारा संचालित या निर्धारित माना जाता है। मस्तिष्क की अनुपस्थिति के बावजूद भी पौधे कुछ स्तर के बुद्धिमान व्यवहार को प्रदर्शित करने में सक्षम हैं। बुद्धिमान व्यवहार को आमतौर पर तब पहचाना जा सकता है, जब पौधों सहित कोई जीव प्रतिस्पर्धी या प्रतिकूल, वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों का सामना करता है और अपनी उत्तरजीविता की संभावना में सुधार के लिए अपने व्यवहार को बदलता है। ऐसी परिस्थितियों को सामान्यतः वास्तविक दुनिया के वातावरण में रहने वाले सभी जीवों द्वारा अनुभव किया जाता है। इन जीवों या पौधों का अस्तित्व बहुत ही अनिश्चित होता है। पौधों में अन्य जीवों के साथ सूचना और संसाधनों को साझा करने की क्षमता होती है। यह संचार, पेड़ों की जड़ संरचनाओं के आसपास वृद्धि करने वाले भूमिगत माइकोराइजल (Mycorrhizal) तंत्र या तंतुओं के जाल के माध्यम से होता है। इस तंत्र को "वुड वाइड वेब" (Wood Wide Web) भी कहा जा सकता है, जिनका उपयोग पोषक तत्वों के परिवहन से लेकर किसी भी संभावित खतरे का संकेत देने के लिए किया जा सकता है। ये तंत्र पेड़ों के बीच एक इंटरनेट (Internet) जैसा संचार तंत्र बना लेते हैं, जिनकी वजह से किसी जंगल के सभी पेड़ों के बीच संचार होता है। संदेश और संसाधनों का आदान-प्रदान करने के लिए वे अपने आस-पास मौजूद कवकों के साथ सहजीवी संबंध बनाते हैं। संचार के अलावा पौधों में पिछले अनुभवों से सीखने और उन्हें याद रखने की भी क्षमता होती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण छुईमुई का पौधा है, जो किसी उत्तेजक के लिए अपनी प्रतिक्रियाएं देता है तथा अपनी बुद्धिमत्ता, याद रखने की क्षमता इत्यादि को प्रदर्शित करता है। छूने पर इसकी पत्तियां अंदर की ओर मुड़ जाती हैं, तथा कुछ समय के बाद अपने आप खुल जाती हैं। यदि इसे बार-बार छुआ जाए, तो पौधा अपनी पत्तियों को मोड़ना बंद कर देता है। इसका मतलब यह है, कि वो जान गया है, कि उसे अब कोई खतरा नहीं है। यह प्रतिक्रिया पौधे को उन जानवरों से बचाने में मदद करती है, जो इन्हें नुकसान पहुंचा सकते है।
पौधे पर्यावरण के साथ होने वाली अपनी परस्पर क्रियाओं की जानकारी संग्रहित रखते हैं तथा परिवेश की स्थितियों के संदर्भ में उस जानकारी का मूल्यांकन भी करते हैं। पौधे अपने पिछले अनुभवों के आधार पर भविष्य की स्थितियों का अंदाजा भी लगा सकते हैं। इस प्रकार पिछले पर्यावरणीय तनाव की यादें पौधों को भविष्य के तनाव को दूर करने में मदद कर सकती हैं। पौधों द्वारा बुद्धिमान व्यवहार प्रदर्शित करना हमारे लिए कई तरीकों से फायदेमंद हो सकता है, जैसे इससे पौधों के व्यवहार की बेहतर समझ प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा पौधों की अनुकूलन क्षमता के आणविक और आनुवांशिक आधार को भी बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।