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फ़र्नीचर हमारे घर का एक अभिन्न हिस्सा है। चाहे फ़र्नीचर आधुनिक हो या पारंपरिक, अपने घर को कार्यात्मक बनाने और उसमें सौंदर्य का तत्व जोड़ने के लिए फ़र्नीचर की आवश्यकता होती है। जबकि फ़र्नीचर विभिन्न सामग्रियों से बना हो सकता है, प्राकृतिक लकड़ी से बने फ़र्नीचर की अपनी अलग ही गरिमा होती है। 2023-2024 के दौरान, भारत में लगभग 102 मिलियन क्यूबिक मीटर छोटे आकार की लकड़ी और 37 बिलियन क्यूबिक मीटर, मध्यम और बड़े आकार की प्राकृतिक लकड़ी का उत्पादन हुआ । हालांकि यह उत्पादन देश की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। आप सभी इस बात से सहमत होंगे, कि देवदार की लकड़ी, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अद्वितीय सुगंधित गुणों के साथ, पारंपरिक से लेकर समकालीन फ़र्नीचर तक के लिए बहुत पसंद की जाती है। इसके प्राकृतिक स्थायित्व, कीट-विकर्षक गुणों, सुखद सुगंध और कालातीत सौंदर्य के कारण यह लकड़ी किसी भी वातावरण के लिए उपयुक्त है। तो आइए, आज हाल के वर्षों के दौरान भारत में लकड़ी के उत्पादन और खपत की स्थिति को समझने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही, हम देवदार की लकड़ी की विशेषताओं और इसके पैटर्न के बारे में जानेंगे और इस लकड़ी से बनने वाले कुछ सबसे आम फ़र्नीचर पर कुछ प्रकाश डालेंगे। अंत में, हम भारत में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की देवदार की लकड़ी के बारे में बात करेंगे।
हाल के वर्षों के दौरान, भारत में लकड़ी के उत्पादन और खपत की स्थिति:
2017 में 'द इंटरनेशनल ट्रॉपिकल टिम्बर ऑर्गनाइजेशन' (International Tropical Timber Organization (ITTO)) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2015 में लगभग 50 मिलियन एम3 (M3) लकड़ी का उत्पादन किया गया, जिसमें से बेहद कम हिस्से का निर्यात किया गया था। इस वर्ष प्राथमिक लकड़ी उत्पादों का निर्यात मूल्य 72.6 मिलियन डॉलर से अधिक था। भारत में लकड़ी से हस्तशिल्प, लुगदी और कागज़, प्लाईवुड (Plywood) और लकड़ी के फ़र्नीचर सहित अर्ध-प्रसंस्कृत और मूल्य वर्धित लकड़ी उत्पादों की एक समृद्ध श्रृंखला तैयार की जाती है, जिनमें से विशेष रूप से लकड़ी के हस्तशिल्प का निर्यात बढ़ रहा है।
हालाँकि भारत उष्णकटिबंधीय लकड़ी के दुनिया के शीर्ष उत्पादकों में से एक है, यह दुनिया में लकड़ी के उत्पादों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से भी एक है। भारत में केवल घरेलू आपूर्ति से लकड़ी के उत्पादों की मांग की पूर्ति नहीं हो पाती है, इसलिए यह उष्णकटिबंधीय लकड़ी के सबसे अधिक आयातक देशों में से एक है। हालाँकि, भारत के उष्णकटिबंधीय लकड़ी के उपभोग स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में 2017 में गिरावट देखी गई। भारत के इसके आयात में लगातार गिरावट जारी है, जो 2017 में 2.6 मिलियन m3 और 2018 में 2.4 मिलियन m3 तक गिर गया है। आयात में यह गिरावट, भारत के प्लाईवुड उद्योग में मांग के स्तर को दर्शाती है।
देवदार फ़र्नीचर की विशेषताएं:
देवदार की लकड़ी से बना फ़र्नीचर न केवल सुंदर है, बल्कि इस उत्कृष्ट सामग्री के अंतर्निहित गुणों के कारण इसके कई लाभ भी हैं:
देवदार की लकड़ी के सामान्य उपयोग:
देवदार की लकड़ी के कई अनुप्रयोग हैं। यह प्राकृतिक रूप से कीट प्रतिरोधी है, इसलिए इसका उपयोग, अक्सर बाहरी अनुप्रयोगों, जैसे आउटडोर फ़र्नीचर के लिए किया जाता है। हालाँकि, इसके विशिष्ट लाल रंग और सुगंध के कारण, देवदार का उपयोग अक्सर पेटी और मेज़ जैसे इनडोर फ़र्नीचर बनाने के लिए भी किया जाता है। इसके कुछ विशिष्ट प्रकारों का उपयोग नावों, संगीत वाद्ययंत्रों और अन्य छोटी वस्तुओं को बनाने के लिए भी किया जाता है।
देवदार की लकड़ी के विभिन्न प्रकार:
अनावृतबीजी वृक्ष के रूप में, देवदार की लकड़ी अक्सर गांठदार होती है और आमतौर पर सीधे दाने वाली होती है।
भारत में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की देवदार की लकड़ी:
संदर्भ
मुख्य चित्र में देवदार की लकड़ी के तने और पेड़ का स्रोत : Wikimedia