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1. संगाई हिरण: संगाई हिरण, मणिपुर का राज्य पशु है, और यह मणिपुर के लिए अद्वितीय भी है। यह 'एल्ड्स हिरण (Eld’s Deer) की एक उप-प्रजाति है। यह मुख्य रूप से 'केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान' (Keibul Lamjao National Park) में लोकतक झील के दक्षिणी भाग में पाया जाता है। संगाई हिरण को एक लुप्तप्राय और स्थानिक प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है और माना जाता है कि 1950 तक यह लगभग विलुप्त हो गया था। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद, अधिकारियों द्वारा आयोजित 2016 की जनगणना के अनुसार इनकी आबादी लगभग 260 हो गई है।
2. नीलगिरि तहर: नीलगिरि तहर, तमिल नाडु राज्य का राज्य पशु है और पश्चिमी घाट में पाया जाता है। यह, एक प्रकार का खुरदार जानवर है जो केवल भारत में ही पाया जाता है। इसके प्राकृतिक आवास मुख्यतः तमिलनाडू, केरल और दक्षिणी भारत के अन्य राज्य हैं। नीलगिरि तहर को उसके छोटे मोटे फ़र और घुमावदार सींगों से पहचाना जा सकता है जो 40 सेंटीमीटर तक पहुंच सकते हैं।
3. लायन टेल्ड मकाक (Lion-tailed macaque): लायन टेल्ड मकाक, दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली एक अनोखी और लुप्तप्राय प्रजाति है। इसका नाम, इसकी पूँछ के कारण पड़ा है, जो दिखने में शेर की पूँछ के समान होती है। लायन टेल्ड मकाक, दुनिया भर में, मकाक की सबसे दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है। लायन टेल्ड मकाक को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इन्हें, वनों की कटाई और विखंडन के साथ-साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष और अवैध शिकार के कारण निवास स्थान के नुकसान से महत्वपूर्ण खतरों का सामना करना पड़ता है और इसी कारण इनकी आबादी में कमी आई है।
5. नीलगिरि ब्लू रॉबिन (Nilgiri Blue Robin): नीलगिरि ब्लू रॉबिन, एक पैसेराइन पक्षी है जो मुख्य रूप से दक्षिणी भारत के शोला जंगलों में पाया जा सकता है। अपने मोटे सफ़ेद पेट से पहचाने जाने वाले, ये पक्षी घने जंगलों में पाए जाते हैं और कठोर खड़खड़ाहट के साथ बार-बार आवाज़ करते हैं। किन्तु निवास स्थान के नुकसान के कारण, यह प्रजाति भी खतरे में है।
6. फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल (Flame throated bulbul): फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल, एक सुंदर और रंगीन पक्षी प्रजाति है जो केवल पश्चिमी घाट में पाई जाती है। फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल गोवा का राज्य पक्षी भी है।
7. मोटल्ड वुड उल्लू (Mottled wood owl): मोटल्ड वुड उल्लू, भारत में पाए जाने वाले उल्लुओं की सबसे दिलचस्प प्रजातियों में से एक है। ये उल्लू, अपनी भयानक आवाज़ से अनजान लोगों को भयभीत कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों द्वारा उल्लू की आवाज़ को अपशकुन भी माना जाता है। उल्लू की यह प्रजाति केरल में मुख्य रूप से देखी जा सकती है।
8. मालाबार तोता: नीले पंखों वाला मालाबार तोता, मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक और तमिल नाडु राज्यों सहित दक्षिणी भारत की पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला में पाया जाता है। ये, विशेष रूप से, इन छेत्रों के सदाबहार और अर्ध-सदाबहार जंगलों में देखा जा सकता है।
9. नीलगिरि लंगूर: नीलगिरि लंगूर, जिसे नीलगिरि पत्ता बंदर या भारतीय हुड पत्ता बंदर भी कहा जाता है, दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट में पाए जाने वाले लंगूर की एक प्रजाति है। ये ज़्यादातर नीलगिरि पहाड़ियों, 'साइलेंट वैली नेशनल पार्क' और कूर्ग के कुछ हिस्सों में पाए जा सकते हैं।
10. वन उल्लू: गंभीर रूप से लुप्तप्राय वन उल्लू, केवल भारत में पाया जाता है। ये पक्षी अत्यंत दुर्लभ है । वर्तमान में, ये महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में कुछ स्थानों में देखा जा सकता है |
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