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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2014 को एक नए मंत्रालय 'कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय' की स्थापना की। इस मंत्रालय को बनाने का उद्देश्य भारत में समस्त सरकारी तथा गैर-सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) के माध्यम से कौशल विकास तथा प्रशिक्षण को आने वाले समय के लिये प्रोत्साहन देना है। ये संस्थान इंजीनियरिंग (Engineering) और गैर-इंजीनियरिंग तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
भारतीय सरकार के आंकड़ों का कहना है कि आने वाले वर्षों में, दुनिया को लगभग 5.65 करोड़ कुशल श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ सकता है, उस समय के लिये यह आपूर्ति भारत करने में सक्षम होगा। इस विषय पर एक नयी पहल यू.पी. सरकार और यामाहा मोटर के बीच हुए एक समझौते में देखने को मिली, इसके तहत छात्र यामाहा ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ प्रशिक्षण ले सकते हैं।
कुछ समय पश्चात सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने पाया कि व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कराने वाली ज्यादातर निजी संस्थाएं थीं, जिन्होंने सरकारी धन का उपयोग किया था, लेकिन नामांकित युवाओं को उचित प्रशिक्षण नहीं मिला और ना ही उन्हें रोज़गार मिला। समिति की रिपोर्ट ने बताया कि क्षेत्र कौशल परिषदों (SSCs) के प्रतिनिधियों से उन्हें ज्ञात हुआ कि इन उच्च लक्ष्यों को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा मनमाने ढंग से आवंटित किया गया था, तथा दो प्रमुख योजनाओं - राष्ट्रीय कौशल प्रमाणन तथा नक़द पुरस्कार योजना (STAR) और प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), जिनके अंतर्गत पूर्व शिक्षण अनुभव या कौशल वाले लोगों का आंकलन किया जाना था, वहाँ बहुत खराब रोज़गार परिणामों के साथ करोड़ों रुपये के सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया है कि संख्याओं को बढ़ाने के लिए लोगों को 2-3 घंटे का प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का मज़ाक उड़ाया गया। वहीं दूसरी तरफ रामपुर में आई.टी. (I.T.) केंद्रित महिला मदरसा जैसे निजी संस्थान जिन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिलती, रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान करवा रहे हैं।
शौकत अली रोड पर स्थित मदरसा जामिया तुस सुआलेहात महिलाओं की शिक्षा की अवधारणा को क्रांतिकारी बना रहा है। अब यह लड़कियों के लिए शिक्षा के मदरसा प्रणाली की सफलता का भी प्रतीक है। यहाँ उपयोगी शिक्षा के साथ डिजिटल शिक्षा पर भी जोर दिया जाता है, तथा आई.टी. से सम्बंधित शिक्षा भी छात्राओं को दी जाती है। रामपुर में इस मदरसे में सिर्फ लड़कियों को तालीम दी जाती है। यहां देश के कोने-कोने से छात्राएं तालीम हासिल करने आती हैं। अधिकांश लोगों को यह जान कर आश्चर्य होगा कि जामिया तुस सुआलेहात अपनी छात्राओं को गुणवत्ता वाली अनिवार्य कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करता है, ताकि उनकी छात्राएं कंप्यूटर पर वर्ड (Word), एक्सेल (Excel), तथा पेज-मेकर (Page Maker) का उपयोग कर सकें।
संदर्भ:
1.http://www.indiaspend.com/cover-story/how-govt-skills-training-programmes-aimed-for-wrong-targets-wasted-public-funds-13387
2.https://www.hindustantimes.com/lucknow/uttar-pradesh-training-programme-to-enhance-iti-passouts-skills/story-kid6XXAOzLtjDvzvtbvERO.html
3.https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/sambhal/story-daughters-of-many-states-studying-in-madrasa-of-rampur-2060523.html