प्रार्थना के प्रकार

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
16-04-2018 12:07 PM
प्रार्थना के प्रकार

विभिन्न धर्मों में प्रार्थनाओं का एक अपना अलग ही महत्व व प्रकार होता है। हिन्दू प्रार्थना पर यदि हम नज़र डालें तो यह प्रातः काल से शुरू होकर संध्या काल तक एक निश्चित अंतराल पर होती है। हिन्दू और मुस्लिम प्रार्थनाओं में एक अत्यंत महत्वपूर्ण समानता है और वह यह है कि हिन्दू प्रार्थना की तरह ही मुस्लिम प्रार्थना प्रातः से संध्या काल के आधार पर ही आधारित है। मुस्लिम प्रार्थनाओं पर यदि नज़र डालें तो ये प्रमुख रूप से 4 प्रकार की होती हैं-

1. फर्द
2. वाजिब
3. सुन्नत
4. नफ्ल

फर्द का शाब्दिक अर्थ है जरूरी इस्लाम में 5 जरूरी प्रार्थना का प्रावधान है जो कि दिन के समय के आधार पर आधारित होती हैं। ये 5 प्रार्थना निम्नवत हैं-

1. फज्र
2. ज़ुह्र
3. अस्र
4. मघ्रिब
5. ईशा

उपरोक्त लिखे सभी प्रार्थनाओं का एक अर्थ है, जैसे फज्र अर्थात सुबह, ज़ुह्र या दुहुर अर्थात दोपहर, अस्र अर्थात वह समय जब दोपहर ढली न हो और शाम चढ़ी न हो, मघ्रिब अर्थात पश्चिम और अंत में ईशा अर्थात शाम।

दिए गए तथ्यों से हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रार्थना का केंद्र बिंदु सूर्य है और सभी धर्मों में प्रार्थना सूर्य की गति और स्थिति के अनुरूप होती है। सिख धर्म में भी यदि देखा जाए तो प्रार्थना सूर्य की स्थिति के आधार पर ही होती है।

1. https://www.alislam.org/library/book/salat/types-of-prayers-and-number-of-rakats/
2. http://namaz-rakats.blogspot.in/2011/04/total-rakat-in-five-times-namazsalah.html