रेबीज़ व कैट स्क्रैच ज्वर जैसे पशुजन्य रोगों के प्रति, जागरुकता की है जरूरत

बैक्टीरिया, प्रोटोज़ोआ, क्रोमिस्टा और शैवाल
06-07-2024 08:43 AM
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रेबीज़ व कैट स्क्रैच ज्वर जैसे पशुजन्य रोगों के प्रति, जागरुकता की है जरूरत

आइए, आज पशुजन्य रोग(ज़ूनोटिक रोग – Zoonotic diseases) को समझें, जो संक्रामक बीमारी होती है। ये बीमारीयां जानवरों से मनुष्यों में फैलती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में 200 से अधिक पशुजन्य रोग ज्ञात हैं। आज, 6 जुलाई के दिन, विश्व पशुजन्य रोग दिवस(World Zoonosis Day) इन्हीं संक्रामक रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। कुछ सबसे घातक पशुजन्य रोगों में, रेबीज़(Rabies) शामिल है, जो स्तनधारियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह एक वायरस के कारण होता है, और आमतौर पर एक संक्रमित जानवर द्वारा दूसरे जानवर या व्यक्ति को काटने से फैलता है। इन रोगों का एक अन्य उदाहरण कैट स्क्रैच ज्वर(Cat scratch fever) है, जो बिल्ली के काटने या खरोंच के माध्यम से लोगों में फैलता है। चलो, पढ़ते हैं।
दरअसल, पशुजन्य रोग कोई भी रोग या संक्रमण होता है, जो प्राकृतिक रूप से कशेरुक जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। मनुष्यों में नई और मौजूदा बीमारियों का एक बड़ा प्रतिशत, पशुजन्य रोगों से संबंधित है। हालांकि, कुछ पशुजन्य रोग, जैसे रेबीज़, को टीकाकरण और अन्य तरीकों से पूरी तरह से रोका जा सकता है। पशुजन्य रोगजनक बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी हो सकते हैं। इसके अलावा, ये रोग अपरंपरागत वाहकों के माध्यम से भी हो सकते हैं, और जानवरों से सीधे संपर्क, भोजन, पानी या पर्यावरण के माध्यम से मनुष्यों में फैल सकते हैं। कृषि में और प्राकृतिक वातावरण में, जानवरों के साथ हमारे घनिष्ठ संबंध के कारण, वे दुनिया भर में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये रोग भोजन और अन्य उपयोगों के लिए, पशु उत्पादों के उत्पादन और व्यापार में भी, व्यवधान पैदा कर सकते हैं।
कुछ मौजूदा बीमारियां, जैसे एचआईवी(HIV), पशुजन्य रोग के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन, बाद में मानव बीमारी में बदल गई। अन्य पशुजन्य रोग, बार-बार फैलने का भी कारण बन सकते हैं, जैसे कि – इबोला वायरस(Ebola virus) रोग और साल्मोनेलोसिस(Salmonellosis)। जबकि, कोरोना वायरस, जो कोविड-19 का कारण बनता है, में वैश्विक महामारी पैदा करने की क्षमता है।
हम आज इस विषय पर बात कर रहे हैं, क्योंकि, पशुजन्य रोगों के लिए, दिए गए पहले टीकाकरण के सम्मान हेतु, हर वर्ष 6 जुलाई को ‘विश्व पशुजन्य रोग दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य, इन बीमारियों के बारे में लोगों को शिक्षित व जागरूक करना और संवाद करना है। 1885 में इसी दिन फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुई पाश्चर(Louis Pasteur) द्वारा, रेबीज़ के टीके की पहली खुराक देने की ऐतिहासिक घटना की याद में, 6 जुलाई को विश्व पशुजन्य रोग दिवस के रूप में मान्यता दी गई है। यह लुई पाश्चर और अन्य वैज्ञानिकों के योगदान को याद करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने पशुजन्य रोगों से निपटने के लिए कई टीकों का आविष्कार किया। एक तरफ़, प्रत्यक्ष रुप से संक्रमित पशुजन्य रोग का एक उदाहरण, एवियन इन्फ्लूएंजा(Avian influenza) है। यह एक वायरल बीमारी है, जो वायरस से युक्त तरल घटकों की बूंदों या फ़ोमाइट्स(Fomites) के माध्यम से फैलती है। दूसरी ओर, संक्रमित जानवर काटने के माध्यम से भी, रोगजनकों को सीधे संवेदनशील मनुष्यों में स्थानांतरित कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, रेबीज़। साथ ही, रोगजनकों को वेक्टर (डेंगू बुखार) के माध्यम से भी, मानव शरीर में संचारित किया जा सकता है। मच्छरों और टिक्स(ticks) जैसे कीड़ों को अक्सर एकमात्र वाहक माना जाता है। हालांकि, कोई भी जानवर जो मानव में रोगजनक संचारित करने की क्षमता रखता है, उसे वेक्टर(vector) माना जा सकता है।
रेबीज़ रोग एक वायरस के कारण होता है, जो रबडोविरिडे(Rhabdoviridae) परिवार से संबंधित है। जब कोई जानवर (कुत्ता, चमगादड़, बंदर, स्कंक(skunk), रैकून(raccoon) या लोमड़ी) किसी इंसान को काटता है, तो यह वायरस उनकी लार के माध्यम से, सीधे मानव शरीर में प्रवेश करता है। रेबीज़ एक ऐसी बीमारी है, जो स्तनधारियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। सौभाग्य से, रेबीज़ को टीकाकरण द्वारा प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।
दूसरी ओर,कैट स्क्रैच ज्वर, बार्टोनेला हेन्सेला(Bartonella henselae) के कारण होने वाला एक जीवाणु संक्रमण है। यह आम तौर पर, बिल्ली के काटने या खरोंच के माध्यम से लोगों में फैलता है। अधिकांश स्वस्थ लोगों में, इसके कोई लक्षण विकसित नहीं होते हैं, और हल्के संक्रमण वाले लोग आमतौर पर बिना किसी उपचार के ठीक हो जाते हैं। लेकिन, कुछ पशुजन्य बीमारियां बहुत गंभीर और घातक भी हो सकती हैं। वायरल रक्तस्रावी बुखार (जैसे कि, इबोला वायरस और मारबर्ग वायरस[Marburg virus]) में मृत्यु दर अधिक होती है। अधिकांश, अन्य बीमारियां इलाज योग्य हैं, और शायद ही कभी घातक होती हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2wkb3rrw
https://tinyurl.com/47hfpa6d
https://tinyurl.com/2bd8rzdf
https://tinyurl.com/y723tf7t
https://tinyurl.com/5n77wsud
https://tinyurl.com/3ur32thw

चित्र संदर्भ

1. एक बिल्ली द्वारा हाथ पर लगाई गई खरोंच को दर्शाता चित्रण ( Rawpixel, flickr)
2. रेबीज़ से पीड़ित व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण ( PICRYL)
3. खरगोश के मस्तिष्क में रेबीज वायरस का इंजेक्शन लगाते हुए लुई पाश्चर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. रेबीज़ वायरस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)