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भारत में पक्षियों की जैव विविधता अत्यंत समृद्ध है, लेकिन आज यह विविधता संकट के दौर से गुजर रही है। बर्ड्स ऑफ इंडिया (Birds of India) की आधिकारिक वेबसाइट और प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ ( IUCN ) रेड लिस्ट (Red list) के अनुसार भारत में 182 प्रजातियाँ ऐसी हैं जिन्हें क्रिटिकली एंडेंजर्ड (Critically Endangered), एंडेंजर्ड (Endangered), वल्नरेबल (Vulnerable) और नियर थ्रेटन्ड (Near Threatened) की श्रेणी में रखा गया है। इनमें से कई पक्षी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए स्थानीय (endemic) हैं, जिनका अस्तित्व अब खतरे में है।
सबसे पहले बात करें ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard) की — यह भारत की सबसे बड़ी उड़ने वाली पक्षियों में से एक है और अब लगभग विलुप्ति की कगार पर है। राजस्थान के अर्ध-शुष्क मैदानों में मिलने वाला यह पक्षी अब बहुत कम दिखाई देता है। इसी प्रकार, रेड हेडेड वल्चर (Red-headed Vulture) और फॉरेस्ट ऑउलेट (Forest Owlet) भी गंभीर संकट में हैं। इनकी संख्या दवाइयों के दुष्प्रभाव और वनों की कटाई के कारण तेजी से घटी है। फॉरेस्ट ऑउलेट जो कभी विलुप्त मान लिया गया था, अब केवल मध्य भारत के कुछ जंगलों में ही पाया जाता है।
पहले वीडियो में हम उन पक्षियों को देखेंगे जो विलुप्ति की कगार पर हैं।
नीचे दिए गए लिंक के ज़रिए हम भारत में पाए जाने वाले संकटग्रस्त पक्षियों पर एक नज़र डालेंगे।
स्पून-बिल्ड सैंडपाइपर (Spoon-billed Sandpiper), जर्डन'स कोर्सर (Jerdon’s Courser) और बंगाल फ्लोरिकन (Bengal Florican) जैसी प्रजातियाँ भी भारी खतरे में हैं। इनके प्राकृतिक आवास जैसे आर्द्रभूमियाँ और घास के मैदान खेती और शहरीकरण की वजह से समाप्त हो रहे हैं। हिमालयन क्वेल (Himalayan Quail) और व्हाइट-बेली हेरॉन (White-bellied Heron) जैसे पक्षी अब केवल कुछ स्थानों तक ही सीमित रह गए हैं।
नीचे दिए गए वीडियो में हम भारत के लुप्तप्राय पक्षियों को देखेंगे, जिनकी संख्या अब खत्म होने की कगार पर है।
आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से कुछ प्रवासी पक्षी भी हैं, जैसे साइबेरियन क्रेन (Siberian Crane) और सोशिएबल लैपविंग (Sociable Lapwing), जो हर साल भारत आते थे लेकिन अब उनकी आवाजाही में भारी कमी देखी जा रही है। येलो-ब्रेस्टेड बंटिंग (Yellow-breasted Bunting) जैसे पक्षी तो चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया में भोजन के रूप में खपत के कारण लगभग गायब ही हो गए हैं।
नीचे दिए गए लिंक में हम दुनिया के कुछ विलुप्त हो चुके पक्षियों को देखेंगे।
इन पक्षियों को बचाने के लिए कठोर संरक्षण प्रयास, जन-जागरूकता और उनके आवास की रक्षा बेहद जरूरी है। इनका अस्तित्व सिर्फ एक प्रजाति की रक्षा नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए जरूरी है। अगर आज हम नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियों को ये अद्भुत जीव केवल किताबों में ही देखने को मिलेंगे।
संदर्भ-