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दिवाली, जिसे “प्रकाश पर्व” कहा जाता है, अब सिर्फ भारत का त्योहार नहीं रहा, बल्कि यह पूरी दुनिया में मनाया जाने वाला उत्सव बन चुका है। यह पर्व न केवल अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, बल्कि प्रेम, एकता और आशा का संदेश भी देता है। भारतीय संस्कृति की इस अद्भुत परंपरा ने सीमाओं को पार कर लिया है और आज लाखों लोग इसे अपने-अपने देशों में पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। हर देश अपनी संस्कृति और रंगों के साथ इस पर्व को एक नया रूप देता है, जिससे दिवाली सचमुच “विश्व का उत्सव” बन गई है। भारत से बाहर दिवाली की सबसे चमकदार झलक उन देशों में देखने को मिलती है, जहाँ भारतीय समुदाय बड़ी संख्या में रहते हैं - जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन, मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल, फिजी और मॉरीशस। इन देशों में यह त्योहार केवल भारतीयों के लिए नहीं, बल्कि सभी समुदायों के लिए एक साझा उत्सव बन चुका है, जो विविधता में एकता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है। इन जगहों पर भारतीय समुदाय न केवल अपने त्योहार की परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति के साथ मिलाकर इसे एक नया रंग देते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में सिडनी (Sydney) और मेलबर्न (Melbourne) के सार्वजनिक स्थलों पर आतिशबाज़ी और नृत्य होते हैं, जबकि न्यूयॉर्क (New York, USA) का टाइम्स स्क्वायर (Time Square) दिवाली की रोशनी से जगमगा उठता है। सिंगापुर का “लिटिल इंडिया” (Little India) और मलेशिया की गलियाँ रंगोलियों और दीयों से सजी होती हैं। नेपाल में “तिहार” के रूप में मनाई जाने वाली दिवाली पाँच दिनों तक चलती है, जबकि मॉरीशस में पूरा द्वीप दीपों से दमक उठता है। हर देश में दिवाली का रूप भले थोड़ा अलग हो, पर इसकी आत्मा एक ही है - अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना, बुराई पर अच्छाई की जीत, और मन में प्रेम और करुणा का संचार। यह त्योहार अब भारतीय संस्कृति की सीमाओं को पार कर विश्व संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। दिवाली हमें यह सिखाती है कि रोशनी की भाषा सार्वभौमिक होती है। इसे कोई धर्म या सीमा नहीं बाँध सकती। जब दीपक जलते हैं, तो वे केवल घरों को नहीं, बल्कि दिलों को भी रोशन करते हैं। आज दिवाली सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि पूरी मानवता का उत्सव है - जहाँ हर देश, हर संस्कृति एक साथ यह संदेश देती है कि अंधकार मिटे और रोशनी फैले।
संदर्भ-
https://tinyurl.com/3sttkk2m
https://tinyurl.com/2s3kxf64
https://tinyurl.com/5n7fnkwh
https://tinyurl.com/39b77syp
https://tinyurl.com/3mae7tt2
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