 
                                            समय - सीमा 268
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                                            वर्तमान में वायु प्रदूषण समाज के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है क्योंकि कई कारणों से वायु का प्रदूषित होना मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनता जा रहा है। अक्सर हम यह सोचते हैं कि जब हम घर से बाहर होते हैं तो ही हानिकारक वायु हमें प्रभावित करती है। यह वायु कारखानों, वाहनों इत्यादि से निकलने वाले विषाक्त धुंए की हो सकती है। किंतु हाल ही में किए गये एक शोध से यह ज्ञात हुआ है कि वायु प्रदूषण का घर के बाहर होने की अपेक्षा घर के अंदर होने की सम्भावना अधिक है। घर के अंदर होने वाला यह प्रदूषण खाना बनाते वक्त निकलने वाले धुंए, कवक के बीजाणुओं, पेंट (Paints), वार्निश (Varnishes) और साफ-सफाई के लिए उपयोग किये जाने वाले क्लीनर (Cleaners) में उपस्थित रसायनों आदि की हो सकता है।
 
इस प्रकार हम घर के अंदर ही हानिकारक वायु के सम्पर्क में आ जाते हैं अर्थात हमारा यह सोचना कि घर के बाहर ही हम वायु प्रदूषण के शिकार बन सकते हैं, यह बिल्कुल गलत है। इसलिए हमारा घर के अंदर की वायु पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। शहरों में अधिकांश लोग अपना 90% समय घर-दफ्तर आदि के अंदर ही बिताते हैं जिस कारण वे लोग घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण से अधिक प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2012 में कोयले या बायोमास (Biomass) से जलने वाले चूल्हे के द्वारा खाना पकाने से निकलने वाले धुंए से 43 लाख लोगों की मौत हुई, जबकि बाहरी वायु प्रदूषण से 37 लाख लोगों की मौत हुई। बाहर होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर पाना हमारे लिए बहुत आसान नहीं है किंतु घर के अंदर हो रहे वायु प्रदूषण को हम बखूबी नियंत्रित कर सकते हैं। जो लोग लंबे समय तक घर के अंदर की विषाक्त वायु के संपर्क में होते हैं वे इनडोर (Indoor) वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाते हैं और इस प्रकार कई बीमारियों जैसे श्वसन या हृदय रोग से पीड़ित हो सकते हैं।
 
वायु की गुणवत्ता को मापने के लिए अब पर्यावरण सेंसर (Sensor) उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप हानिकारक वायु को माप सकते हैं अर्थात वायु गुणवत्ता अच्छी है या नहीं इसे आप बहुत सरलता से जान सकते हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index - AQI) एक ऐसा उपकरण या स्केल (Scale) है जो वायु प्रदूषण के उच्च स्तर की भविष्यवाणी करता है और आपको बताता है कि वायु प्रदूषण आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है। इसे ढूँढना आसान है, यह इन्टरनेट (Internet), कई स्थानीय टीवी मौसम पूर्वानुमानों आदि पर उपलब्ध होता है। AQI की मदद से वायु गुणवत्ता को मापना बहुत ही आसान है। यदि AQI कोड ‘नारंगी’ है तो इसका मतलब है कि हानिकारक वायु संवेदनशील समूहों को प्रभावित कर सकती है। जौनपुर में वायु की गुणवत्ता भारत की औसत वायु गुणवत्ता से बेहतर है। यहां घर के बाहर की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान को आप निम्नलिखित लिंक में जाकर देख सकते हैं:
https://www.airvisual.com/india/uttar-pradesh/jaunpur 
 
बाज़ारों में कई ऐसे उपकरण भी आ गये हैं जिनकी सहायता से आप घर के अंदर और बाहर दोनों जगहों की वायु गुणवत्ता को माप सकते हैं। जहां भी आप जाएं वहां AQI का उपयोग करें, यह आपको वायु गुणवत्ता की जानकारी देता रहेगा।
निम्नलिखित कुछ चीज़ों पर ध्यान देकर आप घर के अंदर की वायु गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं:
 •	घर की खिड़की और दरवाज़ों को समय-समय पर खोलते रहें और सूर्य का प्रकाश अंदर आने दें।
•	घर की खिड़की और दरवाज़ों को समय-समय पर खोलते रहें और सूर्य का प्रकाश अंदर आने दें।
•	एयर कंडीशनर (Air conditioner) को साफ रखें।
•	कपड़ों और चादरों को साफ रखें।
•	मोम की मोमबत्तियों का प्रयोग करें।
•	एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक है। अतः इसका उपयोग करें।
•	घर के आस-पास बांस के पेड़ों को लगाएं।
•	घर में जितना सम्भव हो, प्रकृतिक सामग्री का उपयोग करें।
संदर्भ:
1.	https://airvisual.com/india/uttar-pradesh/jaunpur
2.	https://cnb.cx/2OybagZ
3.	https://www.epa.gov/indoor-air-quality-iaq/inside-story-guide-indoor-air-quality
4.	https://www.cdc.gov/features/air-quality-awareness/index.html
5.	https://bit.ly/2kw3JWQ
चित्र सन्दर्भ:-
1.	https://pxhere.com/en/photo/490669
2.	https://bit.ly/2ikH4tv
3.	https://bit.ly/30LGgne
4.	https://unsplash.com/photos/pDEzvmW_IoA
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        