फसलों के प्रति स्यूडोमोनस बैक्टीरिया का दोहरा स्वभाव

बैक्टीरिया, प्रोटोज़ोआ, क्रोमिस्टा और शैवाल
18-09-2019 11:02 AM
फसलों के प्रति स्यूडोमोनस बैक्टीरिया का दोहरा स्वभाव

जैसा कि हम जानते हैं पृथ्वी पर होने वाली बारिश पानी के रूप में होती है। जहाँ बारिश होने के पीछे कई कारण बताए गए हैं, वहीं ये बारिश की बूंदे किसी ज़िन्दा सूक्ष्म जीव के आधार पर भी बन सकती हैं लेकिन सूक्ष्म जीव के आधार पर बनी बारिश के धरती पर गिरने से कई अनोखी घटनाएं भी होती हैं। इन सूक्ष्म जीवों में से एक ऐसी प्रजाति है स्यूडोमोनस सिरिंगी (Pseudomonas syringae), जो पेड़ों और फसलों पर रहती हैं। यह फसलों को काफी नुकसान पहुंचाती हैं, जिसके चलते कई किसान टमाटर व अन्य पत्तों में काले धब्बों से छुटकारा पाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन वे इस बात से अनजान हैं कि यह बैक्टीरिया (Bacteria) बारिश करवाने में कितनी अहम भूमिका निभाता है।

डॉ. लिंडो (यूसी बर्कले में एक वनस्पति रोगविज्ञानी) ने अपने स्नातक अध्ययन के दौरान 1970 के दशक में स्यूडोमोनस सिरिंगी की पहली पहचान जैविक बर्फ के न्यूक्लियेटर (Nucleator) के रूप में की थी। उन्होंने पाया कि यह बैक्टीरिया "इना नामक प्रोटीन” को उत्पन्न करता है जो पानी को जमाने का कारण बनता है, इससे पौधे की त्वचा नरम होती है जिससे बैक्टीरिया को पौधे के रस को चूसने में मदद मिलती है। लेकिन पानी को जमाने की यह प्रक्रिया यहाँ तक सीमित नहीं है।

जहाँ-जहाँ बैक्टीरिया जाता है, उसके साथ-साथ यह जमाने की प्रक्रिया चलती है। मौसम वैज्ञानिकों और वनस्पति रोगवैज्ञानिकों के हाल ही में किए गए अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि स्यूडोमोनस सिरिंगी सभी प्रकार की वर्षा (बूंदों वाली वर्षा, ओलों और बर्फ) की उत्पति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मनुष्यों के हस्तक्षेप से वैसे ही कई महत्वपूर्ण जीव विलुप्त होने की कगार पर हैं और कई विलुप्त हो चुके हैं, ऐसे ही भोजनदायी पौधों के गायब होने और कीटनाशकों के उपयोग से स्यूडोमोनस की बारिश लाने की कार्यक्षमता काफी कम हो गई है। निम्नलिखित सारणी में कुछ उदाहरणों से पता चलता है कि मानव की गतिविधियों ने स्यूडोमोनस सिरिंगी के आवास को कैसे नष्ट कर दिया है:

टमाटरों को काले धब्बों से निम्न उपायों से बचाया जा सकता है :-
• मिट्टी का पीएच (pH) बहुत अम्लीय या बहुत क्षारीय नहीं होना चाहिए। टमाटर के लिए इष्टतम पीएच स्तर 6.2 और 6.8 के बीच हो। मिट्टी की यह स्थिति टमाटर के पौधे को अधिक कैल्शियम (Calcium) लेने में सक्षम करेगी।
• उर्वरक का अत्यधिक उपयोग न करें।
• मिट्टी को समान रूप से नम रखा जाना चाहिए। नमी का समान स्तर बनाए रखने के लिए मिट्टी के ऊपर गीली घास को उगाया जा सकता है।
• एक अस्थायी उपाय के रूप में टमाटर के पौधों में कैल्शियम स्प्रे (Spray) लगा सकते हैं।
जहाँ स्यूडोमोनस सिरिंगी फसलों को नष्ट कर देते हैं, वहीं इनके द्वारा उत्पन्न कराई गई वर्षा के बिना फसलें जीवित भी नहीं रह सकती हैं।

संदर्भ:
1.https://owlcation.com/stem/The-Rainmaker-Pseudomonas-syringae
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Pseudomonas_syringae
3.https://www.organiclesson.com/why-are-there-black-spots-on-your-tomatoes/(Prevention)
4.https://bit.ly/2LYojzz
चित्र सन्दर्भ:
1.
https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Pseudomonas_syringae_cultures.jpg
2. https://www.flickr.com/photos/scotnelson/9101555371
3. https://bit.ly/2lS6Fkt