दशहरे और नवरात्रों का गुप्त अर्थ

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
19-10-2018 01:28 PM
दशहरे और नवरात्रों का गुप्त अर्थ

दशहरा संस्कृत के "दुश-हर" से बनाया गया है, जिसका मतलब है ‘बुरे भाग्य को हटाना’, जो भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दशहरे के दिन दस सिरों वाले रावण का वध किया जाता है। परन्तु क्या रावण के वास्तव में दस सर थे, या फिर ये किसी चीज़ का प्रतीक हैं? ये दस सिर असल में मानव के मन में उत्पन्न होने वाले विकारों को दर्शाते हैं।

रावण के दस सिर उसके अवगुणों के बारे में बताते हैं:

1. वासना
2. क्रोध
3. मोह
4. लोभ
5. गर्व
6. ईर्ष्या
7. मस्तिष्क
8. बुद्धि
9. चित्त
10. अहंकार

वहीं दूसरी ओर राम की राजसी गुणवत्ता उनकी सात्विकता से जुड़ी है। तभी तो राम ने रावण का वध करने के बाद भी उदारता दिखाई थी।

रामायण मस्‍तिष्‍क को सांसारिकता से हटाकर ब्रह्म में लीन करने के लिए एक अच्‍छा मार्ग दर्शाती है। जिसमें सीता ‘मस्तिष्क’ का प्रतीक हैं और श्री राम ‘ब्रह्म’ के प्रतीक हैं। सीता को लंका से वापस लाना और राम से दोबारा मिल जाना ‘मस्तिष्क को विषय (भौतिक वस्तु) से बाहर निकालकर ब्रह्म में विलीन कर देने को दर्शाता है। यह संक्षेप में रामायण का गुप्त अर्थ है, जो रामायण की आध्यात्मिकता को दर्शाता है।

भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रह बताये गए हैं:

1. रवि
2. चंद्र
3. मंगल
4. बुद्ध
5. बृहस्पति
6. शुक्र
7. शनि
8. राहु
9. केतु

साथ ही हमारे शरीर के नौ प्रवेश द्वार (2 आंख, 2 कान, 2 नासिका, मुँह, गुदा, और मुत्रोत्‍सर्जन) होते हैं। नवरात्रि में हम नौ ग्रहों से आशीर्वाद लेकर अपने शरीर के नौ प्रवेश द्वार को नियंत्रित करते हैं। माँ दुर्गा के एक रूप की पूजा के साथ एक ग्रह की भी पूजा की जानी चाहिए और उसी के साथ हर रोज़ अपने शरीर के एक प्रवेश द्वार को बाहरी रूप से ही नहीं बल्कि दिल, मन और आत्मा की मदद से प्रत्येक दिन साफ किया जाना चाहिए। हमारे द्वारा किये जाने वाले शारीरिक कार्य अस्थायी हैं। शरीर के भीतर आत्मा से हमें इसका मूल्य प्राप्त होता है, इसलिए इसे एक पवित्र मंदिर के रूप में माना जाता है।

संदर्भ:
1.http://aumshiva.blogspot.com/2013/10/dasha-hara-deeper-meaning_13.html
2.https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10153995093856239&set=a.10150426417856239&type=3&theater