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जीव-जंतु 305
कोहम? यानी 'मैं कौन'? यह प्रश्न हर इंसान को उसकी जिंदगी में कभी कभी तो सोचने के लिए मजबूर करता है। अगर इस प्रश्न की आध्यात्मिकता को हम थोड़ी देर नजरंदाज करें और सिर्फ वैज्ञानिक सत्य की बात करें तो भी यह प्रश्न उतना ही गहन सोच में डालने वाला है। हम सभी जीव चाहे वो पशु हो या पक्षी कोशिका से बने हैं। कुछ जीव एककोशिक होते हैं और कुछ बहुकोशिक। कोशिकाओं के विविध प्रकार होते हैं जो उस जीव को परिभाषित करते हैं। कोशिकाएं हर जीव-शरीर की बुनियादी संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाईयां हैं।
कोशिकाओं की संरचना के आधार पर जीव जंतु को वर्गों में विभाजित किया हुआ है। प्रमुखता से कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैं: प्रोकैरियोटिक (Prokaryotic) और यूकैरियोटिक (Eukaryotic) जिसमें प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ प्रायः स्वतंत्र होती हैं जबकि यूकैरियोटिक कोशिकाएँ, बहुकोशीय प्राणियों में पायी जाती हैं। दोनों में सबसे महत्वपूर्ण अंतर है उनका केन्द्रक, प्रोकैरियोटिक कोशिका में स्पष्ट केन्द्रक नहीं होता लेकिन यूकैरियोटिक में संगठित केन्द्रक पाया जाता है जो एक आवरण से ढका होता है। प्रोकैरियोटिक कोशिका की संरचना बहुत ही सरल होती है लेकिन यूकैरियोटिक कोशिका की संरचना जटिल होती है।
बहुकोशीय जीवों में सबसे जटिल जीव है मानव। मानव में विविध प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, स्नायु, नस, खून आदि। एक विशिष्ट कार्य करने वाली कोशिकाएं एक साथ मास-तंतु निर्माण करती हैं। विशिष्ट कार्य करने वाले मास-तंतु एक साथ आकर अवयव निर्माण करते हैं। ऐसे विविध अवयव एक साथ आकर निकाय और उसकी प्रणाली का निर्माण करते हैं। मनुष्य में ऐसी 11 प्रमुख प्रणालियाँ हैं: पाचक, नस-तंत्रिका, श्वसन आदि।
मानव प्रकृति की बनाई एक ऐसी मशीन है जिसे आज तक विज्ञान भी पूरी तरह नहीं समझ पाया है।
1. http://people.eku.edu/ritchisong/301notes1.htm
2. साइंस फॉर नाइनथ क्लास पार्ट-1 बायोलॉजी: लखमीर सिंह, मंजीत कौर