 
                                            समय - सीमा 268
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                                            कोरोनावायरस (coronavirus) से बचाव के लिए हम सबको लाखों बार बताया गया है कि इसके संक्रमण को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है अपने हाथों को अच्छी तरह धोए। लेकिन क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे द्वारा हाथ धोने के लिए उपयोग किया जाने वाला नियमित साबुन, मनोहर मधु लवंग साबुन (Fragrant soap) या किसी भी प्रकार का साबुन किसी भी विषाणु का सफाया करने में कारगर सिद्ध होता है। वहीं केवल पानी से हाथ धोने से हमारी त्वचा से विषाणु के ध्वस्त होने की संभावनाएं कम होती है। दरसल साबुन दो तरफा अणुओं से बना होता है, जिसका एक पक्ष पानी के प्रति आकर्षित होता है तथा दूसरा पक्ष वसा के प्रति आकर्षित होता है। वहीं विषाणु प्रोटीन (protein) और वसा के आवरण से घिरे पदार्थ से बने होते हैं। जब साबुन इन वसायुक्त पदार्थों के संपर्क में आता है, तो यह उनके साथ जुड़ जाता है और उन्हें विषाणु से अलग कर देता है और इसके साथ ही साबुन त्वचा से विषाणु को भी हटा देता है। हालांकि हमें अपने हाथ धोने में अधिक समय देना चाहिए क्योंकि साबुन को विषाणु के प्रति प्रभाव दिखाने में समय लगता है, इसलिए कम से कम 20 सेकंड (second) के लिए अच्छी तरह से अपने हाथों को धोएं।
वहीं दूसरी ओर 62% अल्कोहॉल (alcohol) युक्त एक हैंड सैनिटाइजर (hand sanitizer) भी विषाणुओं में मौजूद वसा को नष्ट कर सकता है, लेकिन वे बिना आवरण वाले विषाणुओं (जैसे नोरोवायरस और राइनोवायरस) के विरुद्ध अप्रभावी होते हैं। इसके अलावा वे हाथों को साबुन से प्राप्त होने वाली सुरक्षा नहीं प्रदान करते हैं। साथ ही हैंड सैनिटाइजर तीन चुनौतियों का सामना करता है। सबसे पहले हैंड सैनिटाइजर के प्रभावी होने के लिए उसमें उच्च पर्याप्त अल्कोहॉल एकाग्रता होनी चाहिए, साथ ही इससे हाथों और उंगलियों में अच्छे से लगाकर उपयोग किया जाना चाहिए, इस प्रक्रिया में त्वचा में जलन भी हो सकती है, जो काफी स्वाभाविक है।
 
आप घर पर ही प्राकृतिक, सस्ता और सुगंधित खूबसूरत साबुन बना सकते हैं, साबुन बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित है :-
साबुन बनाने में प्रमुख घटक लाइ (जो सोडियम हाइड्रॉक्साइड (एक प्रकार का नमक) है) होता है। इसके बिना कोई भी वाणिज्यिक स्थान या घर पर साबुन नहीं बनाया जा सकता है। साबुन को अनिवार्य रूप से लाइ और तेलों के बीच की एक रासायनिक प्रतिक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है और जब इस प्रतिक्रिया को संयुक्त किया जाता है, तो वह प्रक्रिया सैपोनिफिकेशन (saponification) कहलाती है। वहीं जब एक बार साबुन तैयार हो जाता है तो उसमें कोई शेष लाइ नहीं रह जाती है, उसमें बस केवल प्राकृतिक सामग्री जो साबुन बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं मौजूद रहती है। 
साबुन बनाने के लिए उपकरण और सामग्री निम्नलिखित है :-
उपकरण
•	रसोई मापक
•	जंगरोधी लोह तापमापी
•	दस्ताने, रक्षात्मक चश्मा और चहरे के मास्क 
•	हाथ का सम्मिश्रक
•	जंगरोधी लोह बर्तन
•	कटोरे मिश्रण के लिए 
•	कप और चम्मच मापने के लिए 
•	जंगरोधी लोह चम्मच
•	सिलिकॉन लेपनी 
•	साबुन बनाने का साँचा 
•	चर्मपत्र कागज
•	तौलिया
सामग्री
•	नारियल का तेल
•	जैतून का तेल
•	लाइ (सोडियम हाइड्रोक्साइड)
•	कॉफ़ी
•	कॉफ़ी की तलछट
•	जई का भूसा
 
ध्यान रहें साबुन बनाने के लिए उपयोग किए गए बर्तनों को केवल साबुन बनाने के लिए ही रखे अन्य किसी भी चीज में उपयोग न करें।
अब इन सभी को रसोई मापक की मदद से नाप लें। 
•	नारियल का तेल – 240.4 ग्राम
•	जैतून का तेल - 354 ग्राम
•	कॉफी – 224 ग्राम
•	लाइ – 91.3 ग्राम
•	1 बड़ा चम्मच कॉफी की तलछट और 1/3 कप जई का भूसा। 
साबुन बनाने की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप एक अच्छे हवादार क्षेत्र में हैं। इसके बाद सुरक्षात्मक रूप से कॉफी में लाइ मिलाएं और उन्हें तब तक मिश्रित करें जब तक ये पूरी तरह घुल नहीं जाते। थोड़ी ही देर में इनमें एक रासायनिक प्रतिक्रिया शुरू होने लगेगी और मिश्रण काफी गर्म हो जाएगा। तब इसे एक तरफ रख दें। इस प्रक्रिया को करते समय चश्मा और चहरे के मास्क (mask) को आप हटा सकते हैं, लेकिन हाथों में दस्ताने अवश्य पहने रखें। इसके बाद नारियल के तेल को कम आंच में पिघलाएं और जब वह अच्छी तरह पिघल जाएं तो उसमें जैतून के तेल को डाल दें। जंगरोधी लोह तापमापी (Anti-ferrous thermometer) से तेल और लाइ का तापमान तब तक नापें जब तक वे 100 या 110 डिग्री के भीतर समायोजित नहीं करते हैं। तभी तेल में लाइ का घोल डालें, और मिश्रण को गाढ़ा होने तक फेंटते रहें यानि जब तक मिश्रण हलवा जैसा न दिखाई दें। इस प्रक्रिया में यदि स्टिक ब्लेंडर का उपयोग करेंगे तो 5 से 10 मिनट का समय लगेगा।
 
एक बार जब साबुन का मिश्रण गाढ़ा हो जाएगा, तो चम्मच या स्पैटुला (spatula) से कॉफी के तलछट और जई के चोकर को मिश्रित करें। इसके बाद धीरे धीरे मिश्रण को साबुन के सांचे में डालें। मिश्रण में मौजूद किसी भी प्रकार के हवा के बुलबुले को हटाने के लिए साँचे को काउंटर (counter) में हल्का-हल्का मारे। चर्मपत्र कागज के साथ साँचे को ढकें, और फिर इसे संवाह करने के लिए पूरे साँचे को एक तौलिया के साथ लपेटें। 24 से 48 घंटों के बाद, तौलिया को हटा दें, और साबुन को साँचे से बाहर निकालें। यदि आपने अलग-अलग सांचों के बजाय एक बड़े सांचे का उपयोग किया है, तो किसी भी धारधार चाक़ू की मदद से साबुन को छोटे भागों में काटें। साबुन को छोटे भागों में काटने के बाद, आपको उन्हें किसी हवादार क्षेत्र में चार सप्ताह के लिए रखना होगा। यह साबुन को सैपोनिफिकेशन की प्रक्रिया को खत्म करने और सभी अतिरिक्त पानी को वाष्पित करने की अनुमति देता है।
संदर्भ :-
1. https://www.vox.com/2020/3/18/21185262/how-soap-kills-the-coronavirus
2. https://www.weforum.org/agenda/2020/03/coronavirus-soap-covid-19-virus-hygiene/
3. https://www.goodhousekeeping.com/home/cleaning/a20705805/how-to-make-homemade-soap/
4. https://www.insider.com/why-soap-is-better-defense-against-coronavirus-than-hand-sanitizer-2020-3
चित्र सन्दर्भ:
1. Pixabay.com - Handwash
2. Pixabay.com - Handwash
3. Pixseql.com - Handwash
4. Youtube.com - Hand soap DYI
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        