लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा

वास्तुकला I - बाहरी इमारतें
11-03-2018 08:44 AM
लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा

लखनऊ अपनी विशिष्ट इमारतों व उनकी विशेष कला के लिये जाना जाता है यहाँ पर अनेक अद्भुत महल, मस्जिद, इमामबाड़ा, मकबरों आदि का निर्माण किया गया है। लखनऊ में बने इमारतों का सीधा श्रेय अवध के चौथे नवाब असफ-उद-दौला को जाता है जिन्होंने लखनऊ को अवध की राजधानी बनायी। उनको लखनऊ के शुरूआती दौर के विकास के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। असफ-उद-दौला लखनऊ के पहले नवाब थे जिन्होंने यहाँ पर महल, बगीचे, धार्मिक व अन्य इमारतों की रचना करवाई। असफ-उद-दौला द्वारा बनवाये गए शुरूआती और सबसे बड़ी ईमारत लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा था। यह इमामबाड़ा-ए-असफी नाम से भी जाना जाता है, यह पुराने शहर की आज भी सबसे बड़ी इमारत है।

नवाब ने इस इमामबाड़ा का निर्माण 1783-84 में आये भुखमरी के दौरान लोगों को रोजगार देने के लिए किया था और इसके निर्माण कार्य में करीब बीस हज़ार लोगों को रोजगार मिला था। इसके निर्माण में कई मशहूर हस्तियाँ भी मजदूरी का कार्य कर रही थी तथा उनको दर था की कहीं उनको कार्य करते हुए कोई और देख न ले इस लिए नवाब ने इसका निर्माण शाम व रात्रि में कराने का फैसला लिया। रात्रि के समय का कार्य नौसीखियों द्वारा किया जाता था जिससे वह ठीक तरीके से नहीं होता था बाद में दिन के समय उसको तोड़ कर राजगीरों द्वारा उसको पुनः बनाया जाता था। यह इमामबाड़ा 6 सालों में तैयार हुआ तथा करीब इसपर एक करोड़ रूपए का खर्च हुआ। इस इमामबाड़े के आकर को किफ़ायत-उल्लाह के द्वारा बनाया गया था। इस इमामबाड़े की कला इंडो-सारसैनिक है जिसमे कुछ मुग़ल और राजपूत कला के अंग दिखाई देते हैं।

1.इनक्रेडिबल लखनऊ: ए विजिटर्स गाइड, सैयद अनवर अब्बास